वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण

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वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण
वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण

ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण में वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग,पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम। क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने में वेस्ट प्लास्टिक का किया जा रहा है ,उपयोग। पीएमजीएसवाई की सड़कों के नवीनीकरण में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग से ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में आ रही कमी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित सड़कों के अनुरक्षण कार्यो में वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण को किया जा रहा है संरक्षित। 340.76 किमी० का कार्य पूर्ण कराते हुये 432.59 टन सिविल यूज वेस्ट प्लास्टिक का किया गया उपयोग। वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नेतृत्व व निर्देशन में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़कों के नवीनीकरण यानी क्षतिग्रस्त सड़कों को ठीक करने में सिंगल यूज्ड वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर जहां सड़कों को जनता के लिए सुगम व सरल यातायात के लिए उपयोगी बनाया जा‌ रहा है, वहीं वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग करके पर्यावरण संरक्षण व संवर्धन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। प्रदेश में सड़को के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने और सड़कों की गुणवत्ता और टिकाऊपन को बढ़ाने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। पी एम जी एस वाई के तहत ग्रामीण सड़कों के नवीनीकरण/अनुरक्षण कार्यों में ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी किये जाने के उद्देश्य से में 04 नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।इन 04 तकनीकों में वेस्ट प्लास्टिक के उपयोग के साथ बिटुमिनस कॉन्क्रीट का कार्य प्रदेश के 35 जनपदों में 171 मार्गों, लम्बाई 1121.383 किमी० में रिन्यूवल (नवीनीकरण)कार्य सम्पादित हो रहा है, जिसमें अद्यतन 340.76 किमी० का कार्य पूर्ण कराते हुये 432.59 टन वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कराकर पर्यावरण को संरक्षित किया गया है।

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण के सीईओ अखण्ड प्रताप सिंह ने बताया कि उ०प्र० ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण द्वारा ग्रामीण विकास मंत्रालय, भारत सरकार के स्तर से प्रदेश को प्राप्त प्रोत्साहन धनराशि (इन्सेन्टिव मनी) से प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत निर्मित पोस्ट डी०एल०पी० के 306 मार्गों, लम्बाई 1911.30 किमी0 पर ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी किये जाने के परिपेक्ष्य में 04 नई तकनीकों यथा – 30 एमएम मोटाई में सी०जी०बी०एम० तकनीक, 30 एमएम मोटाई में कोल्ड मिक्स के साथ बिटुमिनस कॉन्क्रीट ,30 एमएम मोटाई में एमएसएस तकनीक एवं 30एमएम मोटाई में वेस्ट प्लास्टिक के साथ बिटुमिनस कॉन्क्रीट के प्रयोग के साथ रिन्यूवल कार्य उप मुख्यमंत्री जी के मार्गदर्शन मे‌ सम्पादित कराया जा रहा है।

राज्य ग्रामीण सड़क विकास अभिकरण में राज्य गुणवत्तायुक्त समन्वयक‌‌‌ बी के दुबे व राज्य तकनीकी अधिकारी डी.डी. पाठक ने बताया कि इन तकनीकों से रिन्यूवल का कार्य कराकर ग्रीन हाउस गैस उर्त्सजन में अत्यधिक कमी करते हुये अभिकरण द्वारा वेस्ट प्लास्टिक का भी उपयोग कर पर्यावरण को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया जा रहा है।
नवीनीकरण कार्य के बाद सड़क की सतह चिकनी और सुरक्षित हो जाती है।नवीनीकरण कार्य के बाद सड़क अधिक समय तक चलती है।सड़क दुर्घटनाओं की संभावना कमी आती है।नवीनीकरण कार्य के बाद यातायात अधिक सुचारू हो जाता है।नवीनीकरण कार्य के बाद व्यापार और पर्यटन में सुधार होता है। वेस्ट प्लास्टिक का उपयोग कर पर्यावरण संरक्षण