शेयर मार्केट के महापतन से देशवासियों की जेबें खाली

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शेयर मार्केट के महापतन से देशवासियों की जेबें खाली
शेयर मार्केट के महापतन से देशवासियों की जेबें खाली
राजेन्द्र चौधरी
राजेन्द्र चौधरी

शेयर बाज़ार में एक दिन में ही लगभग 19 लाख करोड़ रुपये की गिरावट,भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए महामंदी का एक इशारा है। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने महंगाई और भ्रष्टाचार ही नहीं अब तो शेयर मार्केट के महापतन से भी देशवासियों की जेबें खाली कर दी है। जनता भूले नहीं कि ये वही लोग हैं जिन्होंने सांविधानिक पदों पर रहते हुए शेयर में पैसा लगाने के लिए, अवैधानिक तरीक़े से आम जनता को बहकाया-फुसलाया था। शेयर की हर ख़रीद-फ़रोख्त से पैसा कमाने वाले हृदयहीन बिचौलियों के दिल में निवेशकों के लिए रत्ती भर भी हमदर्दी नहीं है। पहले भी आगाह किया था आज फिर कर रहे हैं कि आम निवेशक खास तौर से मध्यम वर्गीय और युवा वर्ग दिखावटी लालच का शिकार न हों, धैर्य रखें और अपनी मेहनत की कमाई का ध्यान भी। शेयर मार्केट के महापतन से देशवासियों की जेबें खाली

अखिलेश यादव ने कहा कि अगर शेयर मार्केट में आम लोगों के पैसे डूबते हैं तो बाज़ार भी डूबता है और इकॉनमी भी। आज जब युवा वर्ग शेयर बाज़ार में अपनी जमा-पूंजी लगा रहा है तो वह भी बाज़ार की इस अनिश्चितता का भरपूर शिकार हो रहा है। देश के पूंजी बाज़ार के भविष्य के लिए ये एक बेहद ख़तरनाक स्थिति है। शेयर बाज़ार से युवाओं को जब हानि होगी तो वो शेयर व अन्य इंवेस्टमेंट से भी कतराएँगे, जो शेयर मार्केट के फ़्यूचर के लिए पॉज़िटिव सिग्नल नहीं होगा। दूसरी तरफ़ वे लोग हैं जिनके पास नोटबंदी और मंदी की मार के बाद न तो पैसे हैं और न ही नौकरी-रोज़गार। भुखमरी और बेकारी झेल रहे ऐसे बेरोज़गार-बेबस लोग अपनी कमाई के लिए बाज़ार की गतिविधियों और गतिशीलता के सहारे ही दो वक़्त की रोटी कमाते हैं। इसीलिए शेयर बाज़ार के गिरने का बहुत बुरा दूरगामी असर उनके जीवनयापन पर भी होता है। कड़वा सच ये है कि अगर एक प्रतिषत महाधनी लोगों को छोड़ दिया जाए तो देश के बाकी 99 प्रतिषत आम लोग अप्रत्यक्ष-प्रत्यक्ष रूप में शेयर बाज़ार की तबाही से तबाह हो रहे हैं। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार अर्थव्यवस्था के इस दोहरे दुष्चक्र के लिए सीधे ज़िम्मेदार ही नहीं, दोषी भी है। शेयर मार्केट के महापतन से देशवासियों की जेबें खाली