मुख्यमंत्री ने जनपद वाराणसी में कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु किए जा रहे कार्यों एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा की,जनपद वाराणसी के कोविड अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं होनी चाहिए। एल-2 व एल-3 श्रेणी के कोविड अस्पतालों को सुदृढ़ किया जाए। कोविड तथा नाॅन कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग डायलिसिस मशीनों की व्यवस्था की जाए।वाराणसी में 4,000 से 4,500 टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं,सर्विलांस, काॅन्टैक्ट टेªसिंग तथा डोर-टू-डोर सर्वे गतिविधियोंके लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मैन पावर की तैनाती की जाएनिजी चिकित्सालयों में निर्धारित दरों पर ही उपचार की व्यवस्था हो।
लखनऊ, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि जनपद वाराणसी के कोविड अस्पतालों में बेड्स की कमी नहीं होनी चाहिए। होम आइसोलेशन की व्यवस्था अनुमन्य किए जाने के बाद एल-1 कोविड चिकित्सालय की आवश्यकता में कमी आयी है। इसलिए एल-2 व एल-3 श्रेणी के कोविड अस्पतालों को सुदृढ़ किया जाए। जनपद वाराणसी के भ्रमण के अवसर पर बी0एच0यू0 सभागार में आहूत एक बैठक में कोविड-19 महामारी से बचाव हेतु किए जा रहे कार्यों एवं व्यवस्थाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जिन अस्पतालों में डायलिसिस की सुविधा उपलब्ध है, वहां कोविड तथा नाॅन कोविड मरीजों के लिए अलग-अलग डायलिसिस मशीनों की व्यवस्था की जाए।
कोविड-19 की टेस्टिंग में वृद्धि के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि वाराणसी में 4,000 से 4,500 टेस्ट प्रतिदिन किए जाएं। यह सुनिश्चित किया जाए कि सैम्पल का जांच परिणाम 24 घण्टे में आ जाए, ताकि जांच में पाॅजिटिव पाए गए मरीज का इलाज तत्काल शुरू हो सके। सर्विलांस, काॅन्टैक्ट टेªसिंग तथा डोर-टू-डोर सर्वे गतिविधियों को बढ़ाने के निर्देश देते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इसके लिए आवश्यकतानुसार अतिरिक्त मैन पावर की तैनाती की जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि डाॅक्टर एवं नर्सिंग स्टाफ वाॅर्ड में नियमित राउण्ड लें। उन्होंने कहा कि एच0एफ0एन0सी0 (हाई फ्लो नेज़ल कैन्युला) के अच्छे परिणाम आ रहे हैं। इस उपचार विधि को बढ़ावा दिया जाए। मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों से नियमित संवाद रखते हुए उनके स्वास्थ्य की जानकारी प्राप्त की जाए। यह कार्य इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर के माध्यम से सम्पन्न किया जाए। किसी मरीज में लक्षण मिलने पर उसे तत्काल अस्पताल में भर्ती करते हुए उपचार किया जाए। उन्होंने इन्टीग्रेटेड कमाण्ड एण्ड कण्ट्रोल सेण्टर की व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने के निर्देश भी दिए।
बी0एच0यू0 पूर्वी उत्तर प्रदेश सहित समीपवर्ती अन्य राज्यों के मरीजों के बेहतर इलाज के लिए जाना जाता है। इसलिए इस संस्थान को अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए अपनी प्रतिष्ठा के अनुरूप परिणाम देने चाहिए। इस सम्बन्ध में प्रदेश सरकार से जो मदद की अपेक्षा होगी, वह उपलब्ध करायी जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाए कि निजी चिकित्सालयों में निर्धारित दरों पर ही उपचार की व्यवस्था हो। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निरीक्षण किया जाए। उन्होंने कहा कि रोगी के अस्पताल में आने पर सबसे पहले उसका एन्टीजन टेस्ट कराकर कोविड के सम्बन्ध में जांच की जाए। इस व्यवस्था को निजी चिकित्सालयों में भी लागू कराया जाए। बैठक में जिलाधिकारी द्वारा जनपद वाराणसी के कोविड अस्पतालों में बेड्स की व्यवस्था, सैम्पलिंग, सर्वे, दवा वितरण आदि के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में अब तक 1,06,840 सैम्पल की जांच हो चुकी है। जनपद का रिकवरी रेट 75.5 प्रतिशत है। इस अवसर पर राज्य सरकार के मंत्री डाॅ0 नीलकण्ठ तिवारी एवं रवीन्द्र जायसवाल सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।