हरियाली की ओर उत्तर प्रदेश-नगरीय निकायों में होंगे 37 लाख पौधे

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हरियाली की ओर उत्तर प्रदेश-नगरीय निकायों में होंगे 37 लाख पौधे
हरियाली की ओर उत्तर प्रदेश-नगरीय निकायों में होंगे 37 लाख पौधे

वृक्षारोपण महाभियान-2025: नगरीय निकायों में 37 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य, ‘मां के नाम एक पेड़’ अभियान को मिलेगा बढ़ावा।हरियाली की ओर उत्तर प्रदेश-नगरीय निकायों में होंगे 37 लाख पौधे

उत्तर प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण और नगरीय हरियाली को लेकर एक नए संकल्प के साथ मैदान में उतर चुकी है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए.के. शर्मा ने राज्य के सभी 762 नगरीय निकायों को हरियाली से सजाने के लिए आगामी वृक्षारोपण महाभियान-2025 के तहत 37 लाख पौधे रोपित करने का लक्ष्य तय किया है। “मां के नाम एक पेड़” जैसी भावनात्मक पहल के साथ सरकार न सिर्फ पर्यावरण सुधार की दिशा में कदम बढ़ा रही है, बल्कि नागरिकों को इससे जुड़ने का भावनात्मक आधार भी दे रही है। मंत्री श्री शर्मा ने नगर निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे अभी से उपयुक्त स्थलों की पहचान कर लें और पौधों के रखरखाव की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करें। आगामी 9 जुलाई को आयोजित होने वाला यह महाभियान केवल पौधरोपण नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश को एक स्वच्छ, स्वस्थ और हरित राज्य बनाने की दिशा में निर्णायक कदम साबित होगा।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार अब हरित विकास की दिशा में एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री ए.के. शर्मा ने प्रदेश के सभी 762 नगरीय निकायों में 37 लाख पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित करते हुए, इस कार्य के लिए अभी से स्थानों के चिन्हीकरण के निर्देश दिए हैं। आगामी 9 जुलाई 2025 को होने वाले वृक्षारोपण महाभियान-2025 के तहत यह अभियान वृहद स्तर पर चलाया जाएगा।

मंत्री श्री शर्मा ने शुक्रवार को लखनऊ स्थित जल निगम के फील्ड हॉस्टल ‘संगम’ में आयोजित समीक्षा बैठक में यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. अरुण कुमार सक्सेना के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी नगर आयुक्तों और अधिशासी अधिकारियों से बातचीत की और तैयारियों की समीक्षा की।

उन्होंने स्पष्ट किया कि पौधरोपण केवल औपचारिकता नहीं होना चाहिए, बल्कि इसका उद्देश्य शहरों को हरा-भरा, स्वच्छ और वायु प्रदूषण मुक्त बनाना है। मियावाकी वन, नक्षत्र वाटिका, पंचवटी और उद्यानों की स्थापना को बढ़ावा देने के साथ-साथ फलदार एवं फूलदार पौधों को प्राथमिकता देने की बात कही गई।

‘मां के नाम एक पेड़’: एक भावनात्मक पहल

मंत्री श्री शर्मा ने खास तौर पर “मां के नाम एक पेड़” की भावना पर बल दिया और कहा कि मंदिरों में प्रसाद के रूप में पौधे बांटने की व्यवस्था की जानी चाहिए, जिससे लोग पौधों से भावनात्मक रूप से जुड़ें और उनकी देखभाल आजीवन करें।

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि कान्हा गोशालाओं, कूड़ा स्थलों, सड़क किनारे की खाली जमीन, सार्वजनिक व ऐतिहासिक स्थलों, चौराहों और प्रवेश द्वारों पर वृक्षारोपण किया जाए। विद्युत विभाग को भी अपने परिसरों में खाली स्थानों पर पौधरोपण के निर्देश दिए गए हैं।

स्वच्छ वायु की दिशा में मजबूत कदम

बैठक के दौरान यह भी बताया गया कि राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत वर्ष 2019 को आधार मानते हुए 2026 तक पीएम 2.5 और पीएम 10 के स्तर में 40 प्रतिशत की कमी लाने का लक्ष्य रखा गया है। श्री शर्मा ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के बीच पर्यावरण संतुलन और नागरिकों के स्वास्थ्य की रक्षा को प्राथमिकता देना जरूरी है।

37 करोड़ पौधरोपण का राज्यव्यापी लक्ष्य

पर्यावरण राज्य मंत्री डॉ. अरुण कुमार सक्सेना ने जानकारी दी कि इस वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में प्रदेश भर में 37 करोड़ पौधों का वृक्षारोपण किया जाएगा। इसके लिए वन विभाग द्वारा सभी विभागों को पौधे उपलब्ध कराए जा रहे हैं और रोपे गए पौधों के समुचित रखरखाव की जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।

उज्ज्वल भविष्य की दिशा में हरित कदम

श्री सक्सेना ने कहा कि वृक्षारोपण केवल पर्यावरण सुधार का माध्यम नहीं, बल्कि भावी पीढ़ियों के लिए स्वस्थ, स्वच्छ और सुरक्षित भविष्य का आधार भी है। राज्य को वन ट्रिलियन डॉलर इकॉनॉमी बनाने के लक्ष्य को पाने में यह हरियाली अहम भूमिका निभाएगी। बैठक में प्रमुख सचिव नगर विकास अमृत अभिजात, यूपीपीसीएल चेयरमैन आशीष गोयल, प्रधान मुख्य वन संरक्षक बी. प्रभाकर, नगर विकास सचिव अनुज कुमार झा सहित कई वरिष्ठ अधिकारी वर्चुअल रूप से उपस्थित रहे। ह देश-नगरीय निकायों में होंगे 37 लाख पौधे