कानून-व्यवस्था बनी पहचान, पुलिस को मिला सम्मान:मुख्यमंत्री

33
कानून-व्यवस्था बनी पहचान, पुलिस को मिला सम्मान:मुख्यमंत्री
कानून-व्यवस्था बनी पहचान, पुलिस को मिला सम्मान:मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य हेतु ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस अलंकरण’ से सम्मानित किया। विगत 08 वर्षों में राज्य की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के परिणामस्वरूप प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदलीं। दक्ष, न्यायप्रिय, पारदर्शी, जवाबदेह, जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल कानून का राज स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा। ‘पुलिस मंथन’ कार्यक्रम प्रधानमंत्री जी के विज़न-2047 के विकसित और आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप स्मार्ट पुलिसिंग के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु रोडमैप तैयार करने में सहायक साबित होगा। प्रदेश में सुरक्षा के वातावरण तथा रूल ऑफ लॉ के परिणामस्वरूप यहां देश-विदेश का प्रत्येक व्यक्ति निवेश करने को तैयार। प्रदेश सरकार प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही। ह्यूमन इन्टेलिजेंस आज का सबसे बड़ा हथियार, इसका हमें बेहतर तरीके से उपयोग करना चाहिए। थाना अध्यक्ष, हल्के का दरोगा, सर्किल इंचार्ज, पुलिस अधीक्षक, रेंज और जोन के अधिकारियों के स्तर पर लोगों के साथ बेहतर संवाद बनाना आवश्यक। जनप्रतिनिधि लोकतान्त्रिक व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी, अधिकारियों को महीने में कम से कम एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर संवाद बनाना चाहिए। विगत 09 वर्षों में न्यूनतम इन्टरफेरेंस के साथ पुलिस को कार्य करने की स्वतंत्रता दी गई। पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति व चुनौती से जूझने के लिए तैयार होना पड़ेगा, प्रदेश सरकार पुलिस के इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगातार वृद्धि कर रही। प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 13 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हुई। साइबर मुख्यालय, मॉडल थानों और आधुनिक संसाधनों से पुलिस को और अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। कानून-व्यवस्था बनी पहचान, पुलिस को मिला सम्मान:मुख्यमंत्री


लखनऊ। विगत 08 वर्षों में राज्य की सुदृढ़ कानून-व्यवस्था के परिणामस्वरूप प्रदेश के बारे में लोगों की धारणाएं बदली हैं। प्रदेश में दक्ष, न्यायप्रिय, पारदर्शी, जवाबदेह, जनसेवा के प्रति संवेदनशील पुलिस बल कानून का राज स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रहा है। जनता के मन में पुलिस के प्रति विश्वास की भावना उत्पन्न हुई है। इस कार्य के लिये हमने आउट ऑफ बॉक्स सोचा तथा प्रत्येक व्यक्ति को सुरक्षा का एहसास कराया। देश के अनेक राज्य इस कार्यशैली का अनुकरण करने का प्रयास कर रहे हैं। मीडिया में इसे यू0पी0 मॉडल के नाम से जाना जाता है। मुख्यमंत्री यहां पुलिस मुख्यालय में ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 के समापन कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी ने पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य हेतु ‘मुख्यमंत्री उत्कृष्ट सेवा पुलिस अलंकरण’ से सम्मानित किया।


वर्ष 2022 के लिए डी0आई0जी0 अलीगढ़ परिक्षेत्र प्रभाकर चौधरी, अपर पुलिस अधीक्षक अभिसूचना मुख्यालय उत्तर प्रदेश विनय चन्द्र, निरीक्षक मुरादाबाद रविन्द्र प्रताप सिंह, निरीक्षक अभिसूचना विभाग दिनेश कुमार डांडियाल, निरीक्षक यू0पी0पी0सी0एल0 गाजियाबाद मनु चौधरी, वर्ष 2023 के लिए डी0आई0जी0 आगरा परिक्षेत्र शैलेश कुमार पाण्डेय, अपर पुलिस अधीक्षक एस0टी0एफ0 विशाल विक्रम सिंह, निरीक्षक सीतापुर विशाल संगारी, मुख्य आरक्षी गौतमबुद्धनगर मनोज चिकारा, महिला आरक्षी शैलेष कुंतल, वर्ष 2024 के लिए एस0एस0पी0 बरेली अनुराग आर्य, पुलिस उपाधीक्षक एस0टी0एफ0 विमल कुमार सिंह, मुख्य आरक्षी एस0टी0एफ0 अरुण कुमार, वर्ष 2025 के लिए पुलिस अधीक्षक सम्भल कृष्ण कुमार, पुलिस उपाधीक्षक एस0टी0एफ0 प्रेम शुक्ला, महिला आरक्षी कमिश्नरेट आगरा प्रियांशी प्रजापति सम्मानित किये गये। ‘पुलिस मंथन’ वरिष्ठ पुलिस अधिकारी सम्मेलन-2025 के सफल आयोजन के लिए पुलिस महानिदेशक और उनकी पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ‘पुलिस मंथन’ सम्मेलन नीति निर्माण और क्रियान्वयन का आधार है। दो दिवसीय ‘पुलिस मंथन’ कार्यक्रम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के विज़न-2047 के विकसित और आत्मनिर्भर भारत के अनुरूप स्मार्ट पुलिसिंग के लक्ष्य की प्राप्ति हेतु रोडमैप तैयार करने में सहायक साबित होगा। इस सम्मेलन में 11 सत्रों में की गयी चर्चा हमारी भावी कार्ययोजना और रणनीति के परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण दस्तावेज साबित होगी।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी की डी0जी0 और आई0जी0पी0 के साथ हुई कॉन्फ्रेंस इस विशेष कार्यक्रम की प्रेरणा स्रोत है। यह कार्यक्रम, अलग-अलग क्षेत्रों की समसामयिक चुनौतियांं से निपटने हेतु नवाचारों को अपनाने के लिये रणनीति तैयार करने में उपयोगी साबित होगा। दो दिवसीय सम्मेलन के दौरान प्रत्येक वक्ता ने प्रेजेन्टेशन में टाइम और स्पेस का ध्यान रखा। बीट पुलिसिंग इस प्रस्तुतीकरण का आधार था। वर्ष 2020 में प्रारम्भ हुये मिशन शक्ति अभियान के 5वें संस्करण की सफलताओं पर प्रकाश डाला गया। इसके उपरांत महिला और बाल सुरक्षा से सम्बन्धित अपराधों तथा मानव तस्करी से जुड़ी चुनौतियां को प्रस्तुत किया गया।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि तीसरा सत्र थाना प्रबन्धन और उन्नयन से सम्बन्धित था। पुलिस कार्मिकों के लिए विगत वर्षों में हमने क्या किया और आगे क्या करना चाहिए इस पर विचार किया गया। मानव संसाधन के विकास व उनके कल्याण के लिए कार्य योजना बनाने हेतु रणनीति तय की गयी। इस सम्मेलन में पुलिस बिहेवियर, ट्रेनिंग, प्रॉसीक्यूशन, कारागार, सी0सी0टी0एन0एस0 तथा फॉरेन्सिक साइन्स पर आधारित सत्र संचालित किये गये। सम्बन्धित फील्ड के एक्सपर्ट ने अपने महत्वपूर्ण विचारों से इस कार्यक्रम को और अधिक रोचक बनाने में अपना योगदान दिया।आज सम्मेलन के द्वितीय दिवस में चार महत्वपूर्ण सत्र आयोजित किये गये। यह सत्र आपदा प्रबन्धन, सिविल डिफेंस एवं होमगार्ड्स, क्राउड मैनेजमेन्ट, इन्टेलिजेंस और उसकी चुनौतियां, सोशल मीडिया व एन0जी0ओ0 की भूमिका, आतंकवाद, मादक द्रव्य, गौ-तस्करी और संगठित अपराध पर केन्द्रित थे।

कानून-व्यवस्था बनी पहचान, पुलिस को मिला सम्मान:मुख्यमंत्री


प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण नहीं होता, तो यहां का इन्फ्रास्ट्रक्चर इतना मजबूत नहीं होता। देश के 55 प्रतिशत एक्सप्रेस-वे उत्तर प्रदेश में हैं। यहां देश का सबसे बड़ा एयर कनेक्टिविटी नेटवर्क है। प्रदेश में देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट का शुभारम्भ अगले महीने होने जा रहा है। प्रदेश में 16,000 किलोमीटर रेल नेटवर्क है, जो देश में सर्वाधिक है। यहां सबसे ज्यादा शहरों में मेट्रो ट्रेनों का संचालन हो रहा है। प्रदेश में देश की पहली रैपिड रेल और पहले वॉटर-वे का संचालन हो रहा है। प्रदेश में सुरक्षा के वातावरण तथा रूल ऑफ लॉ के परिणामस्वरूप यहां देश-विदेश का प्रत्येक व्यक्ति निवेश करने को तैयार है। ऐसा इसलिए सम्भव हो सका, क्योंकि निवेशकों को विश्वास है कि उनके साथ यहां किसी स्तर पर धोखा नहीं होगा। प्रदेश में आ रहा निवेश रोजगार का माध्यम बन रहा है। प्रदेश सरकार यहां के प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव के कल्याणकारी योजनाओं का लाभ प्रदान कर रही है। यदि किसी ने कानून से खिलवाड़ करने की कोशिश की, तो उसे उसी की भाषा में जवाब दिया जा रहा है।


यह कॉन्फ्रेंस हमारे लिये एक महत्वपूर्ण दस्तावेज बनने जा रही है। प्रधानमंत्री जी ने प्रदेश में आयोजित डी0जी0पी0 और आई0जी0पी0 कॉन्फ्रेंस में देश को स्मार्ट पुलिसिंग का विज़न प्रदान करते हुए स्मार्ट पुलिसिंग के सूत्र बताए थे। प्रत्येक पुलिस अधिकारी व कार्मिक को इन्हें अपने जीवन का मंत्र बनाना चाहिए। प्रधानमंत्री जी ने कहा था कि स्मार्ट अर्थात स्ट्रिक्ट एण्ड सेंस्टिव, मॉडर्न एण्ड मोबाइल, अलर्ट एण्ड अकाउन्टेबल, रिलायबल एण्ड रिस्पांसिव, टेक्नोसेवी एण्ड ट्रेण्ड। यह सूत्र हमें कानून प्रवर्तन के लिए निरन्तर और स्पष्ट मार्गदर्शन प्रदान करता है। भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करता है। हमें इन सभी बातों को अपने जीवन का हिस्सा बनाना पड़ेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना प्रबन्धन से जुड़े सत्र में कॉमनमैन के प्रति हमारे व्यवहार पर प्रकाश डाला गया। अच्छा व्यवहार केवल हमारी संवेदनशीलता को ही प्रदर्शित नहीं करता, बल्कि ह्यूमन इन्टेलिजेंस का भी माध्यम बनता है। मुख्यमंत्री कार्यालय में प्राप्त जनसामान्य की सूचनाओं से ह्यूमन इन्टेलिजेंस के माध्यम से जमीनी सच की जानकारी प्राप्त होती है। जनता दर्शन कार्यक्रम में जनसामान्य का प्रार्थना पत्र देख व उसकी पीड़ा को समझकर जमीनी धरातल की हकीकत के बारे में जानकारी मिलती है। ह्यूमन इन्टेलिजेंस आज का सबसे बड़ा हथियार है, इसका हमें बेहतर तरीके से उपयोग करना चाहिए।


मुख्यमंत्री ने कहा कि थाना अध्यक्ष, हल्के का दरोगा, सर्किल इंचार्ज, पुलिस अधीक्षक, रेंज और जोन के अधिकारियों के स्तर पर अलग-अलग वर्ग के लोगों के साथ बेहतर संवाद बनाना आवश्यक है। जनप्रतिनिधि लोकतान्त्रिक व्यवस्था की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। अधिकारियों को महीने में कम से कम एक बार जनप्रतिनिधियों के साथ बैठकर संवाद बनाना चाहिए। जनप्रतिनिधियों के फोन कॉल को रिसीव करना चाहिए। उन्हें वास्तविक तथ्यों से अवगत कराना चाहिए। हमें समाज के अलग-अलग पृष्ठभूमि से जुडे़ इन्टेलेक्चुअल लोगों जैसे धर्माचार्यों, उद्यमियों तथा व्यापारियों के साथ संवाद करते हुए बेहतर समन्वय बनाना होगा। औपचारिक व अनौपचारिक चर्चा से जमीनी धरातल की अनेक जानकारियां प्राप्त होंगी। केवल मुख्यालय पर बैठकर पुलिसिंग नहीं की जा सकती। थाना, सर्किल और पुलिस लाइन में बेहतर समन्वय आवश्यक है। इन तीनों में बेहतर समन्वय सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में बहुत बड़ा योगदान दे सकता है। पुलिस बल का दोस्ताना व्यवहार व संवेदना एक कॉमन मैन की समस्या का समाधान तो करता ही है, साथ ही, उसके मन में पुलिस के प्रति एक बेहतर धारणा भी बनती है। विगत 09 वर्षों में न्यूनतम इन्टरफेरेंस के साथ पुलिस को कार्य करने की स्वतंत्रता दी गई है। किसी जिले की सामाजिक और भौगोलिक स्थिति की पर्याप्त जानकारी के लिये टेन्योर में स्थिरता आवश्यक है।


प्रदेश सरकार ने पुलिस अधिकारियों के टेन्योर में स्थिरता प्रदान की है। एक पुलिस अधिकारी मिनिमम 02 वर्ष तक एक जिले व रेन्ज में अपनी सेवाएं दे रहा है। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ। पहले पुलिस अधिकारियों के ट्रांसफर तीन-चार महीने में ही हो जाते थे। किसी जिले से अच्छे अधिकारी का ट्रांसफर होने से वहां की जनता उदास हो जाती है। यदि पुलिस अधिकारी जनता से अच्छा व्यवहार नही करता, तो जनता ट्रांसफर होने पर खुश हो जाती है। प्रदेश में लागू भारतीय न्याय संहिता-2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता-2023 और भारतीय साक्ष्य संहिता-2023 के बारे में अधिक से अधिक जागरूकता का प्रसार करते हुए हमें स्वयं को अपडेट करना होगा।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को प्रत्येक परिस्थिति व चुनौती से जूझने के लिए तैयार होना पड़ेगा। प्रदेश सरकार पुलिस के इन्फ्रास्ट्रक्चर में लगातार वृद्धि कर रही है। पहले पुलिस के जवानों को खपरैल और एसबेस्टस बैरक में रहने के लिए मजबूर होना पड़ता था। आज प्रदेश के अनेक जनपदों में हाईराइज बिल्डिंगों में आवास की व्यवस्था की गयी है। पहले 10 जनपद ऐसे थे, जहां दशकों से पुलिस लाइन नहीं बन पाई थीं। प्रदेश सरकार ने वहां पर सुविधाओं में वृद्धि की है। पी0ए0सी0 की जिन कम्पनियों को समाप्त किया गया था, उनका पुनर्गठन और महिला वाहिनियों का गठन किया गया। प्रदेश में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या 13 प्रतिशत से बढ़कर 36 प्रतिशत से अधिक हो गई है। साइबर मुख्यालय, मॉडल थानों और आधुनिक संसाधनों से पुलिस को और अधिक सक्षम बनाया जा रहा है। पुलिस मंथन में प्राप्त प्रत्येक सुझाव का फॉलोअप व चुनौतियों पर रणनीति बनाते हुये और प्रत्येक निर्णय का मूल्यांकन किया जाना चाहिए। इस सम्मेलन को प्रत्येक वर्ष आयोजित किया जाना चाहिए। आने वाली चुनौतियां कानून-व्यवस्था, राष्ट्रीय सुरक्षा, साइबर अपराध और सामाजिक स्थिरता से जुड़ी होंगी। ऐसे में समय, तकनीक और रणनीति तीनों पर समान ध्यान देना होगा।इस अवसर पर प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण, निदेशक एस0पी0जी0 आलोक शर्मा, पुलिस महानिदेशक कारागार पी0सी0 मीणा सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। कानून-व्यवस्था बनी पहचान, पुलिस को मिला सम्मान:मुख्यमंत्री