
डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़कर आत्मनिर्भर बन रहे हजारों कामगार। योगी सरकार के सेवामित्र पोर्टल से बदली तस्वीर, घर बैठे कामगारों को मिल रहा रोजगार। लोगों को घर बैठे मिल रही प्लंबर, बढ़ई, मैकेनिक जैसी सेवाएं, पोर्टल पर हुई 39,857 सेवा बुकिंग। हेल्पलाइन नंबर पर 38 लाख से अधिक कॉल्स रिसीव, सेवामित्र बना जनता का भरोसेमंद प्लेटफॉर्म। कामगारों के लिए खुले रोजगार के नए द्वार, स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार को मिला बढ़ावा। पोर्टल पर 52 हजार से अधिक कुशल कामगार पंजीकृत, हुई ₹27 लाख से अधिक की आमदनी। डिजिटल सेवा, पारदर्शिता और आत्मनिर्भरता का मॉडल बना योगी सरकार का सेवामित्र पोर्टल। तकनीक से तरक्की आत्मनिर्भर बन रहे कामगार तकनीक से तरक्की आत्मनिर्भर बन रहे कामगार
लखनऊ। योगी सरकार तकनीक के सहारे शासन-प्रशासन को अधिक पारदर्शी और जनहितैषी बनाने की दिशा में लगातार काम कर रही है। इसी कड़ी में सेवायोजन विभाग द्वारा विकसित सेवामित्र पोर्टल प्रदेश में न सिर्फ घरेलू सेवाओं की आसान उपलब्धता का माध्यम बना है, बल्कि यह हजारों कुशल कामगारों के लिए रोजगार का सशक्त जरिया भी सिद्ध हो रहा है। योगी सरकार के इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से जुड़कर हजारों कामगार आत्मनिर्भर बन रहे हैं।
हेल्पलाइन पर आए 38 लाख कॉल्स, 39 हजार से अधिक सेवा बुकिंग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश न केवल तकनीकी रूप से आगे बढ़ रहा है, बल्कि ‘आत्मनिर्भर प्रदेश’ की ओर ठोस कदम भी बढ़ा रहा है। जून 2025 तक सेवामित्र पोर्टल की प्रगति पर नजर डालें तो अब तक कुल 39,857 सेवा बुकिंग की जा चुकी हैं। यह आंकड़ा स्पष्ट करता है कि प्रदेश की जनता इस सुविधा को तेजी से अपना रही है और उन्हें इसका लाभ भी मिल रहा है। साथ ही, सेवामित्र हेल्पलाइन टोल फ्री नंबर 155330 पर 38,49,028 कॉल्स रिसीव की गईं। सेवामित्र पोर्टल के माध्यम से योगी सरकार का उद्देश्य है कि प्रदेश के नागरिकों को प्लंबर, इलेक्ट्रिशियन, मैकेनिक, एसी तकनीशियन, बढ़ई, धोबी आदि जैसी दैनिक घरेलू सेवाएं घर बैठे उपलब्ध हो। साथ ही, कुशल कामगारों को उनके घर के नजदीक ही काम मिले, जिससे उन्हें दूसरे शहरों की ओर पलायन न करना पड़े। इस दोहरे उद्देश्य की पूर्ति आज सफलतापूर्वक होती दिख रही है।
स्वरोजगार को मिला डिजिटल आधार, कामगारों की आमदनी में इजाफा
एक और उल्लेखनीय तथ्य यह है कि सेवामित्र प्लेटफॉर्म पर कार्य करने वाले सेवा प्रदाताओं को ₹27,53,794 की धनराशि उनके वॉलेट के माध्यम से प्राप्त हो चुकी है। योगी सरकार की यह पहल केवल उपभोक्ताओं के लिए ही नहीं, बल्कि कामगारों के लिए भी आर्थिक रूप से लाभकारी सिद्ध हो रही है। वर्तमान समय में 52,349 कुशल कामगार इस पोर्टल पर पंजीकृत हैं। इनमें बड़ी संख्या में ऐसे युवक-युवतियां शामिल हैं जो तकनीकी या व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद अपने क्षेत्र में काम करना चाहते थे, लेकिन उन्हें सही प्लेटफॉर्म नहीं मिल पा रहा था। सेवामित्र योजना ने उन्हें न केवल काम दिलाया, बल्कि सम्मान और आत्मनिर्भरता भी दी।
स्थानीय कामगारों को मिल रहा काम, जनता को मिल रही सुविधा
पोर्टल की कार्यप्रणाली पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी है। उपभोक्ता पोर्टल या मोबाइल ऐप के जरिए अपनी ज़रूरत की सेवा बुक कर सकते हैं और उसी के अनुसार निकटतम पंजीकृत सेवा प्रदाता को कार्य आवंटित होता है। सेवा पूरी होने के बाद उपभोक्ता सेवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन भी करता है, जिससे सुधार की गुंजाइश बनी रहती है। योगी सरकार का उद्देश्य है कि इस पोर्टल को भविष्य में और भी सेवाओं से जोड़ा जाए तथा हर जिले और नगर निकाय तक इसका विस्तार किया जाए। इससे छोटे कस्बों और ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। सरकार की मंशा है कि इस पोर्टल के जरिए अधिक से अधिक स्थानीय रोज़गार सृजित हों और हर वर्ग को लाभ मिले।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी दिख रहा है यूपी का हुनर
मुख्यमंत्री ने बताया कि 25 से 29 सितंबर, 2025 को नोएडा के इंडिया एक्सपो सेंटर में आयोजित होने वाले इंटरनेशनल ट्रेड शो में भी उत्तर प्रदेश के उत्पादों को प्रदर्शित किया जाएगा। वहां पर बायर-सेलर मीट होती है। कोई कल्पना भी नहीं करता था कि यूपी में इस तरह की चीजों का प्रोडक्शन होता होगा। पहले साल चार लाख लोग, दूसरी बार 5 लाख लोग इसके सहभागी बने थे। यह उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल का एक बहुत बड़ा प्लेटफॉर्म बन चुका है। यह प्रदेश के ‘लोकल टू ग्लोबल’ विजन को आगे बढ़ाने का सशक्त मंच है।
ओडीओपी बना आत्मनिर्भर भारत की आधारशिला
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि 2017 में जब उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार बनी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मार्गदर्शन में तैयार लोक कल्याण संकल्प पत्र में वादा किया गया था कि परंपरागत उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए विशेष योजना लाई जाएगी। सरकार बनने के बाद प्रदेशभर का अध्ययन कराया गया और पाया कि हर जिले में कुछ न कुछ परंपरागत उद्यम हैं, लेकिन भ्रष्टाचार, अराजकता और पलायन के कारण यह क्षेत्र लगभग दम तोड़ चुका था। इसी चुनौती को अवसर में बदलते हुए सरकार ने 2018 में ‘वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट’ (ओडीओपी) योजना की शुरुआत की। यह योजना आज देश में एक ब्रांड बन चुकी है और उत्तर प्रदेश के निर्यात को 86,000 करोड़ से बढ़ाकर 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक कर चुकी है। उन्होंने कहा कि पहले त्योहारों पर चीन का सामान बाजारों में छाया रहता था, लेकिन आज स्थानीय उत्पाद और ओडीओपी गिफ्ट्स हर घर तक पहुंच रहे हैं। स्थानीय कारीगर, उद्यमी और हस्तशिल्पी सीधे लाभान्वित हो रहे हैं। इसके साथ ही 2019 में विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शुरू की गई, जिसके तहत परंपरागत कारीगरों को प्रशिक्षण, टूलकिट और सम्मान दिया जा रहा है। सीएम योगी ने स्पष्ट किया कि जो समाज अपने कारीगरों को सम्मान नहीं देता, उसका भविष्य नहीं होता।
लीक से हटकर चलिए, सफलता जरूर मिलेगी
मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण और युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमारे संस्थान एक तरह से ‘टापू’ बन चुके हैं, जिनका समाज और स्कीमों से जुड़ाव टूटता जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब जानकारी नहीं होती, तो युवा गलत स्कीम में फंसते हैं। कर्ज के बोझ से टूट जाते हैं। पलायन के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। लेकिन अब ऐसा नहीं होगा। सीएम युवा योजना न केवल युवाओं को स्वरोजगार की दिशा में प्रेरित कर रही है, बल्कि उन्हें “जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर” भी बना रही है। सीएम योगी ने बताया कि उत्तर प्रदेश की हस्तशिल्प, कुटीर और एमएसएमई इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने के लिए कई योजनाएं शुरू की गई हैं। आज उत्तर प्रदेश में कोई भी नया उद्यम शुरू करने पर पहले 1000 दिन तक किसी प्रकार की लाइसेंस बाध्यता नहीं है। साथ ही, 5 लाख रुपए का बीमा कवर भी दिया जा रहा है। तकनीक से तरक्की आत्मनिर्भर बन रहे कामगार
























