पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल,सरहदें कब होंगी सुरक्षित..?

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पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल,सरहदें कब होंगी सुरक्षित..?
पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल,सरहदें कब होंगी सुरक्षित..?
राजेन्द्र चौधरी
राजेन्द्र चौधरी

आज लोकसभा में ऑपरेशन सिन्दूर पर चर्चा में भाग लेते हुए अखिलेश यादव ने देश की सेना का आभार प्रकट किया और धन्यवाद किया। दुनिया की साहसी फौजों में जब गिनती होती है तो उसमें भारतीय सेना सबसे आगे दिखाई देती है। सेना के अदम्य शौर्य पर हम सब को गर्व है कि हमारी सेना ने पाकिस्तान के आतंकी कैम्पों पर हमला किया। उन्हें ध्वस्त किया। हमारी सेना ने आतंकी कैम्पों को नष्ट करने के साथ पाकिस्तानी एयर बेस को भी निशाना बनाया। उनको भी ध्वस्त किया। जब हमारी फौज पाकिस्तान को हमेशा के लिए पाठ पढ़ा सकती थी और वह फिर कभी हिम्मत नहीं जुटा पाता ऐसे समय में सरकार पीछे क्यों हट गयी। क्या कारण था कि सरकार को सीजफायर का ऐलान करना पड़ा। आखिरकार किस दबाव में सरकार को सीजफायर स्वीकार करना पड़ा। अखिलेश यादव ने कहा कि हमें उम्मीद थी कि सरकार खुद सीजफायर करेगी लेकिन इनकी मित्रता बहुत लोगों से है, इन्होंने अपने मित्र से कह दिया कि वही सीजरफायर का ऐलान कर दे। पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल,सरहदें कब होंगी सुरक्षित..?

आजादी के इतने सालों के बाद आज जिस विशय पर चर्चा करनी पड़ रही है, यह होना ही नहीं चाहिए था लेकिन दुर्भाग्य है कि इतने साल बाद भी ये मुद्दे बने हुए हैं। यह बात पक्ष विपक्ष की नही है। यह देश की सुरक्षा और जनता के रक्षा की है। सब लोग मिलकर कोई ऐसी रणनीति क्यों नहीं बनाते जिससे सीमाएं हमेशा के लिए सुरक्षित और शांत रहे। पहलगाम की घटना ने साबित कर दिया है कि लापरवाही देशवासियों की जान ले सकती है। पहलगाम हमले के समय वहां मौजूद पर्यटक पूंछ रहे थे कि खतरों के बीच उनकी रक्षा करने वाला कोई क्यों नहीं था। सरकार तो दावा करती थी कि धारा 370 खत्म होने के बाद कोई आतंकी घटना नहीं होगी। वहां पर्यटन बढ़ेगा। पर्यटक सरकार के भरोसे और आश्वासन पर गये थे। पहलगाम में सुरक्षा चूक हुई। इस चूक की जिम्मेदारी किसकी है? जिम्मेदारी कौन लेगा? यह घटना इंटेलिजेंस फेल्योर थी। सरकार को बताना चाहिए कि भविष्य में ऐसी घटना न हो उसके लिए क्या-क्या कदम उठा रही है? क्योंकि पहलगाम से पहले पुलवामा की घटना हुई थी, तब भी इंटेलीजेंस फेल्योर की बात सामने आयी थी।

अखिलेश यादव ने कहा कि सरकार में शामिल लोग बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। उत्तजनापूर्ण भाषण देते है। उसके जरिए जनता से भावनात्मक लाभ लेना चाहते है। सरकार की तरफ से सुरक्षा चूक और इंटेलिजेंस फेल्योर पर जवाब आना चाहिए। इसके साथ सरकार को जानकारी देना चाहिए कि जब भाजपा सत्ता में आयी थी तब देश का क्षेत्रफल कितना था और आज देश का क्षेत्रफल क्या है? लोगों को क्षेत्रफल पता होना चहिए। पर्यटक पूछते है कि उनकी रक्षा क्यों नहीं की गयी जबकि कुछ लोगों को पूरी चाक-चौबंद सुरक्षा दी जाती है, जो बाद में ठग साबित होते है।

अखिलेश यादव ने कहा कि पहलगाम की घटना के दूसरे दिन जिस तरह का कार्टून भाजपा के आफिसियल हैंडल से पब्लिश किया गया और हमारे द्वारा घोर आपत्ति पर हटाया गया, उससे साबित होता है कि भाजपा के लोगों ने दुःख की घड़ी में देश की भावनाओं के साथ शर्मनाक काम किया। भाजपा बताएं कि ऐसे असंवेदनशील लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल ने कहा कि यह इंटेलिजेंस फेल्योर है, लेकिन यह नहीं बताया कि फेलियर क्यों हुआ है। सरकार इस पर जवाब दे। श्री यादव ने कहा कि ऑपरेशन सिन्दूर के नाम पर किया गया प्रचार निन्दनीय है। ऑपरेशन सिन्दूर होना सरकार की विफलता का प्रतीक है। भाजपा सरकार की विदेश नीति पूरी तरह फेल है। आपरेशन सिन्दूर और पहलगाम की घटना पर दुनिया के किसी देश ने साथ नहीं दिया। यह विदेश नीति का संकटकाल है। पड़ोसी देश अतिक्रमण कर रहे है। हमारे देश के साथ नहीं खड़े हुए। उन्होंने कहा समाजवादियों ने हमेशा सरकार को सीमा को लेकर चेताया है। सरकार को इस पर साहस और समझदारी से काम लेना होगा। सरकार को इस पर समझौता नहीं करना चाहिए। भाजपा सरकार में सरहदों के साथ देश के व्यापार में भी चुनौती मिल रही है। सरकार को आगे बढ़कर समाधान करना चाहिए।

अखिलेश यादव ने कहा कि देश में जितना खतरा आतंकवाद से है उतना ही खतरा चीन से है। लेकिन सरकार के फैसले और नीतियां ऐसी है कि जो सीमाओं पर अतिक्रमण कर रहा है उसी के साथ व्यापार में मदद करते है। सरकार को अपनी आर्थिक नीतियों पर गंभीरता से विचार करना होगा। देश का व्यापार और कारोबार मजबूत होगा तो कोई चुनौती नहीं दे पायेगा। बात केवल ट्रिलियन डॉलर की नहीं बल्कि सुरक्षा और आत्मनिर्भरता की होनी चाहिए। एक तरफ स्वदेशी की भी बात होती थी वहीं अब मैनुफैक्चरिंग टेªडर कण्ट्री बनाकर छोड़ दिया है। यही देश में बेरोजगारी की वजह भी है। टेªडर की मुनाफाखोरी और चंदाचोरी की वजह से महंगाई बढ़ रही है। यह सरकार आर्थिक मामलों में पूरी तरह फेल हो गयी है। भ्रष्टाचार के कारण हर जगह सड़कें, पुल ध्वस्त हो रहे हैं। पानी की टंकियां गिर रही है।

भाजपा सरकार को अपनी राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक नीतियों के लिए एसआईआर कराना चाहिए। सरकार से हर बार चूक हुई, कह कर अब नहीं बच सकती है। श्री यादव ने कहा कि पाकिस्तान सीमा पर आतंकवाद का खतरा रहता है लेकिन जो दूसरे देशों से सीमाएं है वहां भी खतरा बढ़ता जा रहा है। चीन सीमा पर स्थिति पहले की गलवान सीमा जैसी नहीं लौटी है। नियंत्रण रेखा के कई क्षेत्र में गश्ती के लिए बफर जोन उपलब्ध नहीं है। लद्दाख में सैनिकों की भारी तैनाती है। हमारी मांग है कि सरकार अपनी अग्निवीर योजना वापस ले जिससे सेना की कमी पूरी हो सके।

चीन को लेकर श्री अखिलेश यादव ने कहा कि चीन ने भारतीय वाहन निर्माताओं के लिए आवश्यक आपूर्ति रोक दी है। बुलेट ट्रेन के लिए सुरंग खोदने वाली मशीन, डीएपी के लिए आवश्यक खनिज की सप्लाई रोक दी है। चीन पाकिस्तान के पीछे खड़ा है। उससे सावधान रहना होगा। चीन यहां की जमीन के साथ बाजार भी छीन रहा है। सरकार को आतंकवाद और पाकिस्तान पर लगाम लगाने के लिए 10-15 साल की योजना बनानी चाहिए। चीन से व्यापार कम करना होगा। अगर चीन से इसी तरह से व्यापार होता रहेगा तो हमारा देश कभी आत्मनिर्भर नहीं बन पायेगा। ऐसा लगता है कि चीन से व्यापार कुछ व्यापारियों को लाभ दिलाने के लिए किया जा रहा है।

अखिलेश यादव ने कहा कि सभी लोग आतंकवाद के खात्मे और आतंकवादियों के मारने के लिए सरकार के साथ खड़े हैं, देश के सभी राजनीतिक दलों ने आतंकवाद और आतंकवादियों के खिलाफ सरकार का पूरी तरह से समर्थन किया लेकिन पहलगाम के आतंकवादियों का एनकाउण्टर कल ही क्यों हुआ? पुलवामा की घटना में जिस गाड़ी में आरडीएक्स आया वह गाड़ी आज तक क्यों नहीं पकड़ी गयी। सरकार आज भी चाहे तो सेटलाइट इमेज से पता कर सकती है कि गाड़ी किस रास्ते से आयी। सरकार हिम्मत क्यों नहीं जुटा पा रही है?
श्री अखिलेश यादव ने कहा कि पहलगाम की घटना में किसी दल ने भाजपा के साथ राजनीति नहीं की। लेकिन भाजपा और सरकार ने कांग्रेस और समाजवादी पार्टी समेत अन्य दलों के साथ राजनीति करने की कोशिश की। अगर सांसदों का डेलीगेशन विदेश भेजना था तो राजनीतिक दल तय करते, सरकार नहीं कर सकती थी। आखिरकार यह राजनीति कौन कर रहा है। राजनीति करने वाले कह रहे थे कि 6 महीने में पीओके ले लेंगे। अक्साई चीन ले लेंगे। इसीलिए हमने सवाल पूछा कि जब भाजपा सत्ता में आयी तब भारत का क्षेत्रफल क्या था और आज क्या है? क्या पेंगुइन झील, गलवान घाटी और रेंजागला का जवाब सरकार के पास है।

हम लोग युद्ध नहीं चाहते, सीमा पर शांति रहे लेकिन हमारी सीमाओं पर अतिक्रमण नहीं होना चाहिए। हम लोग झगड़ा नहीं चाहते लेकिन सरकार को समझना होगा कि जो लड़ाई हुई है वह पाकिस्तान से नहीं हुई है। यह लड़ाई चीन से लड़नी पड़ी थी। जब सरकार आतंकी अड्डों पर हमले का समय बताती है तो मन में इच्छा होती है कि जिन फाइटर प्लेनों की नीबू और मिर्चा लगाकर पूजा हुई थी वह कितने उड़े थे। हमें एयरफोर्स पर गर्व है, जितना बेहतरीन पायलट हमारे पास है, इतना किसी के पास नहीं है। अखिलेश यादव ने कहा कि हमें गर्व है कि समाजवादी लोगों ने उत्तर प्रदेश में ऐसा इन्फ्रास्ट्रक्चर दिया है, जब जरूरत होगी तो सेना के फाइटर प्लेन वहां उतर जाएंगे। देश में पहली बार समाजवादी सरकार ने सुखोई, मेराज फाइटर प्लेन सड़क पर उतारने का काम किया था। प्रधानमंत्री जी जिस एक्सप्रेस-वे पर हरक्यूलिस विमान से उतरे थे उसे भी समाजवादियों ने डिजायन किया था। देश में ऐसी सड़कंे क्यों नहीं बन रही, जिस पर सेना के लड़ाकू विमान उतर सके। सरकार को देश का रक्षा बजट और बढ़ाना चाहिए। रक्षा बजट देश की जीडीपी का कम से कम तीन फीसदी होना चाहिए। रक्षा बजट नानलैप्सेबल हो। रिसर्च एण्ड डेवलपमेंट लगातार चलना चाहिए। डिफेंस प्रोक्योरमेंट क्यों नहीं होता है..? पर्यटकों की सुरक्षा पर सवाल,सरहदें कब होंगी सुरक्षित..?