जेल विभाग राष्ट्रपति पदक का नहीं हकदार..!
स्वतंत्रता दिवस पर भी नहीं मिला था कोई पदक। जेल विभाग का कोई अधिकारी नहीं राष्ट्रपति पदक का हकदार…!
आर.के. यादव
लखनऊ। भारत सरकार का गृह मंत्रालय गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर उत्कृष्ट व सराहनीय कार्य करने वाले जेल कर्मियों को राष्ट्रपति के सुधारात्मक एवम शौर्य पदक से सम्मानित करता है। वर्ष-2023 के गणतंत्र दिवस पर भारत सरकार के गृह मंत्रालय को देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में एक भी ऐसा योग्य अधिकारी व कर्मचारी नहीं मिला जिसको राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जा सके। ऐसा तब हुआ है जब देश के अन्य राज्यो की तुलना में उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक सवा लाख से ज्यादा कैदी जेलों में बंद है। यही नहीं प्रदेश में जेल अधिकारियों व सुरक्षाकर्मियों की संख्या भी अन्य राज्यो की अपेक्षा अधिक है। इसके बावजूद इस बार के गणतंत्र दिवस उत्तर प्रदेश जेल विभाग का कोई भी अधिकारी व कर्मचारी पदक योग्य नहीं मिला।
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देश के सबसे बड़ राज्य उत्तर प्रदेश के किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को 75वें गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति का कोई भी पदक नहीं मिला। एक लाख से अधिक कैदियों की देखभाल करने वाले हजारों जेल कर्मियों में कोई भी अधिकारी व कर्मचारी पदक योग्य नहीं मिला। यह प्रदेश के लिए काफी शर्मनाक बात है।
चयनित कर समय पर नहीं भेजे जाते नाम…!
राष्ट्रपति पदक के नामों के चयन में भी जेल मुख्यालय व शासन में जमकर पक्षपात होता है। विभागीय अधिकारियों व कर्मियों की माने तो शासन व मुख्यालय में बैठे आला अफसर नामों का चयन चहेते अधिकारियों व कर्मियों का ही करते है। इसी पक्षपात की वजह से कई अधिकारियों को यह पदक दो बार तक मिल चुका है। यही नहीं कई ऐसे कर्मियों को यह पदक दिला दिया गया जिन्होंने जेलों पर कभी डयूटी तक नहीं की। यही नहीं कई ऐसे अधिकारियों को यह पदक दिला दिया गया जिनके ऊपर आरोपों की भरमार है। यही नहीं अधिकारियों के नामों का चयन कर समय पर नहीं भेजा जाता है।
सूत्रों की माने तो शायद ऐसा पहली बार नहीं हुआ है। इससे पहले 2022 में स्वतंत्रता दिवस पर भी यह सम्मान किसी भी जेल अधिकारियों को नहीं मिल पाया था। जब देश के सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश जहाँ अन्य राज्यों की अपेक्षा कैदी अधिक होने व अधिकारी-कर्मचारी अधिक होने के बावजूद कोई भी अधिकारी व कर्मचारी राष्टï्रपति पदक के योग्य नहीं मिला हो। वर्तमान समय में प्रदेश की जेलों में महानिरीक्षक जेल के अलावा एक अतिरिक्त आईजी जेल, चार डीआईजी जेल, करीब एक दर्जन वरिष्ठ अधीक्षक, तीन दर्जन से अधिक अधीक्षक, सैकड़ो जेल व डिप्टी जेलर के अलावा हजारों की संख्या में हेड वार्डर व वार्डर तैनात है। इतनी बड़ी संख्या में केंद्रीय गृह मंत्रालय को कोई भी अधिकारी व कर्मचारी पदक योग्य नहीं मिला।
जेल विभाग राष्ट्रपति पदक का नहीं हकदार..!