उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 5 साल बाद भी 24 घंटे बिजली नहीं दे पा रही है योगी सरकार। शहरों में 24 घंटे और गांव में 16 घंटे बिजली देने का वादा था योगी सरकार का। कम उत्पादन और खरीदारी, जर्जर ट्रांसफार्मर और तार की वजह से अघोषित कटौती करने को मजबूर है योगी सरकार ।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में 5 साल होने को है पर अपने वादे के अनुरूप शहर में 24 घंटे और गांव में 16 घंटे बिजली दे पाने में नाकामयाब है उत्तर प्रदेश की योगी- 2 सरकार। योगी सरकार से पहले उत्तर प्रदेश की सरकार के लिए पूर्व केंद्रीय ऊर्जा एवं कोयला मंत्री पीयूष गोयल जी कहते थे कि देश में पर्याप्त बिजली है मगर उत्तर प्रदेश सरकार खरीदती नहीं इसलिए 24 घंटे बिजली के लिए उत्तर प्रदेश में डबल इंजन की सरकार की जरूरत है। मगर उत्तर प्रदेश में पिछले 5 साल से डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद भी शहरों को 15 घंटे से अधिक और गांव में 8 घंटे से अधिक बिजली नहीं मिल रही है
उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता संजय सिंह ने कहा कि योगी जी के वादे के अनुसार और स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की ओर से गांवों में 16 घंटे, तहसीलों में 21 घंटे, बुंदेलखंड में 19 घंटे तथा जिला, मंडल व महानगरों में 24 घंटे आपूर्ति का दावा किया जा रहा है लेकिन जमीनी हालात अलग हैं। महानगरों में 15 घंटे और गांवों में बमुश्किल सात-आठ घंटे ही आपूर्ति हो पा रही है।
कम उत्पादन, आवश्यकता के अनुरूप कम खरीदारी, जर्जर तार और ट्रांसफार्मरों की ओवरलोडिंग के चलते बिजली कटौती चरम पर है। जर्जर सिस्टम के कारण लोगों को रोस्टर के अनुसार बिजली आपूर्ति नहीं हो पा रही है। गांवों में बेतहाशा कटौती हो रही है जबकि शहरों में भी हालात बदतर हैं। उ0प्र0 की राजधानी लखनऊ को स्मार्ट सिटी घोषित किया गया था और मुख्यमंत्री, सारे मंत्री एवं अधिकारी लखनऊ में ही निवास करते हैं।
लखनऊ के ही तमाम इलाकों में घंटों की अघोषित कटौती से गर्मी में लोगों का जीना मुहाल हो गया है। लखनऊ के सरोजनी नगर क्षेत्र में एक दिन रिकॉर्ड 40 बार बिजली कटौती हुई। बच्चों के इम्तिहान चल रहे हैं, बच्चे भी बिजली कटौती से परेशान हैं। उत्तर प्रदेश सूखाग्रस्त घोषित हो चुका है बिजली कटौती से पूर्ण रूप से सिंचाई नहीं हो पा रही और किसान भी परेशान है ।अत्यधिक बिजली कटौती की वजह से उद्योग धंधे भी चौपट हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में अभी चुनाव खत्म हुआ है और योगी सरकार 2024 चुनाव की तैयारी में जुट गई है। 2022 चुनाव में जनता के साथ जो वादे किए गए थे उन्हें पूरा करने के बजाय योगी जी का चुनाव पर ही ध्यान है। सरकार महंगाई, रोजगार, बिजली, सूखा आदि जनता के मुद्दों पर काम करे अन्यथा 2024 में भाजपा केंद्र सरकार से बाहर हो जाएगी।