2041 की अंतिम रूपरेखा बनाने में जुटा यूपीसीडा

192
2041 की अंतिम रूपरेखा बनाने में जुटा यूपीसीडा
2041 की अंतिम रूपरेखा बनाने में जुटा यूपीसीडा

मास्टरप्लान – 2041 की अंतिम रूपरेखा बनाने में जुटा यूपीसीडा। लीडा के यूपीसीडा में विलय के बाद लखनऊ और आसपास के क्षेत्रों के विकास के लिए योगी सरकार कर रही प्रयास। स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) की देखरेख में तैयार किया जा रहा है मास्टरप्लान – 2041। मास्टर प्लान के अंतर्गत लखनऊ के आस-पास के आवासीय, व्यवसायिक, औद्योगिक क्षेत्रों का किया जाएगा विकास। 2041 की अंतिम रूपरेखा बनाने में जुटा यूपीसीडा

लखनऊ। लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण का उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा ) में विलय होने के बाद योगी सरकार विकास कार्यों में तेजी लाने के उद्देश्य से मास्टर प्लान – 2041 को तैयार करने में जुटी है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) की बैठक में मास्टरप्लान – 2041 की अंतिम रूपरेखा बन गई है। यूपीसीडा के सीईओ मयूर माहेश्वरी के निर्देशन में स्कूल ऑफ प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर (एसपीए) की देखरेख में इसे तैयार किया जा रहा है। सीईओ ने इसकी जिम्मेदारी मुख्यमंत्री के विशेष सचिव व यूपीसीडा के एसीईओ शशांक त्रिपाठी को सौंपी है।

प्रदेश का औद्योगिक गढ़ बनकर उभरेगा लखनऊ


इस मास्टर प्लान के अंतर्गत लखनऊ के आस-पास के आवासीय, व्यवसायिक, औद्योगिक क्षेत्रों का विकास किया जाएगा। साथ ही उन्नाव में औद्योगिक एवं संस्थागत विकास को भी यह मास्टर प्लान बढ़ावा देगा। आने वाले समय में लखनऊ क्षेत्र प्रदेश का औद्योगिक गढ़ बनकर उभरेगा। जिसका फायदा कानपुर -उन्नाव को भी होगा। लखनऊ औद्योगिक विकास प्राधिकरण (लीडा ) का गठन 2005 में किया गया था। लेकिन अधिसूचित लखनऊ के 45 व उन्नाव 39 गांवों की विकास यात्रा में प्राधिकरण कभी अपनी उपस्थिति दर्ज नहीं करा पाया। यही कारण रहा कि 2021 में इसका यूपीसीडा में विलय कर दिया गया। लखनऊ में इसका क्षेत्र बिजनौर, नटकुर, कुरौनी जैतिखेड़ा से शुरू होकर लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ-साथ उन्नाव के आजाद चौराहा तक 299 वर्ग किमी है। यहां आवासीय व व्यावसायिक सुविधायुक्त टाउनशिप, आईटीबीपी, आपदा प्रबंधन और फॉरेंसिक साइंस इंस्टिट्यूट के कैंपस, वेयरहाउसिंग के प्रोजेक्ट आदि आ रहे हैं।

इस बेल्ट में शामिल हैं कई परियोजनाएं

लखनऊ का सरोजनीनगर : बीजी लिंक इंफ्रा, जिमी गार्डन, संतुष्टि इन्क्लेव, निरपुरिया इंटरप्राइजेज, अलकनंदा इंफ्रा, अमृत कौर, शिवशंकर भार्गव, नानक लॉजिस्टिक्स, कैप्टन मनोज वासन, केजे इंटरप्राइजेज, जुगल किशोर, सेज सिटी, हिमवीर सहकारी, कृष्णा कोलोनाइजर, फीनिक्स इंफ्रा।

बिजनौर : एल्डिको हाउसिंग, पार्थ इंफ्रा, जीएसआर बिल्डर।

उन्नाव : विवेक लधानी, जयराम जालान, रेशम रूसन इंडिया। 2041 की अंतिम रूपरेखा बनाने में जुटा यूपीसीडा