
हिन्दी और उर्दू के लब्ध प्रतिष्ठ कवि,समाजवादी विचारक एवं पूर्व सांसद उदय प्रताप सिंह जी को आज आध्यात्मिक पुनर्जागरण एवं व्यवस्था नहीं अवस्था परिवर्तन के लिए प्रतिबद्ध सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थान ‘अक्‘ की ओर से देश के प्रतिष्ठित साहित्यिक सम्मान मिर्जा गालिब पुरस्कार चराग़-ए-दैर से सम्मानित किया गया। संयोग है कि आज उर्दू फारसी के महान शायर मिर्ज़ा असदुल्लाह खां ग़ालिब जी की पुण्यतिथि भी है। सपा मुख्यालय, लखनऊ के डॉ. राममनोहर लोहिया सभागार में आयोजित समारोह में दीप प्रज्ज्वलन के उपरांत उदय प्रताप सिंह को गालिब मार्का लम्बी हरी टोपी, अंगवस्त्र पहनाकर और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भी अंगवस्त्र, स्मृतिचिह्न देकर सम्मानित किया गया। स्वामी ओमा द अक् को भी अखिलेश यादव ने शाल ओढ़ाकर सम्मान दिया। उदय प्रताप सिंह साहित्यिक सम्मान चराग़-ए-दैर से सम्मानित
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इस अवसर पर राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव, महाराष्ट्र के समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आसिम आजमी, पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेन्द्र चौधरी तथा प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल आदि वरिष्ठ नेताओं की उपस्थिति में शिवा सिंह द्वारा उदय प्रताप जी पर निर्मित चित्र भी प्रदर्शित किया गया। शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि उदय प्रताप जी उनके गुरू और अभिभावक है। उनसे बहुत कुछ सीखा है। अखिलेश यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि उदय प्रताप सिंह जी न केवल देश में अपितु अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बड़े कवि और नेताजी श्रद्धेय मुलायम सिंह यादव जी के गुरू के रूप में जाने और पहचाने जाते है। इनकी कविताएं प्रेरणादायक है। सच्चा कवि समाज को दिशा देता है। उस पर सरकारी रुतबे का असर नहीं होता है।
अखिलेश यादव ने कहा कि उदय प्रताप सिंह ने समाजवादी पार्टी के लिए लोकप्रिय झंडा गीत, मन से है मुलायम और साइकिल पर भी कविताएं लिखीं। वे हमारे मार्गदर्शक और परिवार के बुजुर्ग भी हैं। उनके दीर्घ जीवन की हम कामना करते हैं। स्वामी ओमा द अक् ने उदय प्रताप सिंह को जन कवि बताते हुए कहा कि राजनीति में रहते हुए साहित्य को बचा रखना मुश्किल होता है। उन्होंने कहा कि बुद्ध और महावीर के संदेश में जो समाजवाद की मूल भावना है उस से खुद को जोड़कर उदय प्रताप सिंह जी डॉ0 राममनोहर लोहिया की समाजवादी विचारधारा को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। उदय प्रताप सिंह ने मिर्जा गालिब के नाम पर चराग-ए-दैर पुरस्कार के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें देश-विदेश में तमाम पुरस्कार मिले हैं पर यह सबसे अलग है। मैंने कभी नकारात्मक रचना नहीं की। मैं प्रेम को बांटने और सद्भाव सौहार्द के विस्तार का पक्षधर रहा हॅू। उदय प्रताप सिंह साहित्यिक सम्मान चराग़-ए-दैर से सम्मानित