वीरांगना ऊदा देवी:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य नायिका

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वीरांगना ऊदा देवी:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य नायिका
वीरांगना ऊदा देवी:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य नायिका

केन्द्रीय रक्षा मंत्री एवं उ0प्र0 के मुख्यमंत्री ने वीरांगना ऊदा देवी पासी जीके बलिदान दिवस पर उनकी प्रतिमा का अनावरण, उनके परिजनों कासम्मान तथा स्वाभिमान समारोह का उद्घाटन किया।वीरांगना ऊदा देवी ने न केवल अदम्य साहस व पराक्रम से अंग्रेजी सेनाको धूल चटाई बल्कि राष्ट्र प्रेम का ऐसा मानक स्थापित किया,जो अनन्तकाल तक भारत के प्रत्येक नागरिक को प्रेरणा देता रहेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने प्रदेश को विकास की अप्रतिम ऊंचाई प्रदान कीमुख्यमंत्री जी ने पासी समाज के वीरों और वीरांगनाओं कोपाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने का अभूतपूर्व फैसला लिया।वीरांगना ऊदा देवी का बलिदान दिवस वर्तमान पीढ़ी को राष्ट्रीयता के साथ जोड़ने का अवसर प्रदान करता। नारी शक्ति का सम्मान तथा वंचित वर्ग का उत्थान डबल इंजन सरकार का मुख्य ध्येय।प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार प्रदेश में विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही।वीरांगना ऊदा देवी नारी शक्ति के सामर्थ्य का स्मरण कराती,ऐसी वीरांगनाओं का बलिदान हम सभी को प्रेरणा प्रदान करता।बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों को उपलब्ध कराई गई अतिरिक्त पुस्तक क्षेत्रीय,जनपद व प्रदेश स्तर पर महापुरुषों के योगदान के बारे में वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराएगी।प्रदेश सरकार ने पी0ए0सी की तीन नई महिला बटालियनों का गठनसन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगनाओं के नाम पर किया।लखनऊ की बटालियन का नाम वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर रखा गया, यहां प्रदेश सरकार वीरांगना ऊदा देवी की आदमकद प्रतिमा की स्थापना का कार्य आगे बढ़ा रही62 जनपदों में 109 सर्वोदय विद्यालयों की स्थापना का कार्य किया जा रहा, इन विद्यालयों में वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं के रहने व खाने की सम्पूर्ण व्यवस्था की गई।प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के 32 लाख 49 हजार 800 सेअधिक पूर्व दशम् विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई। वीरांगना ऊदा देवी:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य नायिका

लखनऊ। केन्द्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एवं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यहां शौर्य, त्याग और बलिदान की प्रतिमूर्ति वीरांगना ऊदा देवी पासी जी के बलिदान दिवस पर उनकी प्रतिमा का अनावरण, उनके परिजनों का सम्मान तथा स्वाभिमान समारोह का उद्घाटन किया। वीरांगना ऊदा देवी ने न केवल अदम्य साहस व पराक्रम से अंग्रेजी सेना को धूल चटाई बल्कि राष्ट्र प्रेम का ऐसा मानक स्थापित किया, जो अनन्त काल तक भारत के प्रत्येक नागरिक को प्रेरणा देता रहेगा। उन्होंने सिद्ध किया कि देश की बेटियां भारत की ओर आंख उठाने वालां का डटकर मुकाबला कर सकती है। लखनऊ के पास अंग्रेजों से लड़ते हुए जब वीरांगना ऊदा देवी के पति मक्का पासी शहीद हुए, तब उन्होंने हिम्मत हारने के बजाय पति की शहादत का बदला लेने का संकल्प किया।


रक्षा मंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को विकास की अप्रतिम ऊंचाई प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने पासी समाज के वीरों और वीरांगनाओं को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने का अभूतपूर्व फैसला लिया है। वह ऐसे मुख्यमंत्री हैं, जो सर्व समाज के कल्याण के लिए किसी भी हद तक जाकर कार्य करते हैं। महाराजा बिजली पासी, सातन पासी, लाखन पासी तथा महाराजा सुहेलदेव, वीरांगना झलकारीबाई, वीरांगना अवन्तीबाई वह नाम हैं, जो स्वर्ण अक्षरों में अंकित किए जाने चाहिए। हमारा दायित्व है कि हम इस विस्मृत इतिहास को पुनः सबके सामने लाएं।


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि वीरांगना ऊदा देवी का बलिदान दिवस वर्तमान पीढ़ी को राष्ट्रीयता के साथ जोड़ने का अवसर प्रदान करता है। नारी शक्ति का सम्मान तथा वंचित वर्ग का उत्थान डबल इंजन सरकार का मुख्य ध्येय है। वीरांगना ऊदा देवी नारी शक्ति के सामर्थ्य का स्मरण कराती हैं। ऐसी वीरांगनाओं का बलिदान हम सभी को प्रेरणा प्रदान करता है। भारत को स्वाधीन कराने में वीरांगना ऊदा देवी जैसी वीरांगनाओं व वीरों का अतुलनीय योगदान रहा है।


वीरांगना ऊदा देवी न केवल नारी जाति के लिए, बल्कि प्रत्येक हिंदुस्तानी के लिए प्रेरणा हैं। उन्होंने विदेशी हुकूमत के अत्याचार का जवाब देने के लिए 16 नवम्बर, 1857 को लखनऊ के सिकंदर बाग में पीपल के वृक्ष पर चढ़कर अंग्रेज सैनिकों को ढेर कर दिया। इससे उनका नाम भारत के इतिहास में अमर हो गया। ऊदा देवी का बलिदान प्रेरणा देता है कि यदि अन्याय बड़ा हो तो प्रतिरोध उससे भी बड़ा होना चाहिए। उन्होंने उस समय देश के युवाओं को अन्याय का सामना करने के लिए प्रेरित किया। सन् 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम का केन्द्र बिन्दु उत्तर प्रदेश था। शहीद मंगल पाण्डे ने बैरकपुर में इसकी हुंकार भरी थी। मेरठ में धन सिंह कोतवाल ने इसे आगे बढ़ाने का कार्य किया। झांसी में महारानी लक्ष्मीबाई प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की अमर योद्धा के रूप में नेतृत्व कर रही थी। बिठूर में तात्या टोपे इस लहर को मजबूत कर रहे थे। लखनऊ में बेगम हजरत महल व ऊदा देवी जैसी वीरांगनाएं स्वतंत्रता संघर्ष को आगे बढ़ा रही थीं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के मार्गदर्शन में डबल इंजन सरकार प्रदेश में विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। काशी में श्री काशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर तथा अयोध्या में श्रीरामलला मंदिर का निर्माण हो चुका है। प्रदेश सरकार द्वारा लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के किले का सुन्दरीकरण किया गया है। महाराजा बिजली पासी किले में लाइट एण्ड साउण्ड की व्यवस्था को स्वीकृति प्रदान की गई है। महाराजा लाखन पासी, महाराजा सातन पासी, महाराजा बिजली पासी, महाराजा छीता पासी, राजा गंगा बक्श रावत और महाराजा वीरा पासी के इतिहास से वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराने के लिए प्रदेश सरकार अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही है। प्रदेश सरकार द्वारा इस सम्पूर्ण अभियान को आगे बढ़ाने के लिए  क्रांतिकारियों, बलिदानियों व भारत माता के अमर सपूतां के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है।

बेसिक शिक्षा परिषद के स्कूलों में बच्चों को एक अतिरिक्त पुस्तक उपलब्ध कराई गई है, जो क्षेत्रीय, जनपद व प्रदेश स्तर पर महापुरुषों के योगदान के बारे में वर्तमान पीढ़ी को अवगत कराएगी। प्रदेश सरकार द्वारा पी0ए0सी की तीन नई महिला बटालियनों का गठन सन् 1857 के स्वतंत्रता संग्राम की महान वीरांगनाओं के नाम पर किया गया है। लखनऊ की बटालियन का नाम वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर रखा गया है। यहां सरकार वीरांगना ऊदा देवी की आदमकद प्रतिमा की स्थापना का कार्य आगे बढ़ा रही है। गोरखपुर में गठित महिला बटालियन का नामकरण वीरांगना झलकारी बाई कोरी के नाम पर किया गया है। बदायूं में गठित बटालियन का नाम वीरांगना अवंतीबाई लोधी के नाम पर किया गया है। तीनों वीरांगनाओं ने देश के स्वतंत्रता संग्राम में नारी शक्ति के पराक्रम व शौर्य को फिरंगियों के सामने प्रस्तुत कर, उन्हें धूल चटाने का कार्य किया था। समाज की मुख्य धारा से अलग होकर कोई भी जाति पिछड़ जाती है। यही स्थिति पासी समाज व अन्य अनुसूचित जातियों के साथ हुई।

लखनऊ में सरकार द्वारा बाबा साहब डॉ0 भीमराव आंबेडकर के नाम पर एक स्मारक व सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। इसमें अनुसूचित जाति के विद्यार्थियों को शोध करने के साथ-साथ उच्च शिक्षा के लिए स्कॉलरशिप की भी व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 62 जनपदों में 109 सर्वोदय विद्यालयों की स्थापना का कार्य किया जा रहा है। आश्रम पद्धति के इन विद्यालयों में वंचित वर्ग के छात्र-छात्राओं के रहने व खाने की सम्पूर्ण व्यवस्था की गई है। प्रदेश के 18 मण्डल मुख्यालयों  में 18 अटल आवासीय विद्यालयों का निर्माण किया गया है। इन विद्यालयों के माध्यम से श्रमिकों के बच्चों व कोविड काल में निराश्रित होने वाले बच्चों के रहने-खाने व आधुनिक शिक्षा की व्यवस्था की गई है। प्रदेश सरकार द्वारा अनुसूचित जाति के 32 लाख 49 हजार 800 से अधिक पूर्व दशम् विद्यार्थियों के लिए स्कॉलरशिप की व्यवस्था की गई है। दशमोत्तर स्तर पर लगभग 90 लाख छात्र-छात्राओं को 9,600 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि स्कॉलरशिप के लिए उपलब्ध कराई गई है।

मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के अन्तर्गत प्रत्येक जनपद में वंचित वर्ग के विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए फिजिकल तथा वर्चुअल कोचिंग की व्यवस्था की गई है। विगत 08 वर्षों में उत्तर प्रदेश पुलिस में 02 लाख 19 हजार पुलिस कार्मिकों की भर्ती की गई है। इसमें 20 प्रतिशत बालिकाएं सम्मिलित हैं।कार्यक्रम को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, केन्द्रीय मंत्री कमलेश पासवान तथा सदस्य विधान परिषद व कार्यक्रम के संयोजक रामचन्द्र प्रधान ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर सांसद अशोक रावत, विधायक राजेश्वर सिंह, योगेश शुक्ला,जय देवी, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। वीरांगना ऊदा देवी:भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की अदम्य नायिका