पीसीफ प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों की हड़ताल।पीसीएफ को किसानों से उचित मूल्य पर अनाज खरीदने और सस्ते मूल्य पर खाद और बीज देने का लिए भारी ब्याज दरों पर बैंको से कर्ज लेना पड़ता है। पीसीफ प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों की हड़ताल
लखनऊ। सरकार और पीसीफ प्रबंधन के हठवादी रवैए के चलते सातवें वेतनमान की सिफारिश को लागू किए जाने एवं वर्ष 2021 में यूनियन के साथ वार्ता के बाद जिन बिंदुओं पर सहमति बनी थी, उन सभी बिंदुओं को लागू किए जाने की मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश कोऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों की प्रदेश व्यापी हड़ताल आज चौथे दिन भी जारी रही। कर्मचारियों की इस हड़ताल के चलते पूरे राज्य में सहकारी संघों के माध्यम से खाद और बीज के वितरण का कार्य ठप हो गया है।
कर्मचारियों और अधिकारियों से वार्ता कर उचित रास्ता निकालने के प्रबंधन ने अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नही की है जिसके चलते सभी जिला सुपरवाइजर और क्षेत्रीय प्रबंधक भी हड़ताल के समर्थन में खुलकर आ गए हैं। हिंद मजदूर सभा के संबंध यूनियन यूपी का ऑपरेटिव फेडरेशन कर्मचारी सभा के बैनर तले चल रहे आंदोलन का नेतृत्व यूनियन के अध्यक्ष एवं हिंद मजदूर सभा उत्तर प्रदेश के महामंत्री श्री उमा शंकर मिश्रा और यूनियन के महामंत्री सुनील कुमार कर रहे हैं। हड़ताली कर्मचारियों को जिला प्रशासन ने पी सी एफ मुख्यालय से इको गार्डन भेज दिया था जहां प्रदेश भर से आए सैकड़ों कर्मचारी शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे है।
इस बीच हिंद मजदूर सभा के प्रदेश सचिव रेल कर्मचारी नेता अरुण गोपाल मिश्र, प्रदेश मंत्री अविनाश पांडेय, प्रदेश संगठन सचिव और आल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन के जोनल सेक्रेटरी एस यू शाह, संगठन मंत्री पीयूष मिश्रा,यू.पी. स्टील मेटल एंड इंजीनियरिंग वर्कर्स यूनियन के महामंत्री राजा राम यादव , उत्तर प्रदेश चीनी मिल मजदूर फेडरेशन के अध्यक्ष और एच एम एस के संगठन मंत्री विद्या कांत तिवारी, राज्य भंडारण निगम के कर्मचारी नेता और एच एम एस की राज्य कार्यकारिणी सदस्य जितेंद्र कुमार तिवारी ने इको गार्डन पहुंच कर कर्मचारियों को संबोधित किया तथा उनके आंदोलन का समर्थन किया। हिंद मजदूर सभा के प्रदेश महामंत्री उमा शंकर मिश्र ने कहा कि कर्मचारियों की मांगें जायज है इसलिए सरकार को इनके आंदोलन को तोड़ने की साजिश के बजाय उसे स्वीका करना चाहिए तथा पीसीफ का आर्थिक शोषण बंद कर उसे आत्म निर्भर बनाने के लिए सहयोग करना चाहिए।
अभी पीसीएफ को किसानों से उचित मूल्य पर अनाज खरीदने और सस्ते मूल्य पर खाद और बीज देने का लिए भारी ब्याज दरों पर बैंको से कर्ज लेना पड़ता है। जबकि पीसीएफ की हजारों करोड़ की लेनदारी सरकार से है। यदि एक बार ब्याज मुक्त क्रियासील पूंजी इसे उपलब्ध करा दिया जाए तो पीसीएफ लाभ देने वाली संस्था है। श्री मिश्र ने कर्मचारियों के साथ हो रहे अन्याय को रोकने,पीसीएफ को लूट से बचाने तथा सहकारिता आंदोलन को मजबूत बनाने की मांग सरकार से की है। पीसीफ प्रबंधन के खिलाफ कर्मचारियों की हड़ताल