गन्ना किसानों की बात करें तो जिस छपरौली चीनी मिल के उद्धार की बात चौधरी चरण सिंह जी करते रहे, समाजवादी पार्टी चार बार सरकार रहने के बावजूद ये कार्य नहीं कर सकी। हमें गर्व है कि छपरौली चीनी मिल हमारी सरकार में शुरू हुई। सपा सरकार में गन्ना किसानों का 95200 करोड़ का भुगतान हुआ था। हमारी सरकार में 2 लाख 16 हजार करोड़ का भुगतान किसानों को किया है। किसान कभी आपके एजेंडे में रहा ही नहीं। हमारे लिए किसान किसी जाति में नहीं बंटा है। किसान की जाति, मत मजहब नहीं है। किसान के सम्मान के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि है, फसल बीमा और स्वॉयल हेल्थ कार्ड है। एमएसपी जिसमें लागत का डेढ़ गुना दाम तय किया गया, उन्हीं किसानों के लिए है। किसान कभी सपा के एजेंडे में नहीं रहा-मुख्यमंत्री
हमने नई चीनी मिलें दी, बंद चीनी मिलों को चलाया। आपकी सरकार में चीनी मिलों को बंद करके किसानों के पेट पर लात मारी गई। किसानों पर गोलियां चलाई जाती थी। कोरोना कालखंड में जब नेता विरोधी दल घरों में दुबके थे तब भी हम चीनी मिलें चला रहे थे। उन्हें अपने कार्यकर्ताओं की चिंता नहीं थी, सरकार से ये पूछने की भी जहमत नहीं उठाई कि हम क्या मदद कर सकते हैं। उल्टा वैक्सीन का विरोध कर रहे थे।
ये हमारे लिए गर्व का विषय है कि जब दुनिया संकट में थी तब भारत के विजनरी पीएम देश के गरीबों के लिए योजनाएं शुरू कर रहे थे और लोगों की जान बचाने के लिए प्रयास भी कर रहे थे। चीन और यूरोप के बाजार बंद हुए थे। ये वैक्सीन का विरोध कर रहे थे। ये ऑस्ट्रेलिया से यही पढ़कर आए थे कि लोगों को वैज्ञानिक सोच की जगह उन्हें वैक्सीन लगवाने से मना किया जाए। ये उन्हें मौत की ओर ढकेल रहे थे।
12 से 17 के बीच 14725 टीसीडी पेराई क्षमता का विस्तार हुआ, जबकि 17 से 22 के बीच 78900 टीसीडी का विस्तार हुआ। गन्ना पेराई 3 हजार 734 लाख मीट्रिक टन हुआ और 17 से 23 के बीच में 6 हजार 404 लाख मीट्रिक टन की पेराई हुई है। चीनी उत्पादन 368 लाख मीट्रिक टन और 17 से 23 के बीच 682 लाख 44 हजार मीट्रिक टन का उत्पादन हुआ है।
12 से 17 के बीच में गन्ने की औसत उपज 61.63 टन प्रति हेक्टेयर थी जबकि आज उसी किसान के खेत में 83.95 टन का उत्पादन हो रहा है। अबतक गन्ना मूल्य का हम लोगों ने 22-23 में 38 हजार 51 करोड़ का भुगतान किया है जो 87 फीसदी है। मैं आश्वस्त करता हूं प्रदेश के सभी 65 लाख गन्ना किसानों का भुगतान शत प्रतिशत किया जाएगा।
12 से 17 में कुल 42 करोड़ लीटर इथनॉल का उत्पादन हुआ। आज अकेले एक वर्ष में 153.71 करोड़ लीटर का उत्पादन कर रहे हैं। यूपी चीनी ही नहीं इथनॉल में भी नंबर वन है। छाता के पुरानी चीनी मिल में इंटीग्रेटेड शुगर कॉम्प्लेस का निर्माण कर रहे हैं। ऐसे ही देवरिया में भी जल्द इसे बनाने जा रहे हैं। किसान कभी सपा के एजेंडे में नहीं रहा-मुख्यमंत्री