- किसान मोदी पर भरोसा नहीं करते ।
- किसानों के साथ जबरदस्ती नहीं कर सकती सरकार ।
- किसान अपना हक लेकर ही घर लौटेगा किसानों को खैरात नहीं उनका उनको हक चाहिए ।
- किसान और लोकदल दोनों ही सड़क पर अपना पक्ष रख रहे है ।
- मोदी और योगी की विदाई जनता ने तय कर ली है ।
- उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री का चेहरा किसान ही होगा ।
- भगवान’ का घर बनाने के नाम पर वोट मांग रहा है तो कोई जिन्ना के नाम पर ।
- भारतीय जनता पार्टी हो या बीजेपी की बी पार्टी बसपा सपा हो सभी ने किसानों,महिला,जनता, बेरोजगारों युवा, को झुनझुना ही दिया है ।
- 2022 विधानसभा चुनाव में किसानों की सरकार चुनने वाली है। अबकी बार किसानों की सरकार ।
आज 04 दिसंबर को बुलंदशहर के कार्यक्रम लोकदल एवं राष्ट्रीय पंचायती राज संगठन के तत्वाधान में चौधरी सुनील सिंह ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए प्रधानमंत्री को चुनौती दी है कि एमएसपी बिल की गारंटी लिए बिना किसान घर वापस नहीं जाएंगे। श्री सिंह ने आगे कहा है कि सोच दमदार काम इमानदार की होल्डिंग पूरे प्रदेश में लगी हुई है सरकार की मंशा विज्ञापनों पर ज्यादा धरातल पर कुछ दिखाएं नहीं देने पर आगे कहां है कि यदि सरकार की सोच इमानदार होती तो आज किसान 1 वर्ष से अपने हक की लड़ाई सड़कों पर नहीं लड़ रहा होता। सरकार की सोच दिखाने को कुछ करने की कुछ मानसिकता की है। श्री सिंह ने कहा है कि किसान मोदी जी पर विश्वास नहीं करते हैं तीन काले कृषि कानूनों को वापस ले लिया हो।
एमएसपी तकनीकी रूप से सभी खेती लागतों पर न्यूनतम 50 फीसदी रिटर्न सुनिश्चित करता है। किसानों को इसका सबसे बड़ा फायदा यह मिलता है कि यदि फसल का भाव गिर भी जाता है तो सरकार एमएसपी पर किसानों से फसल खरीदती है। एक तरह से एमएसपी के जरिए किसानों को अधिक फसल उपजाने के लिए प्रेरित किया जाता है।
एक वर्ष से किसान आंदोलन कर रहे प्रदर्शनकारी अपने घरों को वापस क्यों नहीं गए हैं? क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर किसानों को विश्वास ही नहीं है।यह वहीँ प्रधानमंत्री हैं जो कहते थे कि यह मेरा बड़प्पन है कि मैं ऐसे ही बिल लेकर आया हूं।आज वही कह रहे हैं कि यह मेरा बड़प्पन है कि हम इन कृषि कानूनों में वापस ले रहे हैं। ऐसे कन्फ्यूजन में कौन उन पर विश्वास कर सकता है। किसानों के मुद्दे थे, जिनमें से एक एमएसपी भी है। सरकार किसानों की हितैषी बनने का ढोंग कर रही है यह ढोंग जनता कुछ समझ में आ गया है भाजपा के झूठे वादों से प्रदेश की जनता तंग आ चुकी है। सत्ता में आने के बाद भाजपा नेताओं ने जनता की उम्मीदें तोड़ दी और चुनाव में किए वादों को 5 वर्ष झूठ के साथ काट लिया है आगामी विधानसभा 2022 के चुनाव में जनता जवाब देने के लिए बैठी हुई है। सिंह ने आगे कहा की जब तक सरकार एमएसपी पर पूर्ण गारंटी नहीं देती तब तक किसान हटने वाला नहीं सरकार को किसान आंदोलन की कारपोरेटपरस्त नीतियों को बदलने, सी 2 प्लस के आधार पर एमएसपी पर कानून बनाने, विद्युत संशोधन अधिनियम 2021 की वापसी, पराली जलाने सम्बंधी कानून को रद्द करने, लखीमपुर नरसंहार के दोषी केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी और गिरफ्तारी और आंदोलन के दौरान लगाए सभी मुकदमों की वापसी जैसी मांगों पर किसानों बैठे हुए हैं किसान अपना हक लेकर ही घरों को लौटेंगे सरकार गारंटी देने के लिए तैयार नहीं है।
सरकार जब तक एमएसपी कानून की गारंटी नहीं लेगी तब तक किसानों की सड़क से संसद तक की लड़ाई चलती रहेगी। भारतीय जनता पार्टी द्वारा गुमराह करने वाली झूठी घोषणाएँ,शिलान्यास,भूमिपूजन,करोड़ों की राशि के झूठे आँकड़े परोस कर जनता को भ्रमित करने का खेल फिर शुरू ? हो गया है। जिसको जनता को समझना और सतर्क रहने की जरूरत है सत्ता पर काबिज है वो आज भी निकायो के विकास के रोडमैप ही बना रहे है,विकास के सपने ही दिखा रहे है ? जनता इनके भ्रम में नहीं आने वाली है देश में सबसे ज्यादा बेघर लोगों की संख्या यूपी के कानपुर शहर में है। और विडम्बना ये कि इस बेघर लोगों के राज्य में भाजपा कई दशकों से ‘भगवान’ का घर बनाने के नाम पर वोट मांग रही है। चुनाव के समय पर भारतीय जनता पार्टी को याद आती है तो वहीं सपा को जिन्ना। श्री सिंह ने कहा है कि यह लोग फिर एक बार हिंदू मुस्लिम भाइयों को लड़ाने का काम करेंगे पर इन से सावधान रहने की जरूरत है।विधानसभा चुनाव होने हैं, क्या सरकार के पास जनता को दिखाने के लिए कोई विकास कार्य है? अगर है, तो लोगों को सांप्रदायिक हिंसा की आग में झोंकने की कोशिश क्यों किया जा रहा है?
बीजेपी के एक बार फिर धर्म के एजेंडे के सहारे चुनावी नैया पार लगाना चाहती है, पर जनता पूरी की पूरी नाव डूबने की तैयारी में विधानसभा 2022 के चुनाव में तैयार बैठी है। श्री सिंह ने आगे कहा की किसी झूठ को इतनी बार कहो कि वो सच बन जाए और सब उस पर यक़ीन करने लगें इसी फार्मूले पर बसपा, सपा और भाजपा चल रही है।
2022 विधानसभा चुनाव में किसानों की सरकार चुनने वाली है।अबकी बार किसानों की सरकार बनेगी,यानी अबकी बार उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री का चेहरा किसान ही होगा।