प्रधानमंत्री ने जनपद वाराणसी में 451 करोड़ रु0 की लागत से 30.66 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया। महादेव की नगरी में यह स्टेडियम तथा उसकी डिजाइन, स्वयं महादेव को ही समर्पित। यह अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम न सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक वरदान। जब खेल का इन्फ्रास्ट्रक्चर, इतना बड़ा स्टेडियम बनता है, तो सिर्फ खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी उसका सकारात्मक असर होता है। काशी के युवा, स्पोर्ट्स की दुनिया में अपना नाम कमाएं, इसलिए हमारा प्रयास कि वाराणसी के युवाओं को उच्चस्तरीय खेल सुविधाएं मिलें, इसी सोच के साथ सिगरा स्टेडियम पर भी लगभग 400 करोड़ रु0 खर्च किए जा रहे। सिगरा स्टेडियम में 50 से अधिक खेलों के लिए जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रहीं, यह देश का पहला बहुस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स होगा, जो दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा। उ0प्र0 में भी स्पोर्ट्स फैसिलिटी पर हजारों करोड़ रु0 खर्च किए जा रहे, गोरखपुर के स्पोर्ट्स कॉलेज के विस्तार से लेकर मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल यूनिवर्सिटी बनाने तक, हमारे खिलाड़ियों के लिए नए स्पोर्ट्स सेण्टर बनाए जा रहे। आज खेलों के प्रति समाज की सोच बदली, बच्चे खेलों के प्रति पहले ही सीरियस थे, अब माता-पिता भी स्पोर्ट्स को लेकर गम्भीर हुए। सरकार आज स्कूल से लेकर ओलम्पिक पोडियम तक खिलाड़ियों के साथ टीम मेम्बर बनकर चलती है। खेलो इण्डिया के तहत देशभर में स्कूल से यूनिवर्सिटी तक की खेल प्रतियोगिताएं हुई, इस अभियान से आज बहुत कम उम्र में ही देश के कोने-कोने में टैलेण्ट की पहचान की जा रही, उन्हें इण्टरनेशनल लेवल का एथलीट बनाने के लिए सरकार हर कदम उठा रही। सरकार गांव-गांव में आधुनिक खेल के इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही, इससे गांव तथा छोटे कस्बों के खिलाड़ियों को भी नए मौके मिलेंगे। महादेव नगरी का स्टेडियम तथा डिजाइन,स्वयं महादेव को समर्पित-प्रधानमंत्री
वाराणसी। वाराणसी के गंजारी में 451 करोड़ रुपये की लागत से 30.66 एकड़ क्षेत्र में बनने वाले अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया। इस अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने कहा वे एक ऐसे दिन काशी आये हैं, जब भारत का चन्द्रमा के शिवशक्ति प्वाइण्ट तक पहुंचने का एक महीना पूरा हो रहा है। शिवशक्ति यानि वह स्थान, जहां पिछले महीने की 23 तारीख को हमारा चन्द्रयान लैण्ड हुआ था। एक शिवशक्ति का स्थान चन्द्रमा पर है और दूसरा शिवशक्ति का स्थान मेरी काशी में है। काशी में आज एक इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम की आधारशिला रखी गई है। यह स्टेडियम न सिर्फ वाराणसी, बल्कि पूर्वांचल के युवाओं के लिए एक वरदान जैसा होगा। इसमें एक साथ 30,000 से ज्यादा लोग बैठकर मैच देख पाएंगे। महादेव की नगरी में यह स्टेडियम तथा उसकी डिजाइन, स्वयं महादेव को ही समर्पित है। इसमें क्रिकेट के एक से बढ़कर एक मैच होंगे। इसमें आस-पास के युवा खिलाड़ियों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर के स्टेडियम में ट्रेनिंग का मौका मिलेगा। इसका बहुत बड़ा लाभ काशी को होगा।
आज क्रिकेट के जरिए दुनिया भारत से जुड़ रही है। दुनिया के नए-नए देश क्रिकेट खेलने के लिए आगे आ रहे हैं। आने वाले दिनों में क्रिकेट मैचों की संख्या भी बढ़ने जा रही है। जब क्रिकेट मैच बढ़ेंगे, तो नए-नए स्टेडियम की भी जरूरत पड़ने वाली है। बनारस का यह इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम इस डिमाण्ड को पूरा करेगा। यह पूर्वांचल का चमकता हुआ सितारा बनने वाला है। यह उत्तर प्रदेश का पहला स्टेडियम होगा, जिसके निर्माण में बोर्ड ऑफ कण्ट्रोल फॉर क्रिकेट इन इण्डिया (बी0सी0सी0आई0) का भी बहुत सहयोग होगा।जब खेल का इन्फ्रास्ट्रक्चर बनता है, इतना बड़ा स्टेडियम बनता है, तो सिर्फ खेल ही नहीं स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी उसका सकारात्मक असर होता है। जब स्पोर्ट्स के ऐसे बड़े सेण्टर बनेंगे, तो उसमें बड़े स्पोर्ट्स आयोजन होंगे। जब बड़े आयोजन होंगे, तो बड़ी तादाद में दर्शक और खिलाड़ी आएंगे। इससे स्थानीय स्तर पर सभी को फायदा होता है। बनारस के युवा नए खेल स्टार्टअप के बारे में सोच सकते हैं। फिजियोथिरैपी समेत स्पोर्ट्स से जुड़ी बहुत सी पढ़ाई और कोर्सेज शुरु होंगे और एक बहुत बड़ी स्पोर्ट्स इण्डस्ट्री भी वाराणसी में आएगी।
काशी का सांसद होने के नाते, वे यहां आए बदलावों के साक्षी बने हैं। सांसद खेल प्रतियोगिता के दौरान जो उत्साह यहां रहता है, उसकी जानकारी उन तक लगातार पहुंचती रहती है। काशी के युवा, स्पोर्ट्स की दुनिया में अपना नाम कमाएं, यह उनकी कामना है। इसलिए हमारा प्रयास वाराणसी के युवाओं को उच्चस्तरीय खेल सुविधाएं देने का है। इसी सोच के साथ इस नए स्टेडियम के साथ ही, सिगरा स्टेडियम पर भी करीब 400 करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। सिगरा स्टेडियम में 50 से अधिक खेलों के लिए जरूरी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। इसकी एक और खास बात है। यह देश का पहला बहुस्तरीय स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स होगा, जो दिव्यांगजनों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। इसे भी शीघ्र ही काशीवासियों को समर्पित किया जाएगा। बड़ालालपुर में बना सिंथेटिक ट्रैक हो या सिंथेटिक बास्केटबॉल कोर्ट, अलग-अलग अखाड़ों को प्रोत्साहन देना हो, हम नया निर्माण तो कर ही रहे हैं, पर शहर की पुरानी व्यवस्थाओं को भी सुधार रहे हैं।
आज खेलों के प्रति समाज की सोच बदली है। बच्चे खेलों के प्रति पहले ही सीरियस थे, अब माता-पिता भी स्पोर्ट्स को लेकर गम्भीर हुए हैं। अब देश का मिजाज ऐसा बना है कि जो खेलेगा, वही खिलेगा। खेलों में आज भारत को जो सफलता मिल रही है, वो देश की सोच में आए बदलाव का परिणाम है। हमने स्पोर्ट्स को युवाओं की फिटनेस और युवाओं के रोजगार और उनके कैरियर से जोड़ा है। 09 वर्ष पहले की तुलना में, इस वर्ष केन्द्रीय खेल बजट 03 गुना बढ़ाया गया है। खेलो इण्डिया प्रोग्राम के बजट में पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 70 प्रतिशत वृद्धि की गई है।
सरकार आज स्कूल से लेकर ओलम्पिक पोडियम तक हमारे खिलाड़ियों के साथ टीम मेम्बर बनकर साथ चलती है। खेलो इण्डिया के तहत देशभर में स्कूल से यूनिवर्सिटी तक की खेल प्रतियोगिताएं हुई हैं। इनमें बड़ी संख्या में हमारी बेटियों ने भी हिस्सा लिया है। सरकार कदम-कदम पर खिलाड़ियों की हर सम्भव मदद कर रही है। ओलम्पिक पोडियम स्कीम भी ऐसा ही एक प्रयास है। इसके तहत सरकार देश के शीर्ष खिलाड़ियों को पूरे साल में खाने-पीने, फिटनेस से लेकर ट्रेनिंग तक लाखों रुपए की मदद देती है। इसका परिणाम हम आज हर अन्तरराष्ट्रीय कम्पटीशन में देख रहे हैं। कुछ समय पहले ही वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में भारत ने इतिहास रचा है। इन गेम्स के इतिहास में पिछले कई दशकों में कुल मिलाकर भारत ने जितने मेडल जीते थे, उससे ज्यादा मेडल सिर्फ इस साल जीतकर के हमारे बच्चे ले आए हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज से एशियन गेम्स भी शुरू हो रहे हैं, एशियन गेम्स में हिस्सा लेने गए सभी भारतीय खिलाड़ियों शुभकामनाएं देते हुए उन्होंने कहा कि भारत के गांव-गांव में, कोने-कोने में खेल प्रतिभाएं मौजूद है। इन्हें तलाशना और तराशना जरूरी है। आज छोटे से छोटे गांवों से निकले युवा, पूरे देश की शान बने हुए हैं। यह उदाहरण बताते हैं कि हमारे छोटे शहरों के खिलाड़ियों में कितना टैलेण्ट और प्रतिभा है। हमें इस टैलेण्ट को ज्यादा से ज्यादा अवसर देने हैं। इसलिए खेलो इण्डिया अभियान से आज बहुत कम उम्र में ही देश के कोने-कोने में टैलेण्ट की पहचान की जा रही है। खिलाड़ियों की पहचान करके उन्हें इण्टरनेशनल लेवल का एथलीट बनाने के लिए सरकार हर कदम उठा रही है।आज खिलाड़ियों को आगे बढ़ाने के लिए अच्छे कोच और अच्छी कोचिंग का होना भी जरूरी है। इसलिए आज सरकार खिलाड़ियों के लिए अच्छी कोचिंग की व्यवस्था भी कर रही है। जो खिलाड़ी बड़ी प्रतियोगिताओं में खेलकर आते हैं, जिन्हें राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय अनुभव है, उन्हें बतौर कोच काम करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। देश में बीते कुछ वर्षों में युवाओं को अलग-अलग खेलों से जोड़ा गया है।
सरकार गांव-गांव में आधुनिक खेल के इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण कर रही है। इससे गांव तथा छोटे कस्बों के खिलाड़ियों को भी नए मौके मिलेंगे। पहले बेहतर स्टेडियम, सिर्फ दिल्ली, मुम्बई, कोलाकाता, चेन्नई जैसे बड़े शहरों में ही उपलब्ध थे। अब देश के हर कोने में, देश के दूर-सुदूर इलाकों में भी, खिलाड़ियों को यह सुविधाएं देने की कोशिश हो रही है। खेलो इण्डिया प्रोग्राम के तहत जो स्पोर्ट्स इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाया जा रहा है, उसका बहुत अधिक लाभ हमारी बेटियों को हो रहा है। अब बेटियों को खेलने के लिए, ट्रेनिंग के लिए घर से ज्यादा दूर जाने की मजबूरी कम हो रही है।
नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में खेल को साइंस, कॉमर्स या दूसरी पढ़ाई की श्रेणी में रखा गया है। पहले खेल को सिर्फ एक एक्स्ट्रा एक्टिविटी माना जाता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है। अब स्पोर्ट्स को स्कूलों में बकायदा एक विषय की तरह पढ़ाया जाना तय हुआ है। ये हमारी ही सरकार है, जिसने देश की पहली नेशनल स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी मणिपुर में स्थापित की है। उत्तर प्रदेश में भी स्पोर्ट्स फैसिलिटी पर हजारों करोड़ रुपये खर्च किए जा रहे हैं। गोरखपुर के स्पोर्ट्स कॉलेज के विस्तार से लेकर मेरठ में मेजर ध्यानचंद खेल यूनिवर्सिटी बनाने तक, हमारे खिलाड़ियों के लिए नए स्पोर्ट्स सेण्टर बनाए जा रहे हैं। देश के विकास के लिए खेल सुविधाओं का विस्तार बहुत आवश्यक है। यह न सिर्फ खेलों के लिए, बल्कि देश की साख के लिहाज से भी महत्वपूर्ण है। लोग दुनिया के कई शहरों को सिर्फ इसलिए जानते हैं, क्योंकि वहां पर बड़े अन्तरराष्ट्रीय खेलों का आयोजन हुआ। हमें भारत में भी ऐसे सेण्टर बनाने होंगे, जहां ऐसे अन्तरराष्ट्रीय खेल आयोजित किए जा सकें। यह स्टेडियम जिसकी आधारशिला आज रखी गई है, खेलों के प्रति हमारे इसी संकल्प का साक्षी बनेगा। यह स्टेडियम भविष्य के भारत का एक भव्य प्रतीक बनेगा।
यह स्टेडियम प्रदेश का तीसरा इण्टरनेशनल और बी0सी0सी0आई0 द्वारा निर्मित होने वाला पहला इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम। यह स्टेडियम पूर्वी उ0प्र0 और बिहार के क्रिकेट प्रेमियों को खेलों से जोड़ने के लिए एक अद्भुत मंच प्रदान करेगा। प्रदेश में खेल अवसंरचना विकास के लिए प्रत्येक जनपद में खेलो इण्डिया सेण्टर की स्थापना, प्रत्येक गांव में खेल मैदान निर्माण, हर विकासखण्ड स्तर पर मिनी स्टेडियम, जनपद स्तर पर स्टेडियम निर्माण की कार्यवाही युद्धस्तर पर आगे बढ़ी। खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया मूवमेण्ट और सांसद खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से देश में खेल और खिलाड़ियों के प्रति लोगों की धारणा में व्यापक परिवर्तन आया– मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि जी-20 समिट की अभूतपूर्व सफलता के उपरान्त अनेक उपलब्धियों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का काशी आगमन हुआ है। जी-20 समिट की थीम के अनुरूप ग्लोबल लीडर्स को भारत के सामर्थ्य और शक्ति को नजदीक से देखने का अवसर प्राप्त हुआ। इस समिट में ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना के अनुरूप ग्लोबल लीडर्स की उपस्थिति में भारत के उभरते हुए वैश्विक नेतृत्व का देश की 140 करोड़ जनता ने अनुभव किया है।विगत 09 वर्षों में हमने देश में नई कार्य संस्कृति देखी है। प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास हुआ है। खेल और खिलाड़ियों के बारे में देश की सोच में बदलाव आया है। खेलो इण्डिया, फिट इण्डिया मूवमेण्ट और सांसद खेलकूद प्रतियोगिता के माध्यम से देश में खेल और खिलाड़ियों के प्रति लोगों की धारणा में व्यापक परिवर्तन आया है।
प्रदेश में खेल अवसंरचना विकास के लिए प्रत्येक जनपद में खेलो इण्डिया सेण्टर की स्थापना, प्रत्येक गांव में खेल मैदान निर्माण, हर विकासखण्ड स्तर पर मिनी स्टेडियम, जनपद स्तर पर स्टेडियम निर्माण की कार्यवाही युद्धस्तर पर आगे बढ़ी है। जनपद वाराणसी में पहले से ही स्मार्ट सिटी मिशन और भारत सरकार के सहयोग से स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। यह प्रदेश का तीसरा इण्टरनेशनल और बी0सी0सी0आई0 द्वारा निर्मित होने वाला पहला इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम है। यह स्टेडियम पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के क्रिकेट प्रेमियों को खेलों से जोड़ने के लिए एक अद्भुत मंच प्रदान करेगा।
भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाई प्रदान करने वाले और क्रिकेट के जुनून को घर-घर तक पहुंचाने वाले भारतीय क्रिकेट के महानतम पूर्व क्रिकेटर सुनील गावस्कर, कपिल देव, रवि शास्त्री, दिलीप वेंगसरकर, करसन घावरी, मदनलाल, गुंडप्पा विश्वनाथ, गोपाल शर्मा, सचिन तेन्दुलकर, शुभांगी कुलकर्णी तथा नीतू डेविड सहित बी0सी0सी0आई0 के अध्यक्ष रोजर बिन्नी, बी0सी0सी0आई0 के सचिव जय शाह, तथा उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला का स्वागत किया।प्रधानमंत्री के नेतृत्व और मार्गदर्शन में विगत साढ़े 09 वर्षों में दुनिया की सबसे प्राचीन, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक नगरी अविनाशी काशी के समग्र विकास को देश और दुनिया सामने प्रस्तुत किया गया है। आज एक बार पुनः प्रधानमंत्री जी अनेक उपहारों के साथ काशी आए हैं। पहली बार उत्तर प्रदेश में बी0सी0सी0आई0 द्वारा इण्टरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। आज इसकी आधारशिला प्रधानमंत्री जी ने रखी है।इस अवसर पर पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह, खेल एवं युवा कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
ज्ञातव्य है कि गंजारी में बनने वाले अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की थीम धार्मिक होगी। यह देश का पहला स्टेडियम होगा, जिसके भवन व डिजाइन में भगवान शिव और काशी नगरी की झलक देखने को मिलेगी। स्टेडियम आधुनिक सुविधाओं और संसाधनों से युक्त होगा। स्टेडियम में एक साथ 30 हजार दर्शक बैठ सकेंगे। पहले चरण में स्टेडियम के साथ पार्किंग एवं एक प्रैक्टिस पिच बनायी जा रही है। स्टेडियम निर्माण पर 451 करोड़ रुपये खर्च होंगे। राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण पर 121 रुपये खर्च किये हैं। बी0सी0सी0आई0 330 करोड़ रुपये खर्च करके स्टेडियम का निर्माण कराएगा। यह कानपुर के ग्रीन पार्क तथा लखनऊ के अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम के बाद उत्तर प्रदेश का तीसरा अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम होगा। स्टेडियम के निर्माण के लिए 30 माह का लक्ष्य रखा गया है। स्टेडियम में होने वाले मैचों के लाइव प्रसारण के लिए 02 हजार स्क्वायर फिट का ब्रॉडकास्ट रूम (बी0सी0आर0) बनाया जाएगा। स्टेडियम में सैटेलाइट अपलिंक क्षेत्र के लिए भी रूम होगा। यह स्टेडियम पूर्वांचल के साथ ही, बिहार, मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ियों के हुनर को निखारने का बेहतरीन केन्द्र बनेगा। महादेव नगरी का स्टेडियम तथा डिजाइन,स्वयं महादेव को समर्पित-प्रधानमंत्री