गौ शाला में गायों के मरने पर मौन योगी सरकार-अजय कुमार लल्लू

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  • उत्तर प्रदेश में जब चुनाव आए हैं तो मोदी जी को गायों का ख्याल आया है ।
  • गौशालाओं पर प्रति जानवर दिया जाने वाला खर्चा बहुत कम है ।
  • गौशालाओं में दिए जाने वाले बजट में हो रहे भ्रष्टाचार और गायों को मरने के लिए मजबूर छोड़ देने पर,योगी सरकार मौन है ।



लखनऊ।
उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि पिछले पौने 5 साल में उत्तर प्रदेश की गौशालाओं में गायों पर हो रहे अत्याचार पर मौन साधे रही योगी सरकार । मोदी सरकार ने भी इस दिशा पर कोई काम नहीं किया और ना ही कभी गाय का नाम लिया ।अब जब उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव आए हैं तो मोदी जी को गोवर्धन और पशुधन का ख्याल आया है । मोदी जी जनता को बता रहे हैं कि गाय पूजनीय होती है । यह कौन नहीं जानता ? मोदी जी को बताना चाहिए की गौशालाओं में गायों की बदहाली के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने क्या किया है ?


एक जानवर पर योगी सरकार ने महज 30 रूपये आवंटित किए। 30 रूपये में जानवर को भूसा, हरा चारा, गुड़, चना और उनके स्वास्थय की देखभाल की व्यवस्था करा पाना कठिन है। उस 30 रू में भी खूब भ्रष्टाचार हो रहा है। जानवरों की फर्जी संख्या दिखाकर ज्यादा बिल बनाया जाता है। उपलब्ध जानवरों को खराब अनाज और चारा दिया जाता है, जिसकी वजह से जानवर कमजोर हो जाते हैं और अंत में मर जाते हैं। मृत जानवर को उठाया नहीं जाता, ठीक से दफनाया भी नहीं जाता। आवारा कुत्ते कमजोर जानवरों को जीवित रहते ही खाने लगते हैं। पशु डॉक्टर फीस तो लेते हैं, मगर जानवरों को देखने नहीं जाते। जिस वजह से गायें गौशालाओं में मरने को मजबूर हैं। योगी सरकार ने गौशालाओं के लिए जो बजट आवंटित किया, उस बजट में गायों का ख्याल कम और भ्रष्टाचार पर ज्यादा ध्यान दिया गया ।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा जी ने कई बार गायों की बदहाली के मुद्दे को मजबूती से उठाया। मगर योगी सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया । आज जब प्रियंका गांधी वाड्रा जी उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर पशुधन के लिए छत्तीसगढ़ मॉडल लागू करने की बात कर रही हैं। जिसमें कांग्रेस सरकार बनने पर उत्तर प्रदेश में गोबर खरीद की बात कर रही है, गायों की बदहाली दूर करने की बात कर रही हैं, गायों के लिए पराली खरीद का आश्वासन किसानों को दे रही है ताकि किसान पशु को खुला ना छोड़ें और पशु के अंतिम समय तक उससे लाभ कमाएं। तब मोदी जी और योगी जी को भी गाय की याद आने लगी। मगर अब देर हो चुकी है।