डीआईजी जेल विहीन होगा कारागार मुख्यालय..!

316
जेल मुख्यालय में प्रधान सहायक को बना दिया स्टेनो..!
जेल मुख्यालय में प्रधान सहायक को बना दिया स्टेनो..!

डीआईजी जेल विहीन होगा कारागार मुख्यालय….! विभागीय डीआईजी के बजाए वरिष्ठ अधीक्षक को प्रभार देने की तैयारी।शासन के अजब-गजब कारनामे से विभागीय अफसरों में आक्रोश।फार्मासिस्ट समेत अन्य कर्मियो की न हो पाएगी नियुक्ति न मिल पाएगा दंड। डीआईजी जेल विहीन होगा कारागार मुख्यालय..!

राकेश यादव

लखनऊ। कारागार मुख्यालय में तैनात डीआईजी जेल कल (शुक्रवार) को सेवानिवृत होंगे। इनके स्थान पर नई तैनाती को लेकर पशोपेश की स्थिति बनी हुई है। शासन विभागीय डीआईजी को तैनात करने के बजाए एक वरिष्ठ अधीक्षक को प्रभारी डीआईजी के तौर पर तैनात करने की फिराक में है। ऐसा तब किया जा रहा है जब नीति निर्धारक पद पर कार्यवाहक प्रभारी तैनात किए जाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। यह मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं। चर्चा है कि प्रभारी डीआईजी की तैनाती से विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मियो के साथ कैदियों की समयपूर्व रिहाई, नियुक्ति और दंड सरीखे कार्य बाधित होंगे, क्योंकि यह अधिकार डीआईजी मुख्यालय को ही प्राप्त हैं।

मिली जानकारी के मुताबिक कारागार मुख्यालय में तैनात डीआईजी जेल मुख्यालय अरविंद कुमार सिंह कल (31 मई 2024) को सेवानिवृत हो रहे हैं। रिटायर होने वाले डीआईजी जेल मुख्यालय के स्थान पर नई तैनाती को लेकर वर्तमान समय में कशमकश चल रही है। डीआईजी मुख्यालय के सेवानिवृत होने के बाद विभाग में सिर्फ दो ही विभागीय डीआईजी बचे है। डीआईजी आरएन पांडे को शासन ने आगरा जेल परिक्षेत्र की जिम्मेदारी सौंप रखी है। वहीं न्यायालय के आदेश पर बहाल हुए डीआईजी जेल शैलेंद्र मैत्रेय को पिछले करीब एक साल से शासन ने कहीं तैनात ही नहीं किया है। वर्तमान समय में यह डीआईजी पूर्व डीजी पुलिस/आईजी जेल एसएन साबत के मौखिक आदेश पर कारागार प्रशिक्षण संस्थान (जेटीएस) का प्रभार संभाल रहे है। डीआईजी की बहाली के कई संवर्ग की डीपीसी में प्रमोशन पाए अधिकारियों को तैनाती दे दी गई किंतु आज तक उन्हें कहीं तैनात नहीं किया गया है। ऐसा तब है जब एक एक आईपीएस डीआईजी के पास दो दो जेल परिक्षेत्र की जिम्मेदारी सौंप रखी गई है।

सूत्रों का कहना है कि कारागार मुख्यालय में डीआईजी जेल मुख्यालय की तैनाती को लेकर शासन में मंथन चल रहा है। बताया गया है कि इस पद पर शासन बगैर किसी तैनाती के जेटीएस का प्रभार संभाल रहे विभागीय डीआईजी को तैनात करने के बजाए केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक प्रेमनाथ पांडे को प्रभारी डीआईजी जेल मुख्यालय के पद पर तैनात करने की जुगत में लगा हुआ है। इस नई तैनाती की घोषणा कल शाम तक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। सूत्रों की मानें तो राजधानी में तैनात एक वरिष्ठ अधिकारी को शासन में सटीक सेटिंग होने की वजह से पहली बार कारागार मुख्यालय में वरिष्ठ अधीक्षक को प्रभारी डीआईजी जेल मुख्यालय पद पर तैनात किए जाने की कवायद चल रही है। वहीं दूसरी ओर तैनाती के पात्र विभागीय डीआईजी को प्रमुख सचिव के खिलाफ की गई शिकायत का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

जिम्मेदार अफसरों ने मामले पर साधी चुप्पी

कारागार मुख्यालय में डीआईजी की तैनाती के संबंध में जब प्रमुख सचिव/महानिदेशक कारागार राजेश कुमार सिंह से संपर्क करने का प्रयास किया गया तो कई प्रयासों के बाद भी उनसे संपर्क नहीं हो सका। प्रमुख सचिव के निजी सचिव विनय सिंह से जब बात की गई तो उन्होंने साहब के व्यस्त होने की बात कहते हुए बस इतना ही कहा कि अभी बात नहीं हो पाएगी। उधर प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने कहा कि अभी वह चुनाव में व्यस्त है। चुनाव के बाद वह इस बारे में बात करेंगे। कारागार मुख्यालय ने इसे शासन का मामला बताते हुए कोई भी टिप्पणी करने से ही इनकार कर दिया।

नोटिस निपटाए बगैर रिटायर होंगे डीआईजी…!

कैदियों की समयपूर्व रिहाई के मामले में कारागार मुख्यालय के डीआईजी अरविंद कुमार सिंह को शासन की ओर से 10/2 का नोटिस जारी किया गया। इस नोटिस का जवाब दिए बगैर ही वह सेवानिवृत होने जा रहे है। बताया गया है कि पिछले दिनों कानपुर देहात जिला जेल में एक कैदी की समयपूर्व रिहाई के मामले में गड़बड़ी हो गई थी। इस गड़बड़ी को पकड़ते हुए शासन ने जेल अधीक्षक को निलंबित कर दिया। डीआईजी मुख्यालय और कानपुर परिक्षेत्र के तत्कालीन प्रभारी डीआईजी को नोटिस जारी किया गया। दिलचस्प बात यह है कि कानपुर देहात जेल की घटना से पहले फतेहगढ़ सेंट्रल जेल प्रशासन से भी ऐसी ही गलती हुई थी। शासन ने उसमे आज तक कोई कार्यवाही नहीं की। मामला विभागीय अधिकारियों में चर्चा का विषय बना हुआ है।

अधिकारी एक काम अनेक

केंद्रीय कारागार फतेहगढ़ में तैनात वरिष्ठ अधीक्षक प्रेमनाथ पांडे पर शासन मेहरबान है। इनके पास पहले से जिम्मेदारियों की भरमार है। शासन और जेल मुख्यालय ने श्री पांडे को सेंट्रल जेल के साथ साथ फतेहगढ़ जनपद में निर्मित ओपन जेल का भी नोडल अधिकारी बनाया है। इसके साथ ही साथ उन्हें कानपुर जेल परिक्षेत्र का प्रभारी डीआईजी भी नामित किया गया है। इसके अलावा इन्हे सप्ताह में दो दिन कारागार मुख्यालय में बैठकर कार्यों को निपटाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। चर्चा है कि इन कार्यों के साथ ही साथ अब उन्हें कारागार मुख्यालय में खाली हो रहे पद पर कार्यवाहक डीआईजी का प्रभार भी सौंपे जाने की संभावना व्यक्त की जा रही है। डीआईजी जेल विहीन होगा कारागार मुख्यालय..!