बीमा कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल

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बीमा कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल
बीमा कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल

बीमा कर्मचारियों की एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल, कार्यालयों में ताले, कार्य पूरी तरह ठप। LIC और अन्य बीमा संस्थानों के कर्मचारी एकजुट निजीकरण के खिलाफ, पुरानी पेंशन बहाली व वेतन सुधार की मांग। बीमा कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल

अनिल साहू
अनिल साहू

अयोध्या/रुदौली। ऑल इंडिया इंश्योरेंस एम्पलाइज एसोसिएशन के आवाहन पर आज बीमा कर्मचारी संघ के सभी कर्मचारी एक दिवसीय देशव्यापी हड़ताल पर रहे। हड़ताल के दौरान कर्मचारियों ने अपने कार्यालयों में ताला खुलने नहीं दिया, जिससे पूरे दिन कार्यालय का कार्य पूरी तरह ठप रहा। हड़ताल का उद्देश्य कर्मचारियों की विभिन्न लंबित मांगों को लेकर सरकार और प्रशासन का ध्यान आकर्षित करना था।

देशभर में बीमा क्षेत्र से जुड़े कर्मचारियों ने गुरुवार को अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय राष्ट्रव्यापी हड़ताल की। इस हड़ताल का व्यापक असर सरकारी और निजी बीमा कार्यालयों में देखा गया, जहां कामकाज पूरी तरह से ठप रहा और कार्यालयों पर ताले लटकते नजर आए। भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC), जनरल इंश्योरेंस कंपनियों तथा अन्य बीमा संस्थानों के हजारों कर्मचारियों ने हड़ताल में हिस्सा लिया। उनकी प्रमुख मांगों में निजीकरण का विरोध, पुरानी पेंशन योजना की बहाली, भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता, और वेतनमान सुधार शामिल हैं।

प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए अपनी प्रमुख मांगें रखीं:

  • बीमा क्षेत्र में 100% एफ.डी.आई. को वापस लिया जाए — “एफडीआई धोखा है, वापस लो वापस लो”।
  • सार्वजनिक क्षेत्रों के निजीकरण पर तुरंत रोक लगाई जाए।
  • आउटसोर्सिंग को बंद किया जाए एवं नई भर्ती शीघ्र शुरू की जाए।
  • पुरानी पेंशन योजना को दोबारा लागू किया जाए, जिससे युवाओं के भविष्य की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
  • बीमा नियामक प्राधिकरण (IRDA) द्वारा किए जा रहे नियमों में बदलाव को रोका जाए।
  • एलआईसी की पॉलिसी प्रीमियम पर लगने वाला जीएसटी हटाया जाए।

संघों की चेतावनी

बीमा कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने सरकार को चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर जल्द विचार नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे। कर्मचारियों का कहना है कि सरकार लगातार बीमा क्षेत्र के निजीकरण की ओर कदम बढ़ा रही है, जिससे उनकी नौकरी की सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है।

ग्राहकों को हुई परेशानी

हड़ताल के चलते बीमा पॉलिसी से जुड़ी सेवाएं, क्लेम प्रक्रिया, प्रीमियम जमा और ग्राहक सहायता जैसी महत्वपूर्ण सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हुईं। कई जगहों पर पॉलिसीधारकों को वापस लौटना पड़ा।

सरकार का रुख

सरकारी सूत्रों के अनुसार, बीमा क्षेत्र में सुधार की प्रक्रिया जारी है और कर्मचारियों की सभी मांगों पर विचार किया जा रहा है। हालांकि, अभी तक किसी आधिकारिक वार्ता की घोषणा नहीं की गई है।

आगे की राह

यह हड़ताल केवल एक दिन के लिए थी, लेकिन कर्मचारियों ने स्पष्ट किया है कि यदि सरकार ने उनकी समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो वे भविष्य में और उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

इस विरोध प्रदर्शन में बीमा कर्मचारियों के प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे, कुंवर आनंद (अध्यक्ष), श्याम मनोहर (सचिव) साथ ही दुर्गेश पाण्डेय, पवन कुमार सिंह, संदीप सिंह, संतोष कुमार, आशुतोष रंजन, मनजीत सिंह, संजय पाण्डेय, शोभित, मयंक, राहुल वर्मा आदि ने अपनी सक्रिय भागीदारी दी। हड़ताल से बीमा सेवाएं प्रभावित हुईं और आमजन को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। कर्मचारी संघ ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों पर सरकार द्वारा शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो आगे और भी बड़े आंदोलन की तैयारी की जाएगी। बीमा कर्मचारियों की देशव्यापी हड़ताल