
योजनाओं को बंद करने के खिलाफ मजदूरों का विशाल धरना। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों व ठेकेदारों द्वारा मजदूरों की मजदूरी मारने की आम बात होती जा रही है। मजदूरों का विशाल धरना
अजय सिंह
लखनऊ। निर्माण मजदूरों की योजनाओं को बन्द करने के खिलाफ बी ओ सी डब्लू बोर्ड मुख्यालय पर मजदूरों का धरना विगत 8 महीने से अधिक समय से बी ओ सी डब्लू बोर्ड की बेवसाइट बन्द रहने तथा बोर्ड की निष्क्रियता के चलते पूरे प्रदेश में निर्माण मजदूरों के कल्याण के लिए चलने वाली सभी योजनाओं की बन्दी के खिलाफ ऐक्टू से सम्बद्ध आल इंडिया कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन उत्तर प्रदेश के राज्य व्यापी आवाहन पर आज लखनऊ के विभूति खण्ड गोमती नगर स्थित बोर्ड मुख्यालय पर निर्माण मजदूर यूनियन (असंगठित क्षेत्र) जनपद लखनऊ के बैनर तले निर्माण मजदूरों ने धरना प्रदर्शन किया और अपर सचिव बोर्ड शमीम अख्तर को 7 सूत्रीय ज्ञापन सौंपकर योजनाओं को चालू किये जाने की मांग की।जिस पर उन्होंने शीघ्र ही वेबसाइट चालू करने और योजनाओं का क्रियान्वयन करने का आश्वासन दिया।
धरना प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे निर्माण मजदूर यूनियन के जिला मंत्री का. कुमार मधुसूदन मगन ने कहा कि मजदूरों के द्वारा चलाए गए लम्बे संघर्ष के बाद 1996 में निर्माण मजदूरों के कल्याण के लिए केंद्रीय कानून बनाया गया था जिससे निर्माण मजदूरों की सामाजिक सुरक्षा का सवाल हल होता था। लेकिन बीओसीडब्लू बोर्ड की निष्क्रियता के चलते सारी योजनाएं एक एक करके बन्द की जा रही है। वेबसाइट लम्बे समय से बन्द है और तकनीकी गड़बड़ियों के चलते पंजीकृत मजदूरों की योजनाएं तो दूर उनके नवीनीकरण तक नहीं हो पा रहे हैं। दुर्घटनाग्रस्त मजदूरों के पीड़ित परिवारों के हित लाभ के लिए सालों से पड़ी फाइलें धूल फांक रही हैं।
उन्होंने कहा कि भीषण सर्दी के मौसम में लेबर अड्डों पर मजदूरों के लिए रैन-बसेरा तक की पर्याप्त व्यवस्था नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि भवन मालिकों व ठेकेदारों द्वारा मजदूरों की मजदूरी मारने की आम बात होती जा रही है। उन्होंने इसके लिए वैकल्पिक नीति बनाने तथा लेबर अड्डों पर रैन-बसेरा में कम से कम दो सौ मजदूरों के लिए व्यवस्था करने की मांग की।
धरने को सम्बोधित करते हुए भाकपा माले के जिला प्रभारी का. रमेश सिंह सेंगर ने कहा कि मोदी -योगी की डबल इंजन की सरकार संविधान और कानून को खत्म करके बुल्डोजर राज चला रही है जिसमें मजदूरों और तमाम मेहनतकश जनता के ऊपर गुलामी थोपी जा रही है। उन्होंने श्रम कानून खत्म करके गुलाम बनाने वाले लेबर कोड बना दिए हैं। उन्होंने कहा कि संविधान और अपने अधिकारों की बहाली के लिए मजदूरों को एक नई आजादी की लड़ाई का नेतृत्व करना होगा।
धरना को पूर्वोत्तर रेलवे वर्कर्स यूनियन के नेता का. अनिल कुमार, निर्माण मजदूर यूनियन के नेता का. रमेश शर्मा,का.मंजू गौतम,का. रामसेवक रावत,का. सुग्रीव सरोज ने भी सम्बोधित किया। धरने में किसान नेता का. शिवाजी यादव,का. विजय गौतम,का. विजय कुमार,का. सुमन सिंह सेंगर,का.मीनू शर्मा,रीता गौतम,का. गुड़िया रावत,का.रामपाल,जगत राम, महेंद्र कुमार, पार्वती, रामकली, फूलमती,का. गुड्डू राजपूत समेत तमाम लोग मौजूद थे। मजदूरों का विशाल धरना