
मथुरा से इस वक्त एक ऐसी दर्दनाक खबर, जिसने पूरे उत्तर प्रदेश को हिला कर रख दिया है। यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार सुबह हुए भीषण हादसे में 13 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं। घना कोहरा, तेज़ रफ्तार और आग की लपटों ने पल भर में जिंदगियों को राख में बदल दिया।मथुरा एक्सप्रेस-वे बना मौत का रास्ता! 13 जिंदा जले, 100 से ज्यादा घायल। मथुरा एक्सप्रेस-वे बना मौत का रास्ता!
मथुरा की एक ऐसी खबर जिसने पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है… यमुना एक्सप्रेस-वे पर मंगलवार सुबह हुए भीषण हादसे में 13 यात्रियों की जिंदा जलकर मौत हो गई,
जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल बताए जा रहे हैं। कई घायलों की हालत गंभीर है और कई यात्री बुरी तरह झुलसे हुए हैं।
कोहरे के कारण विजिबिलिटी महज 5 से 10 मीटर रह गई थी। इसी दौरान 8 बसें और 3 कारें आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि कुछ ही पलों में गाड़ियों में आग लग गई। मथुरा की उस सुबह ने कई घरों की रौनक हमेशा के लिए छीन ली… घना कोहरा, तेज़ रफ्तार गाड़ियाँ और यमुना एक्सप्रेस-वे पर एक ऐसा मंजर, जिसे देखकर इंसान की रूह कांप जाए। बसें जल रही थीं… लोग जिंदा जल रहे थे… और अपनों की तलाश में भटकते परिवारों की चीखें हवा में गूंज रही थीं।
मंगलवार सुबह सूरज निकलने से पहले मथुरा के थाना बलदेव क्षेत्र में यमुना एक्सप्रेस-वे के माइलस्टोन 127 पर अचानक मौत ने दस्तक दी। कोहरे की वजह से विजिबिलिटी महज 5 से 10 मीटर रह गई थी। इसी दौरान 8 बसें और 3 कारें आपस में टकरा गईं। टक्कर इतनी भीषण थी कि कुछ ही सेकंड में गाड़ियों में आग लग गई।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, ऐसा लगा जैसे किसी ने बम फोड़ दिया हो। लोग चीखते-चिल्लाते बसों के शीशे तोड़कर बाहर कूद रहे थे, लेकिन कई यात्री आग के बीच फंस गए।
कुछ ही मिनटों में बसें जलकर राख हो गईं। इस हादसे में अब तक 13 लोगों की जिंदा जलकर मौत हो चुकी है, जबकि 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। कई की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है। इस हादसे ने सबसे गहरे जख्म दिए हैं उन परिवारों को, जो अपने अपनों की तलाश में अस्पतालों, पोस्टमॉर्टम हाउस और घटनास्थल के बीच भटक रहे हैं।
हमीरपुर के राठ निवासी गुलजारी लाल की पीड़ा सुनकर आंखें नम हो जाती हैं। उनकी भाभी पार्वती देवी अपने दो बच्चों के साथ दिल्ली जा रही थीं। हादसे में बच्चे तो किसी तरह बच गए, लेकिन पार्वती देवी का अब तक कोई पता नहीं। गुलजारी लाल हाथ में मोबाइल लिए, भाभी की तस्वीर दिखाकर हर किसी से एक ही सवाल पूछ रहे हैं— “कहीं देखा है इन्हें…? जिंदा हैं या…?” पोस्टमॉर्टम हाउस में जले हुए शव, जिनकी पहचान तक संभव नहीं, वहां खड़े लोग सिर्फ़ दुआ कर पा रहे हैं कि उनका अपना उनमें न हो।
हादसे के बाद पुलिस, फायर ब्रिगेड और SDRF के करीब 50 जवानों ने 6 घंटे तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। शवों को 17 पॉलिथीन बैग में भरकर पोस्टमॉर्टम हाउस भेजा गया। DM चंद्र प्रकाश सिंह के मुताबिक, अब तक 5 शवों की पहचान हो चुकी है, बाकी की पहचान DNA टेस्ट से की जाएगी। सीएम योगी आदित्यनाथ ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान किया है। हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए गए हैं।
चौंकाने वाली बात यह है कि यूपी में बीते 4 दिनों में कोहरे के चलते 150 से ज्यादा वाहन टकरा चुके हैं, और 28 लोगों की जान जा चुकी है।यमुना एक्सप्रेस-वे सबसे खतरनाक बनता जा रहा है। धुंध अचानक सामने आती है, स्पीड धीमी करते ही पीछे से टक्कर हो जाती है, और देखते ही देखते ज़िंदगी राख में बदल जाती है।सवाल यह नहीं कि हादसा कैसे हुआ… सवाल यह है कि कब तक कोहरा यूँ ही जिंदगियाँ निगलता रहेगा? और कब तक परिवार अपनों की तस्वीर हाथ में लेकर अस्पतालों के चक्कर काटते रहेंगे…? मथुरा एक्सप्रेस-वे बना मौत का रास्ता!






















