कोविड काल में आकस्मिक सेवाओं के लिए परिवहन निगम को मिलेंगे 350 करोड़ रुपए। उत्तर प्रदेश के सीमाई इलाकों से लाखों लोगों को बसों के माध्यम से भेजा गया था उनके घरों तक। छात्रों, मजदूरों, बंदियों, शेल्टर होम प्रवासियों को दिन रात एक कर निगम ने सुरक्षित पहुंचाया था घर। राज्य सरकार की ओर से दी गई सेवा पर खर्च की गई बकाया राशि के भुगतान की वित्तीय स्वीकृति।
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ब्यूरो निष्पक्ष दस्तक
लखनऊ। कोरोना कालखंड में लॉकडाउन के वक्त जब विभिन्न राज्यों से नौकरीपेशा, श्रमिक, छात्र समेत लाखों लोग उत्तर प्रदेश में अपने घरों को लौटने के लिए संघर्ष कर रहे थे तब सीएम योगी के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम उनके लिए वरदान बनकर मैदान में उतरा। आकस्मिक सेवाओं के तहत निगम की बसों ने बिना किसी टिकट के लाखों लोगों को उनके गंतव्य तक पहुंचाया। निगम के कर्मचारियों ने अपनी जान की भी परवाह नहीं की। अब योगी सरकार ने लॉकडाउन के दौरान परिवहन निगम द्वारा किए गए व्यय के बकाया करीब 350 करोड़ रुपए की धनराशि प्रदान करने का निर्णय लिया है। सरकार की ओर से इसकी वित्तीय स्वीकृति दे दी गई है। इस धनराशि से परिवहन निगम को भविष्य में भी आकस्मिक सेवाओं को जारी रखने के प्रति प्रोत्साहन मिलेगा।
समिति ने भी की थी बकाया राशि प्रदान करने की सिफारिश
प्रमुख सचिव वेंकटेश्वर लू द्वारा जारी आदेश के अनुसार, प्रबंध निदेशक परिवहन निगम द्वारा कोविड-19 के दृष्टिगत लॉक डाउन के दौरान परिवहन निगम द्वारा 28 मार्च 2020 से 06 मार्च 2021 के मध्य प्रदान की गई आकस्मिक बस सेवाओं पर 348.89 करोड़ रुपए की बकाया धनराशि का भुगतान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को करने की अपेक्षा की गई थी। प्रकरण में अवशेष धनराशि 348.89 करोड़ रुपए के देयकों के सत्यापन की पूर्व में गठित समिति द्वारा भी पुष्टि की गई है। साथ ही, 348.89 करोड़ का भुगतान उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को जल्द से जल्द करने का अनुरोध किया गया है। अतः इस मामले में वित्तीय वर्ष 2023-24 में अवशेष धनराशि 348.89 करोड़ रुपए की वित्तीय स्वीकृति शर्तों एवं प्रतिबंधों के साथ दे दी गई है।
लाखों लोगों को पहुंचाया था सुरक्षित घर
कोविड काल में केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए सख्त लॉकडाउन के दौरान उत्तर प्रदेश सड़क परिवहन निगम ने दिन-रात एक कर आकस्मिक सेवाएं प्रदान की थीं। उस समय दिल्ली एवं मथुरा बॉर्डर पर एकत्रित प्रवासी मजदूरो, श्रमिकों, प्रदेश के विभिन्न जनपदों के कारागार से रिहा किए गए बंदियों, प्रदेश के विभिन्न जनपदों के सेल्टर होम्स प्रवासियों, राजस्थान राज्य के जनपद कोटा में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं, हरियाणा एवं मध्य प्रदेश में प्रवास कर रहे उत्तर प्रदेश के श्रमिकों-मजदूरों को उनके गंतव्य तक पहुचाने में अहम भूमिका निभाई। परिवहन निगम के कर्मचारियों ने जान हथेली पर रखते हुए लाखों लोगों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाया। विभिन्न राज्यों के बॉर्डर पर सेवाएं प्रदान कीं। निगम की ओर से इस कार्य के लिए सैकड़ों बसों को तैनात किया गया। इन आकस्मिक सेवाओं को जारी रखने के लिए जो खर्च आया उसे निगम ने स्वयं वाहन किया।
31 मार्च 2024 तक व्यय करनी होगी धनराशि
धनराशि जारी करते हुए कुछ शर्तें भी तय की गई हैं। इसके अनुसार, जिस मद में शासन द्वारा धनराशि स्वीकृत की जा रही है उसी मद में इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा। अन्य किसी भी मद/विभागीय कार्य के लिए धनराशि का व्यय कदापि न किया जाए। स्वीकृत धनराशि का भुगतान उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम को आकस्मिक बस सेवाओं की बकाया देयकों के भुगतान के लिए निगम से बकाया देयक का विवरण प्राप्त कर नियमानुसार प्रक्रिया का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए अविलंब किया जाएगा। समस्त धनराशि का उपभोग 31 मार्च 2024 से पूर्व कर लिया जाएगा। यदि धनराशि अवशेष बचती है तो नियमानुसार 31 मार्च 2024 के पूर्व समर्पित कर दी जाएगी।