नशे से दूर रहें

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नशे से दूर रहें

नशे से दूर रहे क्षत्रिय समाज। राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ की बैठक में नशे पर हुई चर्चा।

लखनऊ।/बीकेटी। क्षत्रिय समाज को हर प्रकार के नशे से दूरी बनानी होगी। नशा नाश का द्वार है। क्षत्रिय समाज के बच्चों और युवाओं को नशे की तरफ जाने से रोकना होगा। क्योंकि, आज नशा फैशन बन गया है। युवा पीढ़ी नशे के जाल में फँसती जा रही है। आजकल पार्टी का मतलब ही दारू-मुर्गा हो गया है। नशे के सौदागर गली-गली घूम रहे हैं। यह बात नशामुक्त समाज आन्दोलन ‘अभियान कौशल का’ के बीकेटी इंचार्ज नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने कही। राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ की एक विशेष बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। राजपूत संघ ने मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में क्षत्रिय समाज की बैठक बुलाई थी। गुड़म्बा में आयोजित इस बैठक में समाज के विभिन्न विषयों के साथ नशे पर गंभीर चर्चा हुई।

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नशा मनुष्य जीवन का नाश करता है। बेहतर जीवन के लिए नशे से दूर रहना ही समझदारी है। नशा करने वाला व्यक्ति अपना कितना धन व सम्मान नशे में खो देता है, उसे स्वयं ही मालूम नहींं होता। नशे की लत छूटने उपरांत उसे इसके दुष्परिणामों का एहसास होता है तथा पश्चाताप करता है कि उसने यह नशे की लत पहले ही क्यों नही छोड़ी।व्यक्ति शौक के तौर पर नशीली वस्तुओं का सेवन करने लग जाता है तथा उसको स्वयं नहीं पता चलता कि उसका यह शौक कब आदत में तबदील हो जाता है। वहीं नशा परिवार को तोड़ता है। नशा समाज को दूषित करता है। नशा करने वाले व्यक्ति को अविश्वास की भावना से देखा जाता है। आज नशा मुक्ति केन्द्रों के माध्यम नशे से दूर रहने का कार्य किया जाता है। इसके अतिरिक्त भावी पीढ़ी को नशा मुक्त समाज प्रदान करने के लिए हमें एकजुट हो कर इसको समाप्त करना होगा। ऐसे में हम सभी का दायित्व है कि समाज को नशा मुक्त करने के लिए अपने-अपने स्तर पर काम करें। आज हमारे सामने एक सबसे बड़ी सामाजिक समस्या पैदा हो रही है। युवाओं के नशे का शिकार होना, जो कल के होने वाले देश के जांबाज कर्णधार हैं। आज हम सभी यह संकल्प ले कि न नशा करेंगे न ही किसी को नशा करने देंगे। हम भारत के लोग सामाजिक प्राणी हैं इसमें किसी प्रकार से जाति-पाँति,धर्म-पंथ न करें। नशा सबके लिए हानिकारक है फिर वह कोई समाज क्यों न हो।


किसी एक व्यक्ति की नशे की लत से परिवार और समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है इसलिए किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहना ही इसका सर्वोत्तम इलाज है। कुछ बीमारियों का इलाज ही बचाव है, जबकि कुछ बीमारियों से बचाव ही उनका इलाज है। नशे की आदत को छोड़ने के लिए पीड़ित को ऐसे लोगों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताना चाहिए, जो नशा ना करते हों। बैठक में उपस्थित राजपूत संघ के सभी पदाधिकारियों को नशामुक्त सेनानी नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान ने अंग वस्त्र पहनाकर सम्मानित किया। सभी को तमाम प्रकार नशे और उसके दुष्परिणाम बताए गए। सबसे अपील की गई कि वे अपने बच्चों को तम्बाकू-गुटखे की पहली चुटकी, बीड़ी-सिगरेट की पहली फूंक व बियर-शराब की घूंट से बचाएं। सबकी दोस्ती नशामुक्त होनी चाहिए।अंत में सबको आजीवन नशामुक्त रहने का संकल्प कराया गया।बैठक में राष्ट्रीय क्षत्रिय राजपूत समन्वय संघ,उप्र के प्रांतीय समन्वयक देवेन्द्र कुमार सिंह चौहान,युवा कल्याण प्रमुख सत्येंद्र बहादुर सिंह, विधिक प्रमुख आशीष सिंह एडवोकेट,रोजगार प्रमुख अजय सिंह सिकरवार,सुनील सिंह भदौरिया,शिव बहादुर सिंह गौर,समाजसेवी रवि प्रकाश सिंह,सत्येंद्र मणि सिंह रैकवार व अजय सिंह आदि मुख्यरूप से उपस्थित थे

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