
भाजपा सरकार भी स्वास्थ्य के कर्मचारियों के साथ अपनाने लगी यूज एंड थ्रो का सिस्टम।उपमुख्यमंत्री जी भी देने लगे झूठा आश्वासन।
कोविड 19 वैश्विक महामारी के समय जल्दबाजी में आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त किये गये कर्मचारियों ने अपनी जान हथेली पर लिये हुये लोगों की जान बचाई,आज उन्हीं कर्मचरियों को जरूरत खत्म होने पर निष्कासित होने का समय आ गया|
कोविड 19 वैश्विक महामारी के समय जल्दबाजी में आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त किये गये कर्मचारी की जब जरूरत खत्म हो गयी तो सरकार के पास इनके लिए कोई जगह नहीं बची | ऐसे में जब ये कर्मचारी मजबूर होकर अपनी मांगों को लेकर उपमुख्यमंत्री जी के आवास पर 22 जुलाई को धरना प्रदर्शन किया तो उपमुख्यमंत्री जी बाहर आये और बोले ” देखो तुम्हारी पूरी मदद हो रही है, कोरोना काल से अभी तक हमने लगातार आप लोगों को रखा सभी जनपदों में 5500 लोगों का विभिन्न जनपदों में समायोजन हो चुका है और जो लगभग 2200 लोग बचे हैं उनके भी समायोजन के लिए सभी जनपद के सी एम ओ को चिट्ठी लिखी जा रही है,सरकार आप लोगों के साथ खड़ी है, सरकार आप लोगों के साथ अन्याय नहीं करेगी, दो, तीन आदमी आ जाओ” इतना कह कर अंदर चले गये और जो दो, तीन4 आदमी गये थे उन्हें बताया गया कि बजट नहीं है एक्सटेंशन नहीं हो सकता है | धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि उपमुख्यमंत्री जी ने जो कहा कि 5500 लोगों का समायोजन हो चुका है वह भी बात झूठी है |
ऐसे में कोविड 19 वैश्विक महामारी के समय जल्दबाजी में आउटसोर्सिंग कंपनियों के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग में नियुक्त किये गये कर्मचारी को गहरा झटका लगा है कि अब उनकी रोजी-रोटी कैसे चलेगी, कौन सुनेगा उन लोगों की जब सरकार भी यूज एंड थ्रो का सिस्टम अपनाते हुये झूठा आश्वासन देने लगी |