
जिन अजय माकन पर राजस्थान में गहलोत सरकार गिराने का आरोप लगा, उन्हीं अजय माकन ने कांग्रेस के नए अध्यक्ष के पद ग्रहण समारोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।मेरे सिर से भार उतर गया। अब मैं राहत महसूस कर रही हूँ।
26 अक्टूबर को दिल्ली में कांग्रेस मुख्यालय पर हुए एक समारोह में मल्लिकार्जुन खडग़े ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाल लिया। इस समारोह के मंच पर खडग़े के साथ निवर्तमान अध्यक्ष श्रीमती सोनिया गांधी पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी आदि भी मौजूद रहे। पदग्रहण समारोह में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन की महत्वपूर्ण भूमिका देखी गई। कार्यक्रम का संचालन जहां संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने किया वहीं निवर्तमान अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रति धन्यवाद प्रस्ताव को अजय माकन ने पढ़ा। धन्यवाद प्रस्ताव में अजय माकन ने कहा कि पिछले 25 वर्षों में श्रीमती गांधी ने न केवल संगठन को मजबूत किया, बल्कि देश को एक नई दिशा प्रदान की। माकन ने जिस तरह शपथ ग्रहण समारोह में भूमिका निभाई उसको लेकर राजस्थान की राजनीति में जबरदस्त चर्चा है।

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समर्थक मंत्री शांति धारीवाल, महेश जोशी और आरटीडीसी के अध्यक्ष धर्मेन्द्र राठौड़ ने खुला आरोप लगाया था कि गत 25 सितंबर को अजय माकन राजस्थान में गहलोत सरकार गिराने के लिए आए थे। इन नेताओं ने दो टूक शब्दों में कहा कि अजय माकन ने कांग्रेस विधायकों से कहा कि वे विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पास करें। यहां यह उल्लेखनीय है कि 25 सितंबर को मल्लिकार्जुन खडग़े और अजय माकन ही कांग्रेस विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए जयपुर आए थे, लेकिन तब यह बैठक निर्धारित स्थान सीएमआर में नहीं हुई। विधायकों ने इस बैठक को शांति धारीवाल के निवास पर आयोजित किया और अशोक गहलोत मुख्यमंत्री बने रहे इसके समर्थन में विधानसभा अध्यक्ष को इस्तीफा सौंप दिया। जिस तरह से गहलोत के समर्थक मंत्रियों और नेताओं ने अजय माकन पर हमला किया, उससे प्रतीत हो रहा था कि अब राष्ट्रीय राजनीति में अजय माकन की स्थिति कमजोर होगी। लेकिन 26 अक्टूबर को शपथ ग्रहण समारोह में माकन ने जो भूमिका निभाई उससे प्रतीत होता है कि कांग्रेस की राष्ट्रीय राजनीति में अजय माकन की प्रभावी भूमिका देखने को मिलेगी।
मुख्यमंत्री के पद को लेकर भी अभी इस्तीफा स्पष्ट नहीं हुई है। एक ओर विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने 90 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है तो वहीं कांग्रेस हाईकमान ने भी अभी मुख्यमंत्री पद का मामला लटका रखा है। अब चूंकि खडग़े ने अध्यक्ष पद की शपथ भी ले ली है, इसलिए माना जा रहा है कि राजस्थान के बारे में जल्द निर्णय होगा। 26 अक्टूबर को हुए शपथ ग्रहण समारोह में मुख्यमंत्री गहलोत ने भी भाग लिया। इस अवसर पर निर्वमान अध्यक्ष श्रीमती गांधी ने कहा कि खडग़े के अध्यक्ष बनने से उन्होंने राहत महसूस की है। अब उनके सिर से भार उतर गया है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन संसार का नियम है और उसी के तहत खडग़े को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया है। वहीं खडग़े ने कहा कि उनके लिए यह गर्व की बात है कि एक मजदूर और गरीब का बेटा कांग्रेस का अध्यक्ष बना है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान की रक्षा के लिए वे संघर्ष करते रहेंगे। इसके साथ ही उन्होंने श्रीमती सोनिया गांधी और राहुल गांधी का भी आभार प्रकट किया।
























