प्लास्टिक प्रदूषण आज एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा

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प्लास्टिक प्रदूषण आज एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा
प्लास्टिक प्रदूषण आज एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा

हर जगह पहुंचे प्लास्टिक के कण। विज्ञानियों ने पृथ्वी के कुछ सबसे अछूते स्थानों में पांच मिलीमीटर से भी छोटे आकार के प्लास्टिक के कणों की खोज की है। प्लास्टिक प्रदूषण आज एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा

विजय गर्ग 

प्लास्टिक प्रदूषण आज एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा है जो स्वास्थ्य, अर्थव्यवस्था, खाद्य सुरक्षा और प्राकृतिक दुनिया को प्रभावित कर रहा है। अब एक नए अध्ययन से पता चलता है कि वायुमंडल में मौजूद प्लास्टिक के सूक्ष्म कण अथवा माइक्रोप्लास्टिक बादलों में बर्फ के निर्माण को बढ़ावा देकर मौसम और जलवायु को बदल सकते हैं। ये कण वर्षा और जलवायु के पैटर्न को प्रभावित कर सकते हैं। विज्ञानियों ने पृथ्वी के कुछ सबसे अछूते स्थानों में पांच मिलीमीटर से भी छोटे आकार के प्लास्टिक के कणों की खोज की है। मारियाना ट्रेंच की गहराई से लेकर माउंट एवरेस्ट की बर्फ से ढकी चोटी तक और यहां तक कि चीन और जापान के पहाड़ों के ऊपर बादलों में प्लास्टिक के सूक्ष्म कण पाए गए हैं। मानव मस्तिष्क के ऊतकों, समुद्री जीवों और पौधों की जड़ों में सूक्ष्म प्लास्टिक भी पाए गए हैं।

अमेरिका में पेन स्टेट विश्वविद्यालय के विज्ञानियों के नेतृत्व में किए गए शोध से पता चलता है कि हवा में मौजूद सूक्ष्म प्लास्टिक जलवायु को प्रभावित कर रहे हैं। सूक्ष्म प्लास्टिक वायुमंडल में सूक्ष्म एरोसोल के रूप में कार्य करते हैं, जो बादलों में बर्फ के क्रिस्टल के निर्माण को सुगम बनाते हैं। सूक्ष्म प्लास्टिक कण बादलों के निर्माण प्रभावित करके वर्षा के पैटर्न, मौसम की भविष्यवाणी, जलवायु की माडलिंग और यहां तक कि विमानन सुरक्षा को भी प्रभावित कर सकते हैं। पिछले दो दशकों के शोध के दौरान विज्ञानियों ने लगभग हर जगह सूक्ष्म प्लास्टिक कण पाए हैं। शोधकर्ताओं ने प्रयोगशाला के नियंत्रित वातावरण में चार अलग-अलग प्रकार के सूक्ष्म प्लास्टिक कणों की बर्फ निर्माण क्षमता का अध्ययन किया। टीम ने प्लास्टिक के कणों को पानी की छोटी बूंदों में छोड़ दिया।

उन्होंने पाया कि जिस औसत तापमान पर बूंदें जम गईं, वह सूक्ष्म प्लास्टिक के बिना बूंदों की तुलना में 5-10 डिग्री अधिक गर्म था। पानी की बूंद में किसी भी तरह का दोष, चाहे वह धूल, बैक्टीरिया या सूक्ष्म प्लास्टिक हो, बर्फ को बनने में मदद कर सकता है। यह छोटी संरचना गर्म तापमान पर पानी की बूंद को जमने के लिए प्रेरित करने के लिए पर्याप्त है। यदि बूंद में कुछ अघुलनशील पदार्थ मिलाया जाता है तो उस बूंद में एक दोष उत्पन्न होता है और यह गर्म तापमान पर बर्फ को जमा सकता है। प्लास्टिक का पूरा जीवन चक्र बादलों के प्रकाशीय और भौतिक गुणों को बदल सकता है। शोधकर्ता अब प्लास्टिक में मिलाए जाने वाले विभिन्न प्रकार के रसायनों का अध्ययन करेंगे, ताकि यह बेहतर तरीके से समझा जा सके कि प्लास्टिक पदार्थ पृथ्वी के वायुमंडल को कैसे प्रभावित कर सकते हैं। प्लास्टिक प्रदूषण आज एक बड़ा पर्यावरणीय मुद्दा