भारत ने विश्व पटल पर रचे अनूठे कीर्तिमान

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भारत ने विश्व पटल पर रचे अनूठे कीर्तिमान
भारत ने विश्व पटल पर रचे अनूठे कीर्तिमान
विवेक रंजन श्रीवास्तव 

 भारत केवल एक देश नहीं, बल्कि एक विचार है – जो विज्ञान, संस्कृति, दर्शन, तकनीक और लोकतंत्र के क्षेत्र में बार-बार दुनिया को राह दिखाता रहा है। प्राचीन सभ्यता से लेकर आधुनिक अंतरिक्ष विज्ञान तक, भारत ने हर युग में ऐसे कीर्तिमान रचे हैं, जो पहले किसी ने न किए। चाहे वह शून्य का आविष्कार हो, योग को वैश्विक पहचान दिलाना हो या चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहली सफल लैंडिंग – भारत ने बार-बार विश्व पटल पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की है। ये कीर्तिमान केवल उपलब्धियाँ नहीं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा हैं। भारत ने विश्व पटल पर रचे अनूठे कीर्तिमान

भारत के विश्व ‘प्रथम’ कीर्तिमान,भारत की रचनात्मकता, धैर्य, वैज्ञानिक सोच, साहस, खेल उत्साह और संरचना के कीर्तिमान विश्व में भारत की शक्ति दर्शाते हैं। यह वह भारत है जो पुरातन से भविष्य तक की अपनी यात्रा में संयम, समर्पण और समृद्धि से आगे बढ़ रहा है। ये कीर्तिमान केवल संरचनाओं या आयोजनों तक सीमित नहीं हैं ये विविध क्षेत्रों में समग्र भारतीय विशेषता के परिचायक हैं। 

1.  चिनाब रेल ब्रिज – धरती पर सबसे ऊँचा रेलवे पुल

जम्मू–कश्मीर के रियासी जिले में, यह स्टील‑आर्च ब्रिज संरचना 359 मीटर की ऊँचाई की है । यह एफिल टॉवर से भी ज़्यादा ऊँचा है । और दुनिया का सबसे ऊँचा रेलवे पुल है। इस सीमांत परियोजना का लक्ष्य कश्मीर को स्थायी रूप से रेल नेटवर्क से जोड़ना था, जिसे कई तकनीकी एवं सुरक्षात्मक चुनौतियों के बावजूद सफलतापूर्वक पूरा किया गया ।

2. स्टेच्यू ऑफ यूनिटी – विश्व की सबसे ऊँची प्रतिमा

गुजरात के नर्मदा घाटी में, सरदार पटेल की 182 मीटर ऊँची प्रतिमा भारतीय एका की  विशाल प्रतीक है । द्वितीय विश्वयुद्ध की स्टैच्यू ऑफ़ लिबर्टी से लगभग दुगुनी ऊँचाई की इस प्रतिमा को  अक्टूबर 2018 में स्थापित किया गया था और यह आधुनिक भारत की एकता के प्रतीक पुरुष सरदार पटेल के प्रति भारत की कृतज्ञता का उदघोष करती है। यह देश के वैश्विक गौरव का प्रतीक है  ।

3.  नरेंद्र मोदी स्टेडियम – विश्व का सबसे बड़ा क्रिकेट स्टेडियम

अहमदाबाद स्थित यह स्टेडियम 1.32 लाख दर्शकों को अपने भीतर समेट सकता है। यहाँ 11 पिचें, एडवांस सुविधाएं और विशाल दर्शक क्षमता है । जो इसे दर्शकों की उत्सुकता और भव्य उत्सव का स्थल बनाती हैं।

4.  महा कुंभ मेला – दुनिया का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण मानव समागम

2025 के प्रयाग कुंभ में करीब 66 करोड़ श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया। यह आयोजन केवल आध्यात्मिक दृष्टि से नहीं, बल्कि इन्फ्रास्ट्रक्चर मैनेजमेंट, अस्थायी शहर नियोजन, सुरक्षा व्यवस्था और स्वच्छता के लिए विश्व में मिसाल बन चुका है।

5.  नागपुर मेट्रो – विश्व का सबसे लंबा डबल‑डेकर वायाडक्ट

तीन स्तरीय – रोड, फ्लाईओवर, व मेट्रो ट्रेन संचालन – यह 3.14 किमी लंबा वायाडक्ट  आर्केड इंजीनियरिंग की मिसाल बन गया है, जिसे गिनीज रिकॉर्ड्स ने मान्यता दी है।

6.  मुंबई ट्रांस हार्बर लिंक (MTHL) – भारत का सबसे लंबा समुद्री पुल

“अटल सेतु” नाम से प्रसिद्ध, है।  21.8 किमी लंबे मार्ग ने मुंबई की यातायात सुविधा और रणनीतिक कनेक्टिविटी को नये आयाम दिए है।

7. बोगीबील ब्रिज – भारत का सबसे बड़ा रेल‑सड़क पुल

असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 4.94 किमी तक फैला यह पुल पूर्वोत्तर क्षेत्र की आवाजाही को निरंतर बनाए रखने वाला एक महत्वपूर्ण पुल  है।

8.  सुदर्शन सेतु – सबसे लंबा केबल‑स्टे होल्डर पुल

गुजरात में स्थित, यह 2.32 किमी केबल‑स्टेयड पुल तीर्थयात्रियों के लिए रास्ता आसान करने वाला तकनीकी चमत्कार है।

9.  सुदर्शन पटनायक – विश्व के सबसे ऊँचे सैंड कैसल के निर्माता

पुरी समुद्र तट पर बना 14.63 मीटर ऊँचा रेत महल गिनीज के रिकॉर्ड में दर्ज है और भारतीय रेत कला को विश्व स्तर पर प्रसिद्ध करता है।

10.  शितल महाजन – पहली भारतीय महिला स्काईडाइवर है जो अंटार्कटिका और ध्रुवों पर स्काईडाइव कर चुकीं हैं

शितल महाजन ने वहां फ्री‑फॉल जंप के साथ साहसिक उड़ान की, और इस दौरान 8 विश्व रिकॉर्ड भी बनाए। उनके साहस ने “हिम्मत” की मिसाल कायम की है।

11.  सत्विक्षैराज रँकिरेड्डी और चिराग शेठी – सबसे तेज़ बैडमिंटन स्मैश

565 किमी प्रति घंटा की रफ्तार के साथ उन्होंने बैडमिंटन की दुनिया में सर्वाधिक तेज़ स्मैश किया ।यह भारतीय खेलों की तेज़ी और तकनीकी उन्नति का प्रमाण है।

12.  देवस्थल ऑप्टिकल टेलीस्कोप (DOT) – भारत की सबसे बड़ी दूरबीन

3.6 मीटर व्यास की यह दुरबीन उत्तराखंड में खगोल विज्ञान की दिशा में भारत की वैज्ञानिक क्षमता को बढ़ा रही है।

13. चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सफल लैंडिंग – भारत बना दुनिया में पहला देश

2023 में Chandrayaan‑3 मिशन के ज़रिये भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करने वाला पहला देश बना। यह न केवल ISRO की वैज्ञानिक विजय थी, बल्कि वैश्विक अंतरिक्ष अन्वेषण में भारत की नेतृत्वकारी भूमिका का प्रतीक बनी। यह क्षेत्र तकनीकी रूप से अत्यंत जटिल है और कभी किसी देश ने वहां लैंडिंग नहीं की थी। इस प्रकार हम देखते हैं कि रिकॉर्ड्स केवल ओलंपिक में ही नहीं बनते, जीवन के हर क्षेत्र में भारत नए नए कीर्तिमान बना रहा है। भारत ने विश्व पटल पर रचे अनूठे कीर्तिमान