निदेशक पंचायतीराज का आदेश हवा हवाई

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निदेशक पंचायतीराज का आदेश हवा हवाई
निदेशक पंचायतीराज का आदेश हवा हवाई

सफाई कर्मी बने बड़े बाबू” निदेशक पंचायतीराज का आदेश हवा हवाई।गांव में काम न करने की जगह ब्लॉक में लगभग 14 वर्षों से कर रहे बाबूगीरी। यह मामला कहीं और का नहीं जनपद के चर्चित विकासखंड कुड़वार का है।जहां पर पूरे पंवार के सफाई कर्मी अक्षय अग्रहरि है जो कि तैनाती स्थल से गायब रहते हैं ये सफाई कर्मी अधिकांश ब्लॉक में ही लिखा-पढ़ी का काम करते नजर आते हैं। निदेशक पंचायतीराज का आदेश हवा हवाई

अनिल साहू

वही ग्रामीणों की माने तो सफाई कर्मी के ना आने की शिकायत विकासखंड मुख्यालय में अधिकांश दर्ज करायी जाती है। पर कार्यवाही के नाम पर सिर्फ लीपापोती संबंधित अधिकारी के द्वारा अक्षय अग्रहरी प्रतिदिन ब्लाक में काम के बहाने से गांव में सफाई करने से बचते नजर आ रहे। बताते चलें कि हाल ही में निदेशक पंचायतीराज का आदेश आया है जिसमें साफ शब्दों में लिखा है कि सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति राजस्व ग्रामों में सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराने हेतु की गई है।

परंतु कतिपय सफाई कर्मचारियों द्वारा तैनाती के राजस्व ग्राम का काम ना करते हुए ब्लॉक मुख्यालयों पर बाबू गीरी कर रहे। पंचायतीराज निदेशक के आदेश को ताक पर रखकर अधिकतर अधिकारियों के द्वारा सफाई-कर्मचारियों से अन्य काम लिए जा रहे हैं। कुड़वार ब्लाक पर सफाई कर्मचारी अक्षय अग्रहरि को ADO पंचायत व पंचायत सचिव का पूरा कार्य करते हुए कभी भी देखा जा सकता है। वही उच्च अधिकारी ब्लॉक की व्यवस्थाओं को नजर अंदाज कर संरक्षण दे रहे।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सफाई कर्मचारी अक्षय अग्रहरी को उच्च अधिकारियों का संरक्षण भी प्राप्त है। ग्राम पंचायत सेक्रेटरी का काम सफाई कर्मचारी ब्लॉक पर देख रहे है। जिससे यह स्पष्ट होता है कि डायरेक्टर पंचायतीराज का आदेश भी बेअसर है। ब्लॉक मुख्यालय पर सफाई कर्मचारी को महत्वपूर्ण पद देकर सारे काम कराये जा रहे हैं। वित्तीय अनियमता और भ्रष्टाचार विकास कार्यों में मनमानी सब धड़ल्ले से चल रहा है।

कई ग्राम सभा में सफाई कर्मचारी की तैनाती नहीं है जैसे मनियारी,सेदूरी व कई ऐसे गाँव है जहाँ पर कर्मचारियों की नियुक्ति होनी चाहिए लेकिन मौके पर एक भी सफाई कर्मचारी न होने से परिषदीय विद्यालयों की साफ सफाई पूरी तरह से चौपट है।

प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण प्राप्त होने से सफाई कर्मचारी अक्षय अग्रहरी के हौसले बुलंद है। उच्च अधिकारी जब पंचायती राज डायरेक्टर के आदेशों को इग्नोर कर सकते हैं तो इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि यह अपने कर्तव्यों के प्रति कितने वफादार हो सकते हैं। यह आम जनमानस और जनहित के लिए घातक साबित हो रहा है। अब देखना यह होगा कि यह सिलसिला रुकता है या यूं ही चलता रहेगा। निदेशक पंचायतीराज का आदेश हवा हवाई