
’जीरो डिस्चार्ज’ से महाकुम्भ की स्वच्छता व्यवस्था ने स्थापित किया ग्लोबल सैनिटेशन बेंचमार्क। कूड़ा-कचरा, प्लास्टिक मुक्त स्वच्छ महाकुम्भ ने पूरे विश्व के समक्ष स्वच्छता का संदेश देने के साथ ही स्थापित किया ऊंचा प्रतिमान। नदी में जीरो डिस्चार्ज से ग्लोबल सैनिटेशन बेंचमार्क से भी महाकुम्भ की स्वच्छता व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए बनी उदाहरण। पीएम मोदी के विजन और सीएम योगी के कुशल क्रियान्वयन में रखी गई नजीर, प्रतिदिन 1.5 लाख से ज्यादा टॉयलेट्स के अपशिष्ट जल प्रबंधन से नदी में जीरो डिस्चार्ज को किया गया सुनिश्चित। आस्था, भक्ति, शांति व स्वच्छता के अद्भुत संगम व समायोजन से परिवर्तनकारी तीर्थयात्रा की अनुभूति कराने वाला महा आयोजन सिद्ध हो रहा महाकुम्भ-2025। महाकुम्भ की स्वच्छता व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए बनी उदाहरण
ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक
महाकुम्भनगर। सनातन आस्था के परम पवित्र पर्वों में सर्वोपरि महाकुम्भ-2025 आस्था, भक्ति, शांति, मुक्ति, पुण्य प्राप्ति के साथ स्वच्छता और समायोजन के अनुकरणीय उदाहरण स्थापित करने वाला महा आयोजन सिद्ध हो रहा है। यूं तो, कूडा-कचरा व प्लास्टिक मुक्त स्वच्छ महाकुम्भ की अवधारण को धरातल पर उतारने के लिए यह आयोजन नजीर बनकर पूरी दुनिया के समक्ष उंचे प्रतिमान प्रस्तुत कर रहा है। मगर, अपशिष्ट जल प्रबंधन और नदी में जीरो डिस्चार्ज के लिहाज से महाकुम्भ में की गई स्वच्छता व्यवस्थाएं अप्रतिम रहीं तथा इन्होंने वैश्विक बेंचमार्क को भी पीछे छोड़ते हुए विश्व के सामने नवीन व अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि योगी के दिशा-निर्देशन में स्थानीय प्रशासन ने प्रतिदिन 1.5 लाख से ज्यादा टॉयलेट्स के अपशिष्ट जल को कुशलता पूर्वक प्रबंधित कर नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित किया जिसकी पूरी दुनिया साक्षी बन रही है।
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प्रभावी कचरा प्रबंधन प्रणाली से साकार हो रहा स्वच्छ महाकुम्भ का लक्ष्य
महाकुम्भ की विशेष कार्याधिकारी अकांक्षा राना ने बताया कि पीएम मोदी व सीएम योगी की प्रेरणा से स्वच्छ महाकुम्भ का जो लक्ष्य रखा गया था, वह हर दिन के साथ नए प्रतिमानों को स्थापित कर रहा है। महाकुम्भ में 52 करोड़ से अधिक तीर्थयात्रियों की भारी आमद के बावजूद कूड़ा-कचरा मुक्त, प्लास्टिक मुक्त और स्वच्छ कुम्भ के विजन को सफलतापूर्वक लागू किया गया है। महाकुम्भ-2025 भविष्य में बड़े पैमाने पर धार्मिक आयोजनों के लिए स्वच्छता के मॉडल में परिवर्तित हो गया है। मेला क्षेत्र में 1.5 लाख से अधिक शौचालय स्थापित किए गए, जिनमें सोक-पिट, एफआरपी और मोबाइल यूनिट शामिल हैं। क्यूआर कोड-आधारित निगरानी प्रणाली ने वास्तविक समय में रखरखाव सुनिश्चित किया, जबकि जेट स्प्रे सफाई तकनीक और पर्यावरण के अनुकूल रासायनिक समाधानों ने सुविधाओं को स्वच्छ और गंध मुक्त रखने में मदद मिली।
350 सक्शन मशीनों ने जीरो डिस्चार्ज किया सुनिश्चित
- प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले कचरे को संभालने के लिए अधिकारियों ने एक मजबूत कचरा प्रबंधन प्रणाली स्थापित की जिसके अंतर्गत बसवार प्लांट में प्रतिदिन 650 मीट्रिक टन (एमटी) कचरा संसाधित किया जा रहा है।
- वहीं, कचरा संग्रह के लिए 120 हॉपर टिपर ट्रक और 40 कॉम्पैक्टर लगाए गए हैं। तरल कचरे के प्रबंधन के लिए 94 सक्शन मशीनें लगाई गई हैं जबकि मेला मैदान में 25,000 डस्टबिन रखे गए हैं।
- इसी के साथ, कचरे के कुशल निपटान के लिए 37 लाख कचरा लाइनर बैग का उपयोग किया गया
- पहली बार, मेला प्राधिकरण ने नदी में जीरो डिस्चार्ज सुनिश्चित करने के लिए 350 सक्शन मशीनें और 1.5 लीटर के शौचालय और मूत्रालय स्थापित किए।
- इस आयोजन में नदी प्रदूषण को रोकने के लिए तीन अस्थायी और तीन स्थायी सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण भी किया गया।
- महाकुम्भ से पहले जहां शौचालय की स्थापना का कार्य पूर्ण किया गया। वहीं, महाकुम्भ की अवधि के दौरान कुशलतापूर्वक इनकी दैनिक निगरानी और रखरखाव किया जा रहा है।
- महाकुम्भ के बाद सुरक्षित निपटान और साइट की बहाली के कार्य को भी पूरी सतर्कता के साथ पूर्ण किया जाएगा। महाकुम्भ की स्वच्छता व्यवस्था पूरी दुनिया के लिए बनी उदाहरण