अडानी ग्रुप पर हिंडेनबर्ग का कहर
अडानी ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर फ्रॉड तक का आरोप। फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म हिंडेनबर्ग ने जारी रिपोर्ट में बताया कि अडाणी ग्रुप की सभी 7 प्रमुख लिस्टेड कंपनियों पर काफी ज्यादा कर्ज है। ग्रुप की सभी कंपनियों के शेयर 85% से ज्यादा ओवरवैल्यूड भी हैं। अडाणी ग्रुप ने शेयरों में हेरफेर की। अकाउंटिंग में धोखाधड़ी की गई है। अडाणी ग्रुप कई दशकों से मार्केट मैनिपुलेशन, अकाउंटिंग फ्रॉड और मनी लॉन्ड्रिंग कर रहा है।कंपनियों पर कर्ज की रिपोर्ट के बाद अडाणी ग्रुप की कंपनियों के शेयर्स में गिरावट का दौर जारी है।
गौतम अडानी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पब्लिश होने के बाद अब तक का सबसे बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। बीते साल 2022 में कमाई के मामले में उन्होंने दुनिया के तमाम अमीरों को पीछे छोड़ दिया था, लेकिन जितना उन्होंने 2022 में सालभर के भीतर कमाया था उससे कहीं ज्यादा 13 दिनों में ही गवां दिया है। भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी की मुश्किलें कम होती नहीं दिख रही हैं। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिसर्च रिपोर्ट का कहर अब भी जारी है।
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हिंडनबर्ग ने बहुत से आरोप लगाए हैं। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर फ्रॉड तक शामिल हैं। अडानी ग्रुप की तेज ग्रोथ को उसने कॉरपोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला करार दिया है। अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है। खुद अडानी ने टीवी पर सामने आकर निवेशकों के डर को शांत करने की कोशिश की। उन्होंने बताया कि कंपनी के फंडामेंटल मजबूत हैं। बैलेंसशीट भी हेल्दी है। अपने एफपीओ टालने के फैसले के बाद वह सामने आए थे।
सिक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) अब अदानी ग्रुप पर हिंडनबर्ग की रिपोर्ट का अध्ययन कर रही है। इतना ही नहीं SEBI ने ‘अदानी-होल्सिम डील’ में इस्तेमाल SPV का ब्यौरा मांगा है। सेबी ने पिछले एक साल में अडाणी ग्रुप की ओर से की गई सभी डील्स की जांच तेज कर दी है। रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, लिस्टेड स्पेस में अडाणी ग्रुप की ओर से जितने भी ट्रांजैक्शन हुए हैं, सेबी उन सभी ट्रांजैक्शन की जांच कर रही है और जांच को पहले से तेज कर दिया है।
अडानी ग्रुप बंदरगाहों और हवाईअड्डों को चलाने वाला सबसे बड़ा प्राइवेट ऑपरेटर है। यह 33 फीसदी भारतीय एयर कारगो ट्रैफिक को कंट्रोल करता है। इसकी शिपिंग कैपेसिटी 24 फीसदी है। ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्टों में 70 अरब डॉलर निवेश करने की योजना है। ग्रुप के लक्ष्य मोदी सरकार की महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने से जुड़े हैं। ग्रुप की विस्तार योजनाओं में कर्ज का भी बड़ा हाथ है। इस पर करीब 1.6 ट्रिलियन रुपये का कर्ज है। अडानी ग्रुप सरकार की इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं की योजना को पूरा करने में प्रमुख निवेशकों में से एक है। अडानी संकट इस योजना को पटरी से उतार सकता है।
अडानी ग्रुप पर हिंडेनबर्ग का कहर