
अखिलेश यादव के गंभीर आरोप चुनाव आयोग की साख पर उठे सवाल। भाजपा ने दो दर्जन सीटें हड़पीं, चुनाव आयोग चुप क्यों..? अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल उठाए। भाजपा पर फर्जी वोट बनवाने और मतदाता सूचियों में हेरफेर का आरोप। उपचुनावों में धमकाने, ईवीएम खराब करने और नकली आईडी से मतदान के आरोप। 18,000 एफिडेविट आयोग को सौंपे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं। चुनाव आयोग की साख पर उठ रहे सवाल: अखिलेश यादव
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने चुनाव आयोग की भूमिका और विश्वसनीयता पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा है कि “चुनाव आयोग न्याय करेगा या नहीं, इस पर बहस होनी चाहिए”। उन्होंने जोर देकर कहा कि हाल ही में आयोग पर लगे वोट चोरी के आरोपों की पारदर्शी जांच और सफाई देना उसकी विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।
अखिलेश यादव ने भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए इसे “भ्रष्टाचार का विश्वविद्यालय” और “चुनावी भ्रष्टाचार का ब्रह्मांड विश्वविद्यालय” करार दिया। उनका आरोप है कि सबसे ज्यादा फर्जी वोट भाजपा ने बनवाए हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा समर्थक अधिकारी, मतदाता सूचियों में नाम जोड़ने या हटाने और नकली आईडी से वोट डालने जैसी गतिविधियों में संलिप्त हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि सबसे ज्यादा फर्जी वोट भाजपा ने बनवाए है। भाजपा के चुनावी हथकंडे अब उजागर हो चले है। भाजपा कुछ लोगो की मिलीभगत से कभी अपने समर्थक फर्जी मतदाताओं का नाम बढ़ा देती है और चुनावी अधिकारियों से साठगांठ कर कभी अपने विरोधियों के नाम मतदाता सूची से गायब कर देती है। भाजपा चुनाव में लगे अपने चुनिंदा अधिकारियों को बाकायदा टारगेट देती है कि कितने फर्जी वोट डालना है। एक वीडियो में एक आदमी छह-छह वोट डालने का दावा कर रहा था।
अखिलेश यादव ने कहा कि यह आशंका अब सच लगती है कि पिछले चुनाव में भाजपा ने अपने खिलाफ डाले गये वोट खारिज करवा के और डीएम के दबाव से जीत के सर्टिफिकेट बदला कर दो दर्जन से ज्यादा सीटों पर भाजपा को जिताने का काम किया गया था। मतदाता सूची में हेराफेरी के मामलों में 18 हजार एफिडेविट चुनाव आयोग को समाजवादी पार्टी ने दिए थे। आज तक उन पर क्या कार्यवाही हुई पता नहीं चला। आयोग कुंडली मारकर बैठ गया है। कार्यवाही होती तो फर्जी काम नहीं होते।
एक बात तो दिन के उजाले की तरह साफ है कि चुनाव आयोग की साख बहुत हद तक जनता की निगाहों मे गिर गई है। हकमारी और मतमारी से भाजपा लोकतंत्र को खत्म करने का षड्यंत्र कर रही है। अब समाजवादी पार्टी इन साजिशों को कामयाब नहीं होने देगी। सन् 2027 के चुनावों में भाजपा और चुनाव आयोग की सांठगांठ से वोटों की हेराफेरी और जबरन चोरी कतई नही होने पाएगी।
पूर्व मुख्यमंत्री ने उदाहरण देते हुए कहा कि कुंदरकी, मीरापुर और अयोध्या के मिल्कीपुर उपचुनावों में भाजपा ने फर्जी मतदान, विरोधी मतदाताओं को धमकाने, और ईवीएम खराब होने का बहाना बनाकर मतदान रोकने जैसी रणनीतियां अपनाईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा ने अपने अधिकारियों को “टारगेट” दिया कि कितने फर्जी वोट डलवाने हैं।
अखिलेश यादव ने दावा किया कि पिछले चुनाव में भाजपा ने अपने खिलाफ पड़े वोट रद्द करवाकर और जिला प्रशासन के दबाव में जीत के प्रमाणपत्र बदलवाकर दो दर्जन से ज्यादा सीटें हड़पीं। समाजवादी पार्टी ने इस संबंध में 18,000 एफिडेविट चुनाव आयोग को सौंपे थे, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं से चुनाव आयोग की साख जनता की नज़रों में काफी गिर गई है और भाजपा लोकतंत्र को कमजोर करने की साजिश कर रही है। अखिलेश ने स्पष्ट किया कि 2027 के चुनावों में समाजवादी पार्टी भाजपा और चुनाव आयोग की किसी भी मिलीभगत को कामयाब नहीं होने देगी। चुनाव आयोग की साख पर उठ रहे सवाल: अखिलेश यादव