सनातन को  मिटाने का षडयंत्र। सनातन सत्य है सदा है चिरन्तन है निरंतर है। हर काल में हर युग में हर खंड में सनातन रहा मिटा नहीं। विदेशी भी अपना रहे है सनातन धर्म।मिट गये सनातन को मिटाने वाले,सनातन न मिटा है न मिटेगा।सनातन धर्म आज भी जीवित है और हमेशा रहेगा। सनातन मिटाने का षडयंत्र..!

शिवानंद मिश्रा

जहां एक ओर हिन्दू धर्म के केंद्र माने जाने वाले भारत में हिन्दू धर्म और भारतीय संस्कृति को लेकर आये दिन बवाल मचा रहता है और इसके विस्तार पर तरह तरह के आरोप लगते हैं, वहीं दूसरी तरफ विश्व बड़ी तेजी से हिन्दू_धर्म और भारतीय_संस्कृति अपना रहा है।  हिन्दुओं के एकदम विपरीत माने जाने वाले यहूदियों और ईसाईयों में भारतीय संस्कृति का अच्छा प्रभाव देखने को मिल रहा है ।

रिवहोल्ट जनरल में प्रकाशित आंकड़ों के अनुसार रूस, अमेरिका, इजराइल, आस्ट्रेलिया, जर्मनी और यूरोप जैसे आधुनिक देशो में लोग सनातन धर्म की वैज्ञानिकता से काफी प्रभावित हैं और दिन प्रतिदिन लोगों का इस पर विश्वास बढता जा रहा है । विश्व के सबसे संपन्न देश जर्मनी ने जहां पहले ही सनातन धर्म की महत्ता समझ ली थी और भारतीय संस्कृति तथा संस्कृत भाषा के लिए अपने द्वारा खोल दिए थे , वहीं अब रूस, इजराइल, अमेरिका जैसे देशों में भारतीय परंपराओं का प्रसार बड़ी तेजी से किया जा रहा है ।

वर्तमान में भारत के बाद यदि हिन्दू धर्म का कोई दूसरा केंद्र है तो अमेरिका है, जिसका प्रमुख कारण अमेरिकन लोगों का तेजी से हिन्दू परंपराओं को अपनाना है।योग मेडिटेशन हो या फिर ॐ, गायत्री मंत्र और महामृत्युंजय मंत्र का जाप, पश्चिमी जगत से बडी संख्या में लोग इसे सीखने भारत आ रहे हैं।  इसके साथ ही भारतीयों ने विश्वभर में केंद्र खोलकर इनसे पश्चिमी लोगों को परिचित कराना शुरू कर दिया है । वर्तमान में अकेले अमेरिका में ही सैकड़ों योग केंद्र हैं जहां प्रतिदिन लोग बडी मात्रा में एकत्रित होते हैं।

विश्व के सबसे व्यस्त क्षेत्र में गिने जाने वाले न्यूयॉर्क के टाइम्स स्क्वायर में हर वर्ष बडे स्तर पर योग कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं । रिपोर्ट बताती है कि हिन्दू परंपराओं के प्रति पश्चिम का केवल आम जनमानस ही आकर्षित नहीं अपितु नेताओं और प्रसिद्ध लोगो (सेलेब्रिटीज) में भी इसका अच्छा खासा आकर्षण देखने मिल रहा है । जहां पहले पश्चिमी लोग हिन्दू परंपराओं को सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर ही धारण करते थे वहीं अब वो इसका खुलकर प्रदर्शन करते हैं । इस्कॉन का बढ़ता दायरा सामने है । हिन्दू धर्म में कलाई में बांधे जाने वाले कलावे को अब यहूदी ईसाई भी धारण कर रहे हैं ।

हॉलीवुड सेलेब्रिटीज और भारत आने वाले पश्चिमी लोगों के हाथ में कलावा बांधने का चलन बढ़ रहा है । व्हाइट हाउस की दिवाली चर्चित हो चुकी है । हॉलीवुड फिल्मों में भी अब बडे स्तर पर हिन्दू प्रतीकों का प्रयोग होने लगा है  जिसे सकारात्मकता की नजर से देखा जाता है । हाल ही में हॉलीवुड के प्रख्यात कलाकार सिल्वेस्टर स्टेलोन भारत में अपने बेटे का हिन्दू परंपराओं से श्राद्ध करने आए थे । इसी तरह दक्षिण अफ्रीकन क्रिकेटर जोंटी रोड्स ने भी मानसिक_शान्ति के लिए हिन्दू मन्दिरों में यज्ञ_हवन किया । मात्र यही नहीं अपितु रोड्स भारत से इतने प्रभावित थे कि उन्होंने अपनी बेटी का नाम भी ‘इंडिया’ रखा हुआ है । बहुत से विदेशी ऋषिकेश , पुष्कर , गया और वृन्दावन में विचरते देखे जा सकते हैं। 

वर्तमान में विश्व की सबसे चर्चित मार्क जुकरबर्ग ने भी हाल ही में बताया था कि कैसे जब वे एकदम निराश हो चुके थे , तब उन्हें नैनीताल स्थित हिन्दू मन्दिर में आकर ऊर्जा मिली जिसके पश्चात् उन्होंने नित नई कामयाबी की ऊँचाइयाँ चढीं ।  जुकरबर्ग को इस पवित्र मन्दिर में आने की सलाह भी एक और हस्ती स्टीव जॉब्स ने दी थी जो स्वयं हिन्दू परंपराओं से बहुत प्रभावित थे । वे स्वयं भी भारत आये थे । भारत आकर जॉब्स ने काशी हरिद्वार ऋषिकेश नैनीताल स्थित कई हिन्दू मन्दिरों के दर्शन किये थे और अध्यात्म का भरपूर आनंद लिया था ।

प्रधानमंत्री की रूस यात्रा के समय रूस की चर्चित गायिका ने भी हिन्दू धर्म के प्रति अपने आकर्षण के विषय में बताया था । मात्र यही नहीं अपितु उन्होंने पीएम मोदी से रूस में एक भव्य मन्दिर बनवाने की भी अपील की । अमेरिकन राजनीति में भी अब हिन्दुओं का काफी बोलबाला है । अमेरिका में उच्च पदों पर तो हिन्दू हैं ही, इसके साथ ही अमेरिकी संसद में भी हिन्दुओं का प्रभाव बढ़ रहा है । एक सर्वे के अनुसार अमेरिका में हिन्दू सबसे ज्यादा शिक्षित और पढ़े लिखे हैं । संपन्नता और शिक्षा में अमेरिका का हिन्दू समाज यहूदियों और ईसाईयों को मीलों पीछे छोड़ता है । अमेरिका में बडे स्तर पर हिन्दू मन्दिरों और मठों का निर्माण किया जा रहा है । अमेरिका के पड़ोसी देश कनाडा में भी बड़ी मात्रा में हिन्दू समुदाय रहता है । कनाडा की राजनीति में भी हिन्दुओं का अच्छा प्रभाव है ।

इसी तरह ब्रिटेन में भी हिन्दुओं का अच्छा प्रभाव है । ब्रिटेन में हिन्दुओं की ताकत का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि, अब वहां हिन्दुओं को वोट बैंक की तरह भी लिया जाने लगा है । पिछले दिनों लंदन के स्थानीय चुनावों में हिन्दुओ को आकर्षित करने के लिए उम्मीदवारों ने हिन्दू प्रतीकों के साथ प्रचार भी किया था । भारतीय मूल के ऋषि सुनक वहां के पीएम रह चुके हैं । आस्ट्रेलिया में भी योग और हिन्दू परंपराओं के प्रति लोगों में काफी आकर्षण देखा जा रहा है । जहां पहले इन देशों के ईसाई हिन्दू परंपराओं से कन्नी काटते थे और पिछडा समझते थे वहीं आज गर्व से वे उन्हें धारण कर रहे हैं ।

इजराइल और यहूदियों में हिन्दू धर्म का सबसे ज्यादा प्रभाव देखने मिल रहा है । यहां के यहूदी बडी मात्रा में भारत आते हैं और हिन्दू परंपराओं से जुडते हैं।अपने संप्रदाय के प्रति धरती पर सबसे ज्यादा कट्टर माने जाने वाले यहूदी बडे स्तर पर हिन्दू धर्म अपना रहे हैं।एशिया के लगभग तमाम देशों में सनातन हिन्दू संस्कृति पहले ही व्याप्त है। कभी सारा संसार सनातन था।सनातन मूल्य सदा रहेंगे भी। सनातन मिटाने का षडयंत्र..!