लखनऊ। राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने प्रदेश में पावर कारपोरेशन के द्वारा ग्रामीण क्षेत्र के उपभोक्ताओं के लिए बिजली आपूर्ति की दरों मे दो रूपये प्रति यूनिट की वृद्धि के मसौदे को जनता पर मंहगाई की एक और असहनीय सरकारी वार करार दिया है। उन्होने कहा कि इस समय भीषण गर्मी तथा लू के चलते प्रदेश की जनता बिजली आपूर्ति में खामियों के कारण त्राहि-त्राहि कर रही है। उन्होने तंज कसा कि सरकारी भाषणों मे सरकार बिजली गिरा तो रही है पर बिजली बनाने का उसे जरा सा भी फिक्र नही है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि प्रदेश भर में अभूतपूर्व बिजली कटौती के साथ गरीब उपभोक्ताओं के भीषण गर्मी में बेरहमी से बिजली के कनेक्शन काट दिये जा रहे हैं। वहीं उन्होने ट्रांसफार्मर क्षमता के साथ सरकार के स्टाक में उपलब्ध नही होने के कारण ओवरलोडिंग के चलते इनके जल उठने को भी सरकारी कुप्रबन्धन की विफलता कहा है। रविवार को रामपुर खास के एक दिवसीय दौरे पर पहुंचे राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि अभूतपूर्व बिजली कटौती के साथ नहरों में पानी नही है। उन्होने कहा कि सिंचाई के लिए बिजली भी उपलब्ध नही है। विपक्ष के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि नहरों मे पानी न आने तथा कमजोर विद्युत आपूर्ति के कारण किसान धान की नर्सरी तैयार नही कर पा रहा है।
राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि सरकारी क्षेत्र में सिंचाई के कुप्रबंधन का सीधा दुष्परिणाम किसान को फसल उत्पादन में अपनी गाढ़ी कमाई खो देने की चिन्ता साल रही है। बिजली दरों को ग्रामीण उपभोक्ताओं को मंहगे दर पर किये जाने के पावर कारपोरेशन के फैसले को प्रदेश की भाजपा सरकार के इशारे पर जनता पर बोझ करार दिया है। उन्होनें तंज कसा कि यूपी में लोकसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के खिलाफ गये हैं इससे लगता है कि सरकार मंहगाई को थोपकर अपने प्रतिशोध की खींझ में आ गयी है। राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने सरकार को सुझाव दिया कि वह जनहित में नेशनल पावर ग्रिड और पूर्वोत्तर राज्यों में जहां अतिरिक्त बिजली उपलब्ध है वहां से प्रदेश की जरूरत के हिसाब से फौरन बिजली खरीदे। उन्होनें कहा कि मांग के अनुरूप सरकार बिजली की उपलब्धता बढ़ाये ताकि किसानों के साथ आम मध्यम वर्ग को बिजली संकट से शहरी एवं ग्रामीण दोनों सेक्टरो मे निजात मिल सके।
प्रमोद तिवारी ने सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि प्रदेश में बिजली के संकट के लिए राज्य सरकार की अव्यवहारिक एवं अदूरदर्शी नीति पूरी तरह से जिम्मेदार है। एक सवाल के जबाब में राज्यसभा सदस्य प्रमोद तिवारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर में फिर आतंकवाद सिर उठा रहा है। वहीं उन्होने कहा कि छत्तीसगढ़ में भी नक्सली घटनाएं सरकार को चुनौती दिये हुए हैं। मणिपुर में लगातार हिंसक घटनाओं ने देश की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था को लेकर मोदी सरकार की सालों से कलई खोले है। उन्होने कहा कि मोदी सरकार राष्ट्र की आंतरिक और वाहय सीमावर्ती सुरक्षा के क्षेत्र में भी अभी भी गैरजबाबदेह बनी हुई है। उन्होनें कहा कि सरकार को एनडीए के सहारे कार्यकाल पूरा करने की चिन्ता के बजाय राष्ट्रीय मसलों पर उत्पन्न चुनौतियों की राष्ट्रहित में अब चिन्ता करनी चाहिए। अभूतपूर्व बिजली कटौती के साथ नहरों में पानी नही-प्रमोद तिवारी