अब्दुल जब्बार
अयोध्या/भेलसर। भीषण गर्मी से जहां जनमानस परेशान हैं, वहीं बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ देखी जा सकती है।दिन में निकल रही तेज धूप को देखकर किसान सोचने पर मजबूर हैं कि कैसे होगी रोपे गए धान की सिंचाई। मौसम का मिजाज देख किसान मायूस होते जा रहा हैं। इंद्र देवता की कृपा न होने से धान व गन्ने की खेती पर असर देखने को मिल रहा है।रोपाई के समय हुई मूसलाधार बारिश से किसानों ने जैसे तैसे धान की रोपाई तो कर दी लेकिन क्या पता था कि बारिश का इंतजार करना पड़ेगा। मौसम का तेवर तल्ख़ किसान मायूस
जनपद अयोध्या में लगभग दो सप्ताह से मौसम का तेवर बहुत तल्ख है।कभी-कभी बादलों की लुकाछुपी चलती है जिसको देख किसान उम्मीद पाल बैठते हैं कि शायद अब बरसात हो जाए और धानो को जी भर पानी मिल जाए परंतु अभी तक इनकी उम्मीदें पूरी नहीं हो सकी हैं।फ़सल को अब बचाए रखने में पसीने छूट रहे हैं।निजी संसाधन से पानी के जरिए इन्हें बचाया जा रहा है जिसमें अतिरिक्त धन खर्च हो रहा है। किसान दानिश हुसैन व अब्दुल वहीद ने कहा कि बारिश के भरे मौसम में सुखा जैसा मौसम है।जुलाई की 25 तारीख भी हो गई लेकिन बारिश की आस में आज भी किसान आसमान की तरफ टक टकी लगाएं हुए हैं।
इस आस में कि बारिश होगी तो फसल भी अच्छी होगी।उन्होंने कहा कि गरीब किसानों ने खाद, बीज और जुताई के लिए अपनी जमा पूंजी भी लगा दी लेकिन अब सिंचाई के लिए भी मंहगे संसाधन का सहारा लेना पड़ रहा है।राम अचल यादव ने कहा कि संपन्न किसान तो निजी संसाधन से पानी की कमी को पूरी कर दे रहे हैं परंतु मध्यम वर्गीय एवं गरीब किसान जिन का सहारा सिर्फ मानसून ही रहता है वे बेचारे क्या करें? अब तो सिर्फ यही देखना है कि इंद्र देवता कब तक परीक्षा ले रहे हैं।बारिश हो जाती है तो फ़सल अच्छी होने की उम्मीद है, नही तो महंगे संसाधनों के सहारे खेती करना भारी पड़ रहा है। किसान अपनी पूरी जमा पूंजी लगाकर खेती करता है लेकिन मौसम का साथ न होने से किसानों को नुकसान ही उठाना पड़ता है। मौसम का तेवर तल्ख़ किसान मायूस