अशोक गहलोत राजस्थान में कांग्रेस पर कब्जा न कर सकें, इसलिए भारत जोड़ों यात्रा में राहुल गांधी के साथ ज्यादातर समय पायलट ही रहेंगे। भाजपा से 190 करोड़ रुपए लेने वाले गद्दार सचिन पायलट को क्या अब अशोक गहलोत अपने साथ रखेंगे..?
एस0 पी0 मित्तल
राजस्थान। कांग्रेस को चलाने में अहम भूमिका निभाने वाले गांधी परिवार के सबसे ताकतवर सदस्य राहुल गांधी ने स्पष्ट कर दिया है कि कांग्रेस में जितना महत्व अशोक गहलोत का है, उतना ही महत्व सचिन पायलट का है। राजस्थान में कांग्रेस की राजनीति में गहलोत और पायलट दोनों ही एसेट हैं। यानी पिछले दिनों गहलोत ने पायलट पर 190 करोड़ रुपए लेने का जो आरोप लगाया था, उसे राहुल गांधी ने खारिज कर दिया है। राहुल गांधी पायलट को गद्दार भी नहीं मानते हैं। वहीं मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज अशोक गहलोत अभी भी पायलट को भाजपा से 190 करोड़ रुपए लेकर उनकी सरकार गिराने की साजिश करने वाला ही मानते हैं। इसलिए यह सवाल उठा है कि क्या गद्दार पायलट को अशोक गहलोत अपने साथ रखेंगे? राहुल गांधी के फैसले के बाद अब गहलोत को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। यह माना कि मौजूदा समय में राजस्थान में कांग्रेस संगठन और सरकार पर गहलोत का कब्जा है, ऐसे में उनके मुख्यमंत्री पद पर फिलहाल कोई खतरा नहीं है, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर गहलोत का कब्जा कितने दिन रहेगा?
जानकार सूत्रों के अनुसार गहलोत के बगावती रुख को देखते हुए कांग्रेस आला कमान ने सचिन पायलट को राजस्थान में अपनी सक्रियता और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। यही वजह है कि 29 नवंबर को जयपुर में हो रही कांग्रेस की बैठक में पायलट भी उपस्थित रहेंगे। यह बैठक राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा की तैयारियों को लेकर हुई। गत 22 नवंबर को सीएम अशोक गहलोत ने जो बयान दिया, उसके बाद उम्मीद जताई जा रही थी कि पायलट अब कांग्रेस की बैठकों में भाग नहीं लेंगे। लेकिन कांग्रेस हाईकमान ने पायलट को अपनी सक्रियता और बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। हाईकमान खासकर गांधी परिवार नहीं चाहता कि राजस्थान में अशोक गहलोत अकेले ही कब्जा करें। गहलोत ने पायलट को लेकर जो बयान दिया है उससे भी गांधी परिवार खास कर राहुल गांधी खुश नहीं हैं। राहुल गांधी अभी अपनी महत्वाकांक्षी भारत जोड़ों यात्रा निकाल रहे हैं, इसलिए कोई विवाद खड़ा नहीं करना चाहते हैं।
राजस्थान एकमात्र कांग्रेस शासित राज्य हैं, जहां से राहुल की यात्रा निकलेगी। अब तक राहुल की यात्रा गैर कांग्रेस शासित राज्यों से निकली है। 3 दिसंबर को मध्यप्रदेश से यात्रा राजस्थान में प्रवेश करेगी। हालांकि यात्रा की तैयारियां गहलोत के जिम्मे ही है,लेकिन गांधी परिवार के निर्देश बाद पायलट भी सक्रिय रहेंगे। राजस्थान में राहुल के साथ ज्यादातर सचिन पायलट ही होंगे। सूत्रों की मानें तो अब सचिन पायलट को ही गांधी परिवार राजस्थान में अपना प्रतिनिधि मानता है। एक वर्ष बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में उम्मीदवारों के चयन में भी सचिन पायलट की भूमिका अहम होगी। पायलट अब वो ही कर रहे हैं जो गांधी परिवार और राहुल गांधी चाहते हैं। असल में राहुल गांधी को यह पता है कि 2018 में सचिन पायलट का हक मार कर गहलोत को मुख्यमंत्री बनाया गया था। गांधी परिवार सचिन पायलट के राजनीतिक महत्व को समझते हैं।