
राजेन्द्र चौधरी
यह एक अति अशोभनीय एवं संवेदनशील मामला है कि महाकुंभ में नारी के मान-सम्मान की रक्षा करने में भाजपा सरकार विफल रही है। महाकुंभ में पुण्य कमाने आई स्त्री शक्ति की तस्वीरों के सरेआम बेचे जाने के समाचार पर श्रद्धालुओं में भारी आक्रोश है। नारी की गरिमा की सुरक्षा करना सरकार का कर्तव्य है, क्या सरकार इस ऑनलाइन बिक्री से जीएसटी कमाकर इस गोरखधंधे की हिस्सेदार नहीं बन रही है? उत्तर प्रदेश और राष्ट्रीय महिला आयोग तुरन्त संज्ञान लेकर सक्रिय हो और समस्त उत्तरदायी लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो।अखिलेश यादव आज आचार्य नरेन्द्र देव की समाधि स्थल पर पुष्पांजलि के पश्चात पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस आयोजन की व्यवस्था की जिम्मेदारी किसकी थी? जब मुख्यमंत्री ने कहा था कि 100 करोड़ लोगों के लिए व्यवस्था की गई है, तो लोगों को और विश्वास हुआ। जब उन्होंने मशहूर हस्तियों और अन्य प्रसिद्ध व्यक्तियों को आमंत्रित किया, तो लोग और भी आश्वस्त हो गए कि व्यवस्था अच्छी होगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। भाजपा जनता के भावनाओं का लाभ उठा रही है। इस कुंभ में सबसे ज्यादा लापता व्यक्तियों के मामले हैं, सबसे ज्यादा मौतें हुई हैं। स्नान के लिए जल की गुणवत्ता में कमी से तमाम लोग स्नान के पश्चात बीमार हो गए है। उनके इलाज की समुचित व्यवस्था की जानी चाहिए। मृतक आश्रितों को मुआवजा दिया जाना चाहिए। राष्ट्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जल में गुणवत्ता की कमी की रिपोर्ट दी हैं। तमाम नाले गंगा नदी में गिर रहे हैं। महाकुंभ:नारी मान-सम्मान की रक्षा करने में विफल सरकार-अखिलेश यादव
अखिलेश यादव ने तृणमूल कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष ममता बनर्जी के ’मृत्युकुंभ’ बयान पर कहा कि “जो ममता बनर्जी ने पश्चिम बंगाल के बारे में कहा है वह सही है। उनके राज्य से भी लोगों ने जानें खोई हैं। बंगाल और अन्य राज्यों से आए लोगों की एक बड़ी संख्या में मौत हुई है। एफआईआर भी नहीं दर्ज हो रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विधानसभा में दिए गए बयान पर अखिलेश यादव ने कहा कि “यह बिल्कुल स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री का भाषा या विकास से कोई लेना-देना नहीं है। अगर आप रिकॉर्ड देखें, तो 11 लाख प्राइमरी स्कूल बंद हो चुके हैं। कितने इंटरमीडिएट स्कूल खोले गए हैं? चाहे वह पॉलिटेक्निक हो, आईटीआई हो या इंजीनियरिंग सरकार इसके बारे में कितना ध्यान दे रही है? शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे सुधारें? उनमें क्षमता हो तो यूपी में वर्ल्ड क्लास शिक्षा संस्थान खोलकर दिखाएं। सरकार को यह सोचना चाहिए कि 11 लाख प्राइमरी स्कूल बंद हो चुके हैं, जिनमें से अधिकांश यूपी में हैं।
कल आने वाले उत्तर प्रदेश के बजट पर अखिलेश यादव ने कहा कि बजट से बड़ी बात है जब आदमी का संतुलन बिगड़ा है तो ज़बान भी बिगड़ जाती है। विधानसभा में मुख्यमंत्री से अपेक्षा रहती है कि शालीनता का शिष्टाचार से और उनका जो व्यवहार हो कम से कम ऐसा हो जो लोगों को प्रेरणा दे। लेकिन जिस तरह की भाषा का प्रयोग हुआ है, जिस तरह का भाव दिखा है कि यह भंजन करने वाले लोग है भजन करने वाले नहीं है। यह वह लोग हैं जो ’महाकुंभ का महा घपला कर रहे हैं। वहां पर जो व्यवस्था खराब हुई उसकी वजह से यह ऐसी भाषा बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी भी है और हमारे जितने साधु संत हैं या योगी हैं हम उनपर इसलिए भरोसा करते हैं कि वह सच बोलते हैं। यह वह मुख्यमंत्री हैं जो लाखों लाख आंखों के सामने घटना हुई उसे छुपाना चाहते हैं। सच से उन्हें परहेज है।
अखिलेश यादव ने कहा कि बताइए कितने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हो गया है। सुनने में आया है कि इन अधिकारियों ने पिछले अर्धकुंभ में भी स्वच्छता के नाम पर बड़ा घोटाला किया था जो बाद में सुनने को आया था और अभी भी यही चल रहा है। इस समय भी जब जांच होगी तो पता चलेगा कि शौचालय में सबसे ज्यादा घोटाला किया है। सुनने में आ रहा है कि महाकुंभ में कई सौ करोड़ की बल्लियां लगा दी गई है। यह जो महाकुंभ कराया गया है इसमें महा भ्रष्टाचार और महा घपले को छुपाने के लिए किया गया है इसीलिए मुख्यमंत्री जी की भाषा बदली हुई है। महाकुंभ:नारी मान-सम्मान की रक्षा करने में विफल सरकार-अखिलेश यादव