सुंदर खुशबू ने कांग्रेस से दिया इस्तीफा,भाजपा का थामा दामन

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खुशबू सुंदर का जन्म 29 सितंबर 1970 को मुंबई में हुआ था। खुशबू ने अपना फिल्मी करियर बचपन में ही शुरू कर दिया था। खुशबू के व्यक्तिगत जीवन की बात करें तो उनका विवाह एक्टर, फिल्म डायरेक्टर सुंदर सी से 2000 में हुआ था। दोनों की दो बेटी हैं, जिनका नाम अवंतिका और आनंदिता है, जिनके नाम पर प्रोडक्शन हाउस अवनी सिनेमैक्स की शुरुआत की गई है। खुशबू पिछले 34 वर्षों से चेन्नई में रह रही हैं।

खुशबू सुंदर के फिल्मी करियर की शुरुआत हिंदी फिल्म ‘द बर्निंग ट्रेन’ (1980) में एक बाल कलाकार के रूप में हुआ। वह एक बाल कलाकार के रूप में हिंदी फिल्मों ‘नसीब’, ‘लावारिस’, ‘कालिया’, ‘दर्द का रिश्ता’ और बेमिसाल का भी हिस्सा थीं। बाद में, 1985 में, उन्होंने ‘जानू’ में जैकी श्रॉफ के साथ अभिनय किया। उन्होंने 1990 में ‘दीवाना मुझ सा नहीं’ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, जिसमें आमिर खान और माधुरी दीक्षित ने अभिनय किया। 

कांग्रेस पार्टी ने सोमवार को खुशबू सुंदर को तत्काल प्रभाव से राष्ट्रीय प्रवक्ता पद से हटा दिया। अब वे भाजपा में शामिल हो गई हैं। सुंदर को दक्षिण भारत में कांग्रेस पार्टी के चर्चित चेहरों के रूप में देखा जाता था। ऐसे में आइए जानते हैं, कौन हैं खुशबू सुंदर और क्या रहे हैं उनसे जुड़े विवाद। 

खुशबू सुंदर 200 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुकी हैं। तमिल फिल्मों के अलावा उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में भी काम किया है। 1980 से 1985 के बीच उन्होंने कई हिंदी फिल्मों में काम किया।  फिर  उन्होंने तमिल फिल्मों का रुख किया। रजनीकांत, कमल हासन जैसे अभिनेताओं संग किया काम,खुशबू ने मुख्य रूप से तमिल फिल्मों में अभिनय किया और वह यहां एक अग्रणी अभिनेत्री बन गईं। उन्होंने मलयालम, कन्नड़ और तेलुगु फिल्मों में भी काम किया है। अपने करियर के दौरान, उन्होंने रजनीकांत, कमल हासन, चिरंजीवी जैसे शीर्ष अभिनेताओं के साथ काम किया है। उनकी लोकप्रियता ऐसी है कि उनके प्रशंसकों द्वारा उन्हें एक मंदिर समर्पित किया गया है।

साल 2010 में खुशबू सुंदर की राजनीति में एंट्री हुई। डीएमके के साथ की थी राजनीति की शुरुआत,उन्होंने डीएमके का दामन थामा था। तब तमिलनाडु में पार्टी सत्ता में थी। उस समय उन्होंने कहा था, ‘मुझे लगता है कि मैंने सही निर्णय लिया है। मुझे लोगों की सेवा करना बहुत पसंद है। मैं महिलाओं की भलाई के लिए काम करना चाहती हूं।’

हालांकि चार साल बाद जब उन्होंने डीएमके छोड़ी तो कहा था, ‘द्रमुक के लिए कड़ी मेहनत एक तरफा रास्ते की तरह था।’ उसी साल 2014 में सोनिया गांधी से मिलने के बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गईं। तब उन्होंने कहा था, ‘आखिरकार मैं अपने घर आ गई हूं। कांग्रेस एकमात्र ऐसी पार्टी है जो भारत के लोगों के लिए अच्छा और देश को एकजुट कर सकती है।’  

खुशबू सुंदर का असली नाम नखत खान है। बहुत कम लोगों को इस बात की जानकारी है कि वह मुस्लिम हैं। नाम बदलने को लेकर अक्सर ही उन्हें ट्रोल किया जाता है। नाम बदलने को लेकर हुए विवाद के बाद उन्होंने कहा था कि जब वह सात साल की थी, तभी से उन्हें परिवार में खुशबू के नाम से बुलाया जाता था और इसी नाम से जानी जाती थीं। शादी के बाद उन्होंने अपने पति का उपनाम अपने नाम के साथ जोड़ लिया। इस तरह उन्हें खुशबू सुंदर के नाम से जाना जाने लगा। खुशबू सुंदर ने बताया कि उनके दोस्त और परिवार वाले अभी भी उन्हें नखत के नाम से ही जानते हैं। 

केंद्र सरकार ने जब नई शिक्षा नीति को मंजूरी दी तो कांग्रेस पार्टी ने इस नीति का विरोध किया। वहीं, खुशबू सुंदर ने मोदी सरकार की नई शिक्षा नीति का स्वागत किया। उन्होंने पार्टी लाइन से अलग जाने के लिए राहुल गांधी से ट्वीट कर माफी भी मांगी।

खुशबू ने शिक्षा नीति को लेकर कहा था, ‘नई शिक्षा नीति 2020 पर मेरे विचार मेरी पार्टी से अलग हैं और मैं इसके लिए राहुल गांधी से माफी मांगती हूं। लेकिन मैं कठपुतली या रोबोट की तरह सिर हिलाने के बजाए तथ्यों पर बात करती हूं। हर चीज पर हम अपने नेता से सहमत नहीं हो सकते हैं लेकिन एक नागरिक के तौर पर बहादुरी से अपनी राय रखने का साहस रख सकते हैं।’ 

सुंदर ने दूसरे ट्वीट में कहा, ‘राजनीति महज शोर मचाने के लिए नहीं है, इसके बारे में मिलकर साथ काम करना है और भाजपा, पीएमओ को इसे समझना होगा। बतौर विपक्ष, हम इस पर विस्तार से देखेंगे और खामियों को भी बताएंगे। भारत सरकार को नई शिक्षा नीति से जुड़ी खामियों को लेकर हर किसी को विश्वास में लेना चाहिए।’

साल 2019 के लोकसभा चुनाव के वक्त उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वे एक शख्स को थप्पड़ मारती दिखाई दे रही थीं। इस पर सुंदर ने कहा था कि जब वह बंगलूरू सेंट्रल के इंदिरा नगर से कांग्रेस प्रत्याशी के लिए वोट मांग रही थीं, तभी भीड़ में खड़े एक शख्स ने उन्हें पीछे से पकड़ने की कोशिश की। ऐसा करने पर उन्होंने शख्स को थप्पड़ जड़ दिया था। 

 भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सीटी रवि, तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष एल मुरूगन, भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा और राज्यसभा सदस्य जफर इस्लाम की मौजूदगी में उन्होंने यहां भाजपा मुख्यालय में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की।  भाजपा नेताओं ने विश्वास जताया कि उनके आने से तमिलनाडु में पार्टी का विस्तार होगा. अगले साल वहां राज्य विधानसभा के चुनाव होने हैं।