प्रियंका कि लोकप्रियता से डरी योगी सरकार-सुप्रिया श्रीनेत

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कांग्रेस की 26 दिसंबर को लखनऊ में तय लड़कियों की मैराथन को योगी सरकार ने नहीं दी इजाज़त। कांग्रेस ने की निन्दा।प्रियंका गांधी के प्रति यूपी की लड़कियों के आकर्षण को देखकर डर गयी योगी सरकार।सीएम योगी ने आज ही इकाना स्टेडियम में लाखों की भागीदारी के दावे के साथ कार्यक्रम किया, क्या वहां धारा 144 नहीं है, क्या भाजपा के कार्यक्रम में कोविड का खतरा नहीं।कुछ दिन पहले पर्यटन विभाग ने उसी 1090 चौराहे से मैराथन करायी थी, फिर लड़की हूं, लड़ सकती हूं मैराथन पर क्यों।

सचिन रावत

लखनऊ । भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्त सुप्रिया श्रीनेत ने प्रेस वार्ता कर भाजपा सरकार पर दोहरे मापदंड अपनाये जाने का अरोप लगाते हुए कहा कि कल दिनांक 26 दिस्म्बर 2021 को होनी वाली लड़की हूं लड़ सकती हूं मैराथन दौड़ प्रतियोगिता पर योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा रोक लगाना भाजपा की महिला विरोधी सोच और लोकतंत्र में दोहरे मापदंड को प्रदर्शित करता है।

कल लखनऊ के 1090 चौराहे से शुरू होनी वाली मैराथन दौड़ में प्रदेश की नारी शक्ति जो कल प्रतियोगिता में शामिल होने की तैयारी कर चुकीं थी।  सरकार ने कोविड प्रोटोकाल हवाला देकर इजाजत नहीं दी जबकि आज ही भाजपा ने इकाना स्टेडियम में हजारों लोगों की भीड़ एकत्रित की, अभी प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने मैराथन दौड़ करायी उन पर कोविड प्रोटोकाल का कोई भी नियम लागू नहीं था। और धारा 144 भी उनके लिए नहीं थी। यह दोहरा मापदंड दिखाता है कि भाजपा विपक्षी नेताओं को और उनके कार्यक्रमों को अलोकतांत्रिक तरीके से रोककर तानाशाही रवैया अपना रही है। प्रदेश की नारी शक्ति भाजपा सरकार से सवाल पूछ रही है कि क्या चुनाव के समय सिर्फ भाजपा ही अपने कार्यक्रम करेगी उन पर कोई भी कोविड प्रोटोकॉल का नियम लागू नहीं होता।

सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि हमें ‘‘लडकी हूं लड़ सकती हूं’’ मैराथन दौड़ प्रतियोगिता की अनुमति इसलिए नहीं मिली क्योंकि प्रदेश की लड़कियों का झुकाव कांग्रेस पार्टी की तरफ दिख रहा है। क्योंकि कांग्रेस पार्टी महिलाओं के हक की बात कर रही है, उनके सम्मान की बात कर रहीं है। इससे भाजपा घबराकर और डरकर कार्यक्रमों पर रोंक लगा रही है,ं लेकिन सरकार के इस तानाशाही रवैये को प्रदेश की महिलायें समझ रहीं हैं।कांग्रेस पार्टी अपने इस अभियान को रोंकने वाली नहीं है हमें कितना प्रयास करना पड़े चाहे जितनी आवाज उठानी पडे। महिलाओं के सम्मान और स्वामिमान के लिए इस कार्यक्रम को करायेंगे। चाहे जिस अथारिटी पर जाना पडे।