भाजपा शासन में लोकतंत्र की उड़ाई जा रही धज्जियां-मसूद अहमद

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अजय सिंह

लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डाॅ0 मसूद अहमद ने संविधान दिवस पर अपने विचार व्यक्त करते हुये कहा कि आज देश और प्रदेश विचित्र संक्रमण काल से गुजर रहा है। भाजपा शासन में अपनी कार्यशैली से संविधान और लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। सबसे बड़ी विचित्रता यह है कि कृषि प्रधान देश में देश के प्रधानमंत्री पर किसान वर्ग का विश्वास उठ चुका है। लगभग 1 वर्ष से आन्दोलित किसानों के सन्दर्भ में किसी भी प्रकार की संवेदना न व्यक्त करने वाले देश के प्रधानमंत्री मोदी जी ने लगभग 706 किसानों की शहादत पर भी एक शब्द श्रद्धांजलि के रूप में नहीं कहा और अचानक गुरूनानक जंयती के अवसर पर टी0वी0 पर पधारकर तीनो काले कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते हुये देशवासियों से माफी मांगने का जिक्र किया और आन्दोलित किसानों से घर वापस जाने का अनुरोध किया। किसान वर्ग में प्रधानमंत्री के प्रति अविश्वास इतना अधिक फेल चुका है कि किसान संगठनों ने एक स्वर से तब तक घर वापस न जाने की घोषणा कर दी जब तक संसद में बिल वापसी की समस्त प्रक्रिया पूरी न हो जाय। साथ ही साथ एम0एस0पी0 पर कानून बनाना और किसानों पर दर्ज किये गये मुकदमों की वापसी और पराली इत्यादि से सम्बन्धित कई मांगों पर वार्ता की जाने की भी शर्ते रखी गयी हैं।


डाॅ0 अहमद ने कहा कि वर्तमान सरकार के किसान विरोधी होने का सबसे बड़ा प्रमाण यह है कि कृषि यंत्रों की खरीद पर 18 प्रतिशत तथा ट्रैक्टर पर 28 प्रतिशत जी0एस0टी0 तथा डी0ए0पी0 खाद की बोरी 5 किलो कम करते हुये भी उसकी कीमत में बढोत्तरी के साथ ही बीज इत्यादि की मंहगाई, डीजल और बिजली मूल्य की बढोत्तरी इसी शासन में देखने को मिली है। चार साल तक गन्ने का मूल्य 1 रूपये कुन्तल भी न बढ़ाना सरकार की गन्ना किसानों के प्रति उदासीनता को दर्शाता है। सरकार के क्रय केन्द्रों का सुचारू रूप से न चलना और भगवाधारी बिचौलियों का बोलबाला होना भी किसान विरोधी कृत्य है।


रालोद प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के समय पेट्रोल 70 रूपये लीटर तथा डीजल लगभग 60 रूपये लीटर बिक रहा था और प्रधानमंत्री पद के प्रबल दावेदार श्री नरेन्द्र मोदी जी यू0पी0ए0 सरकार की आलोचना करते नहीं थकते थे और कहते थे कि पेट्रोल 35 रूपये लीटर बिकना चाहिए परन्तु अफसोस कि केन्द्र में भाजपा सरकार गठित होते ही पेट्रोल और डीजल की कीमते जो 15 दिन पर समीक्षा होने पर घटती या बढ़ती थी उसे प्रतिदिन समीक्षा के लिए कम्पनियों पर छोड दिया गया। केन्द्र सरकार ने भी लगातार कोरोना काल होते हुये भी एक्साइज डयूटी बेतहाशा बढा दी और पेट्रोल 110 रूपये लीटर, डीजल 100 रूपये लीटर तक हो गया। रसोई गैस सिलिण्डर जो 2014 में 350 रूपये का था वह आज 1000 रूपये में मिल रहा है। आम जरूरत का सरसों तेल 250 रूपये प्रति लीटर तक बिक रहा है। खाने पीने की सभी चीजों के भाव आसमान छू रहे हैं परन्तु सरकार और सरकार में बैठे लोग संवेदनहीनता की पराकाष्ठा तक पहुंच गये हैं। आम जनता की ओर से मुंह मोड़ लेने वाली इन डबल इंजन की सरकारों से जनता उब चुकी है और इनकी विदाई चाहती है। जनता ने तय कर लिया है कि वर्ष 2022 में किसानों, मजदूरों, कामगारों और मजलूमों के साथ साथ छात्र और बेरोजगारों के हितों की सरकार बनायेगी ताकि श्रद्धेय चौ0 चरण सिंह के सपनों के भारत की नींव तैयार हो सके।