भाजपा के संकल्प पत्र में वर्णित 70 लाख रोजगार देने का वादा हुआ हवा-हवाई। करोड़ों रुपए की लागत से हुए इन्वेस्टर समिट से पैदा हुए रोजगार का हिसाब दे योगी। बेरोजगारी के चलते यूपी के छात्र-नौजवानों में गहरी निराशा और हताशा।
बृजेन्द्र कुमार सिंह
लखनऊ, उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी और युवाओं में रोजगार को लेकर बढ़ती हताशा को लेकर योगी आदित्यनाथ पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने योगी सरकार पर चुनाव के समय रोजगार को लेकर जनता से किये गए वादे से मुकरने का आरोप लगाते हुए मौजूदा सरकार को छात्र-युवाओं के प्रति असंवेदित बताया।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि आज प्रदेश चैतरफा अव्यवस्था से जूझ रहा है। विकास अवरुद्ध है, जनता आर्थिक रूप से टूट चुकी है, छात्र नौजवान बेरोजगारी की मार झेल रहे है। उन्होंने कहा कि वैश्विक महामारी में प्रदेश के लाखों लोग अन्य राज्यों में अपने चलते हुए काम धंधे छोड़ कर घर आने पर विवश हुए थे। लॉकडाउन के चलते लाखो लोगो ने अपना रोजगार खोया था, मुख्यमंत्री योगी उनको समायोजित करने के बजाए लाई चना बिकवाने का प्रहसन कर उनका मजाक उड़ा रहे है।
प्रदेश अध्यक्ष ने जारी बयान में कहा कि भाजपा और मुख्यमंत्री योगी ने चुनाव पूर्व प्रदेश की जनता से घूम-घूम कर 70 लाख रोजगार सृजन यानी 14 लाख प्रति वर्ष रोजगार देने का वादा किया था। पर साढ़े तीन साल बीत जाने के बाद मुख्यमंत्री योगी ने कल खुद स्वीकार किया है कि साढ़े तीन वर्षों में 3 लाख लोगो को रोजगार दिया है। इससे यह साबित होता है कि बेरोजगारी कि स्थिति बहुत भयावह है। यही बात प्रदेश के श्रम मंत्री मेरे द्वारा पूंछे गए प्रश्न के जवाब में कह चुके है कि प्रदेश बेरोजगारी की स्थिति बहुत भयावह है, रोजगार के अवसर कम हुए है।
2018 के मुकाबले 2019 में बेरोजगारी दोगुनी हुई है। श्रम मंत्री ने लिखित जवाब में कहा है कि 18 में बेरोजगारी दर 5.92 प्रतिशत थी जो 2019 में बढ़ कर 9.97 प्रतिशत हो गयी। उन्होंने योगी पर आरोप लगाया कि योगी सरकार कोई नया रोजगार युवाओं को उपलब्ध नही करा पाई है। प्रदेश में भाजपा राज में कोई भी नही फैक्ट्री, पी.एस.यू. की स्थापना हुई जिसके चलते नए रोजगार सृजन हुए हों। पिछले सालों में जो भी भर्ती की परीक्षा हुई है भ्रष्टाचार के भेंट चढ़ी है। प्रदेश का युवा बेरोजगारी की मार से बेहाल है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रदेश की योगी सरकार नये रोजगार सृजन के मामले में पूरी तरह फेल हो चुकी है। जिन युवाओं को ख्वाब दिखाकर वे सत्ता में आये थे आज बेरोजगारी के चलते हताशा और निराशा में डूब गये हैं। उन्होंने आगे कहा कि जब युवा रोजी-रोटी की चिन्ता में नौकरी मांगता है, अटकी भर्तियों को घोषित करने की मांग करता है तो भाजपा के नेता कुत्ता पालने, खिलौना बनाने, पकौड़ा बनाने की सलाह देते हैं, जिससे यह साफ होता है कि नेतृत्व का शिक्षा, रोजगार और युवाओं के भविष्य से कोई सरोकार नहीं है।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार छात्रों-नौजवानों का दर्द समझने और उसको निस्तारित करने के बजाय ऐसे बयान देकर उनके जख्मों पर नमक छिड़कने का काम करती है। एक तरफ तो सरकार रोजगार नहीं दे पा रही है तो दूसरी तरफ जो रोजगार में है या किसी तरह रोजगार पाये हैं उनको नये-नये कानून बनाकर डरा-धमका रही है। सरकार 50 वर्ष से अधिक उम्र वाले कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्त करने का दबाव बनाती है तो वहीं नयी नियुक्ति वालों को 5 साल संविदा पर रखने के लिए ‘‘मिजरेबल की परफोरमेन्श इंडिकेटर फार्मूला’’ को आधार बनाकर उनको डराने का काम करती है। मौजूदा समय राज्य कर्मचारियों का एक बड़ा हिस्सा लगभग 70 फीसदी समूह ग और समूह घ से आता है।