विधानसभा अध्यक्ष ने मुफ्त में माल लेने के लिए विधायकों को दिया आदेश

169

[responsivevoice_button voice=”Hindi Female” buttontext=”इस समाचार को सुने”]

देश के लोकतांत्रिक इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब विधानसभा के अध्यक्ष ने मुफ्त में माल लेने के लिए विधायकों को आदेश दिया है। वाकई राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत में विपक्ष के विधायकों को भी पटाने की क्षमता है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की अब भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात।

एस0 पी0 मित्तल

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से विधानसभा में बजट सत्र में सभी 200 विधायकों को आईफोन मुफ्त में दिया गया। लेकिन बाद में भाजपा विधायकों ने अपने आईफोन वापस लौटा दिए। फोन लौटाने का निर्णय पार्टी स्तर पर लिया गया। लेकिन बजट सत्र के अंतिम दिन 28 मार्च को विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि मैं आदेश देता हंू कि जिन विधायकों ने फोन लौटाए हैं, वे वापस ले लें। संभवत: लोकतंत्र के इतिहास में यह पहला अवसर होगा, जब मुफ्त का माल लेने के लिए विधायकों को आदेश दिए गए हैं। हालांकि आदेश के बाद भी भाजपा के अधिकांश विधायकों ने आईफोन वापस नहीं लिए है। राजस्थान विधानसभा में भाजपा विधायकों की संख्या 72 हैं। सवाल उठता है कि क्या मुफ्त का माल लेने के लिए विधायकों को आदेश दिया जा सकता है?

पटाने की क्षमता:सीएम अशोक गहलोत में अपनी पार्टी के विधायकों को पाटए रखने की क्षमता तो है ही, लेकिन गहलोत भाजपा के विधायकों को भी पटाने की पूरी कोशिश करते हैं। 60 लाख की कीमत वाला तीन बीएचके का फ्लैट सभी विधायकों को मात्र 30 लाख रुपए में दिया गया है। इतना ही नहीं जिन विधायकों से सरकारी मकान खाली करवाए गए उन्हें प्रतिमाह 45 हजार रुपए का मकान किराया भत्ता भी दिया जा रहा है। विधानसभा भले ही 20 दिन चले, लेकिन 40 दिन का दैनिक भत्ता भी दिया जा रहा है। सोशल मीडिया में कहा जा रहा है कि विधायक विधानसभा में तीखे सवाल नहीं पूछे इसलिए हाऊसिंग बोर्ड के फ्लैट से लेकर आईफोन तक दिए जा रहे हैं। इसमें कोई दो राय नहीं कि पक्ष विपक्ष के विधायकों को खुश रखने में मुख्यमंत्री की ओर से कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है।

राजे की जेपी नड्डा से मुलाकात:- 29 मार्च को राजस्थान की पूर्व सीएम और भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने दिल्ली में संसद भवन परिसर में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की। भाजपा के राजनीतिक क्षेत्रों में इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है। मुलाकात में प्रदेश की राजनीति के बारे में चर्चा हुई है। वसुंधरा राजे का लगातार प्रयास है कि उन्हें राजस्थान भाजपा की कमान फिर से सौंपी जाए। हालांकि अभी तक राजे की भूमिका को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर कोई निर्णय नहीं हुआ है, लेकिन पिछले एक सप्ताह में राजे ने जिस प्रकार राष्ट्रीय नेताओं से मुलाकात की है, उसको लेकर प्रदेश का राजनीतिक माहौल गर्मा गया है। इससे पहले राजे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ मुलाकात की। राजे ने भाजपा शासित मुख्यमंत्रियों के साथ उत्तराखंड में पुष्कर सिंह धामी और उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में भी भाग लिया।[/Responsivevoice]