बुजुर्गों औऱ खिलाड़ियों को अब छूट नहीं मिलेगी

249

रेल मंत्री ने साफ किया कि रेल किराये में बुजुर्गों औऱ खिलाड़ियों को अब छूट नहीं मिलेगी।

भारतीय रेलवे ने अब बुजुर्गों खिलाड़ियों को जो रेल किराये में रियायत मिल रही थी, उसे फिर से बहाल होने का इंतजार अब न करें। रेल मंत्री अश्विनी वैष्‍णव ने लोकसभा में आज साफ शब्दों में कहा कि बुजुर्गों और खिलाड़ियों को रेल किराये में अब छूट नहीं दी जाएगी। रेल मंत्री ने साफ किया कि रेल किराये में बुजुर्गों औऱ खिलाड़ियों को अब छूट नहीं मिलेगी। उन्‍होंने कहा, “अभी भी किराये की लागत का 50% खर्च सरकार उठाती है।

रेल मंत्री ने कहा कि 2017-18 में सीनियर सिटीजंस को टिकट पर छूट रेलवे पर 1491 करोड़ रुपये का बोझ पड़ा। 2018-19 में यह राशि 1636 करोड़ रुपये और 2019-20 में 1667 करोड़ रुपये रही। 2019-20 में 6.18 करोड़, 2020-21 में 1.90 करोड़ और 2021-22 में 5.55 करोड़ सीनियर सिटीजंस ने रेलवे में रिजर्व्ड क्लासेज में यात्रा की। कोरोना महामारी के कारण 2020-21 और 2021-22 में रेलवे में सफर करने वाले सीनियर सिटीजंस की संख्या में कमी आई। वैष्णव ने कहा कि सीनियर सिटीजंस और खिलाड़ियों को मिलने वाली छूट को बहाल करना ठीक नहीं है।

रेलवे ने हाल ही में एक और ‘अप्रिय’ फैसला लेते हुए प्रीमियम ट्रेनों में केटरिंग सेवा को लेकर उसकी दरों में कुछ बदलाव किए हैं। नए नियमों के मुताबिक, अब अगर आपने पहले से बुक नहीं कराया तो ट्रेनों में खाना महंगा होगा, आपको 50 रुपये अतिरिक्त सर्विस चार्ज चुकाने होंगे। हालांकि विवाद होने के बाद ट्रेनों में चाय को छूट मिल गई है। दरअसल कुछ दिन पहले एक मुसाफिर ने चलती ट्रेन में 20 रुपये की चाय ली थी लेकिन उसे 70 रुपये चुकाने पड़े थे। इस पर रेलवे ने दलील दी थी कि मुसाफिर ने पहले से खाना बुक नहीं कराया था, इसलिए पहले ही आर्डर पर उससे 50 रुपये सर्विस चार्ज के तौर पर लिया गया था। रेलवे के नए आदेश में चाय को इस मामले में छूट दे दी गयी है।

रेलवे ने उन सभी खाद्य और पेय पदार्थों पर ‘ऑन-बोर्ड’ सेवा शुल्क हटा दिया है जिनके लिये प्रीमियम ट्रेनों में पहले से ऑर्डर नहीं दिया जाता,हालांकि इसमें एक पेंच है- नाश्ते, दोपहर के भोजन या रात्रिभोज की कीमतों में 50 रुपये का शुल्क जोड़ा गया है। जीएसटी और महंगाई के मुद्दे पर आज संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई। सदस्‍यों के लगातार हंगामे के बीच उच्‍च सदन की कार्यवाही में बार-बार व्‍यवधान पड़ा और दोपहर दो बजे कार्यवाही को गुरुवार सुबह तक स्‍थगित कर दिया गया।

रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज संसद में एक लिखित जवाब में बताया कि सीनियर सिटीजंस को किराए में छूट देने से सरकार के खजाने पर भारी बोझ पड़ता है। इसलिए इसे बहाल करने की कोई योजना नहीं है। केवल स्पेशल कैटगरी वाले लोगों को किराए में छूट की सुविधा दोबारा शुरू की गई है। इनमें चार श्रेणी के दिव्यांग, 11 कैटगरी के मरीज और और छात्र शामिल हैं। सीनियर सिटीजंस और खिलाड़ियों के साथ-साथ बाकी कैटगरी के यात्रियों के लिए यह सुविधा बहाल नहीं की गई है।

सीनियर सिटीजंस को रेल टिकट पर 50 फीसदी तक छूट मिलती थी। लेकिन कोरोना काल में इस सुविधा को बंद कर दिया गया। कोरोना का प्रकोप कम होने के बाद जब रेल सेवा को फिर से शुरू किया गया तो बुजुर्गों को मिलने वाली छूट को बहाल नहीं किया गया। सरकार ने साफ किया है कि उसका सीनियर सिटीजंस को किराए में मिलने वाली छूट को बहाल करने कोई इरादा नहीं है। साथ ही खिलाड़ियों को भी टिकट में मिलने वाली छूट को बहाल नहीं किया जाएगा।