गांधी के स्वदेशी सपने को नई उड़ान-राकेश सचान

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गांधी के स्वदेशी सपने को नई उड़ान, हाथों की मेहनत से दिलों तक, शिशिर जी की नीति से खादी बनी अंतरराष्ट्रीय ब्रांड। खादी महोत्सव 2025: निदेशक शिशिर जी की दूरदृष्टि से खादी ने छुआ विकास का स्वर्णिम शिखर। खादी महोत्सव 2025 शिशिर जी की दूरदृष्टी से खादी पहुंची नई ऊंचाइयों पर।

लखनऊ। गोमतीनगर स्थित केंद्रीय संस्कृति विश्वविद्यालय आज पूरी तरह स्वदेशी रंग में रंगा दिखाई दिया, जब उत्तर प्रदेश खादी महोत्सव 2025 का भव्य एवं ऐतिहासिक शुभारंभ किया गया। इस अवसर पर प्रदेशभर से आए कारीगरों, उद्यमियों और हजारों आगंतुकों ने खादी के समृद्ध भविष्य और ग्रामोद्योग की शक्ति को एक नई उम्मीद के साथ अनुभव किया।


कार्यक्रम का पावन उद्घाटन खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री राकेश सचान ने किया। उन्होंने अपने प्रेरणादायी संबोधन में कहा कि खादी केवल परिधान नहीं, बल्कि राष्ट्र की आत्मा और जन-जन के स्वाभिमान का प्रतीक है। उन्होंने स्मरण कराया कि महात्मा गांधी ने जिस खादी को आत्मनिर्भरता, सत्याग्रह और ग्रामीण समृद्धि का आधार बनाया था, आज वही खादी नई ऊर्जा के साथ आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।


मंत्री जी ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा दिए गए वोकल फॉर लोकल और आत्मनिर्भर भारत जैसे अभियानों ने खादी आंदोलन को जनांदोलन का रूप दे दिया है। मोदी जी की दूरदृष्टि के कारण खादी उद्योग की बिक्री ने ऐतिहासिक रिकॉर्ड कायम किए हैं और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी भारतीय खादी की पहचान तेजी से बढ़ी है।


इसी कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा प्रदेश में खादी एवं ग्रामोद्योग को मजबूत बनाने के लिए उठाए गए ठोस कदमों का भी मंत्री जी ने विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि योगी सरकार की नीतियों ने न सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति दी है बल्कि लाखों लोगों के घरों में रोजगार और सम्मानजनक आय का मार्ग खोला है।


10 दिवसीय यह महोत्सव उत्तर प्रदेश खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा खादी अपनाएं,स्वदेशी बढ़ाएं संकल्प के साथ आयोजित किया जा रहा है। इसमें 160 से अधिक स्टॉलों पर उत्कृष्ट खादी वस्त्र, माटी कला, हैंडलूम उत्पाद, जैविक खाद्य पदार्थ और हस्तशिल्प प्रदर्शित किए गए हैं।


शिशिर जी खादी की नई उड़ान के वास्तविक शिल्पकार, पूरे महोत्सव का सबसे प्रखर, चमकता और विशिष्ट पक्ष रहा खादी ग्रामोद्योग के निदेशक शिशिर जी का ऊर्जावान नेतृत्व। उनकी कार्यशैली, दूरदृष्टि और निरंतर नवाचारों ने न सिर्फ खादी विभाग को पुनर्जीवित किया बल्कि खादी की पहचान को राष्ट्रीय ही नहीं, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊँचाइयों तक पहुंचाया है।


ग्राम स्तरीय उद्यमों, गरीब, वंचित और पिछड़े वर्गों को रोजगार से जोड़ने में उनकी संवेदनशीलता और सजगता उन्हें सचमुच एक जनसेवी प्रशासक बनाती है। यही कारण है कि आज हजारों छोटे उद्यमी उनके कार्यों को प्रेरणा का स्रोत मानते हैं।


महोत्सव परिसर में लगी माटी कला, खादी वस्त्र और ग्रामोद्योग उत्पादों की दुकानें आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं। विशेष रूप से हाथों से बने नमकीन, आचार, बिस्किट, दाल मिश्रण और बैकरी उत्पादों की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ती रही, जो ग्रामीण मेहनत और कौशल की सच्ची सुगंध का अहसास कराती है।


प्रमुख सचिव अनिल सागर ने कहा कि यह महोत्सव प्रदेश की मेहनतकश जनता की कला, कौशल और स्वाभिमान का उत्सव है।
पुरस्कार वितरण में दीपक कुमार को प्रथम पुरस्कार 40,000)रुपए दिया गया। दीपक ने कहा कि जो भी मैंने हासिल किया है, वह निदेशक शिशिर जी की प्रेरणा और सहयोग से संभव हुआ।


द्वितीय व तृतीय पुरस्कार विजेताओं ने भी एक स्वर में कहा कि शिशिर जी ने गरीब, दलित, पिछड़े और ग्रामीणों को रोजगार देने की जो नीति अपनाई है, उसने हजारों परिवारों के जीवन में प्रकाश लाया है।


कार्यक्रम में डोना मेकिंग मशीन, पप्पकन मशीन, विद्युत चाक मशीन सहित कई उपकरण निःशुल्क वितरित किए गए। शशि शुक्ला, पिंकी, विद्यावती, प्रीति, अंकित शाहू समेत अनेक लाभार्थी लाभान्वित हुए। कुछ चयनित प्रतिभागियों मीना, शिवशंकर पटेल, अजय वर्मा और अनीता वर्मा को हानी बॉक्स भी प्रदान किए गए।


महोत्सव में विधायक अशोक कुमार कोरी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और आमजन की उपस्थिति में महोत्सव का पहला दिन अत्यंत उत्साह, स्वदेशी भावना और ग्रामीण विकास के संकल्प के साथ सम्पन्न हुआ।