भ्रष्टाचार भाजपा का चुनावी मुद्दा

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नव्य-भव्य भारत के शिल्पकार नरेन्द्र मोदी
नव्य-भव्य भारत के शिल्पकार नरेन्द्र मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2024 के लोकसभा चुनाव के साथ ही मध्यप्रदेश सहित 5 राज्यों में 5 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का एजेंडा तय कर दिया है।प्रधानमंत्री मोदी ने भोपाल से देश में भाजपा के 10 लाख बूथ प्रभारियों को संबोधित करने के साथ-साथ संवाद भी किया। संवाद के दौरान देश के विभिन्न राज्यों के कार्यकर्ताओं ने सवाल किए। जिसके जवाब में उन्होंने यह संदेश दिया कि पार्टी चुनाव में गांव-गरीब और किसान पर फोकस करेगी। विपक्षी दलों के शासनकाल में हुए भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाया जाएगा। मोदी ने यह भी स्पष्ट कर दिया कि बीजेपी तुष्टिकरण का जवाब संतुष्टिकरण से देने की तैयारी से चुनावी मैदान में उतरेगी।प्रधानमंत्री ने मुसलमानों, पिछड़ी और उपेक्षित जातियों को साधने के लिए पसमांदा मुस्लिमों को पार्टी से जोड़ने का मंत्र भी दिया। भ्रष्टाचार भाजपा का चुनावी मुद्दा

तुष्टिकरण के जवाब में संतुष्टिकरण


प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर वोट के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि कुछ लोग सिर्फ अपने दल के लिए जीते हैं। दल का ही भला करना चाहते हैं। वे ये सब इसलिए करते हैं क्योंकि उन्हें भ्रष्टाचार का, कमीशन का, मलाई खाने का, कट-मनी का हिस्सा मिलता है। उन्होंने जो रास्ता चुना है, उसमें ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती है। लेकिन बीजेपी ने तय किया है कि तुष्टिकरण व वोटबैंक के रास्ते पर नहीं जाएगी। हम संतुष्टिकरण के रास्ते पर चलेंगे। देश का भला करने का रास्ता संतुष्टिकरण है। तुष्टिकरण का रास्ता कुछ दिनों तक तो फायदा दे सकता है लेकिन ये देश के लिए महाविनाशक होता है। देश में भेदभाव पैदा करता है। समाज में दीवार खड़ी करता है। इस तरह के लोग तुष्टिकरण करके अपने स्वार्थ के लिए छोटे-छोटे कुनबे और जातियों को दूसरों के खिलाफ खड़े कर देते हैं। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार छोटी-छोटी जातियों को साधने के लिए पंचायतों का आयोजन कर रही है। उनकी समस्याओं को सुनकर समाधान निकालने का आश्वासन दिया जा रहा है। इतना ही नहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पिछले दो महीने में ही जातियों और समाज के बोर्ड बनाए हैं। हाल ही में उन्होंने अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली उप जातियों का अलग बोर्ड बनाने का ऐलान किया है।

प्रधानमंत्री ने एक तरफ पसमांदा मुसलमानों की चर्चा करते हुए तुष्टिकरण पर कांग्रेस की पिछली सरकारों को घेरा। दूसरी तरफ यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) के मुद्दे को छेड़ दिया। यह इसलिए भी अहम है क्योंकि बीजेपी ने पिछले लोकसभा चुनाव में इसे लागू करने का घोषणा पत्र में वादा किया था, लेकिन अभी तक पूरा नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश की रानी चौरसिया के सवाल पर प्रधानमंत्री ने संकेत दे दिया कि अगले चुनाव में जाने से पहले बीजेपी की प्राथमिकता में यूनिफॉर्म सिविल कोड है और इस पर जल्दी ही फैसला होगा। मोदी ने कहा- कुछ लोग यूनिफॉर्म सिविल कोड का विरोध कर रहे हैं, जिससे मुस्लिम भाई-बहन को काफी भ्रम हो रहा है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत के मुसलमानों को समझना होगा कि कौन से दल उन्हें भड़काकर उनका फायदा लेने के लिए बर्बाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आजकल समान नागरिक संहिता के नाम पर भड़काने का काम हो रहा है। मोदी ने इसके महत्व को समझाते हुए कहा- एक घर में परिवार के एक सदस्य के लिए एक कानून हो, दूसरे सदस्य के लिए दूसरा कानून हो तो क्या वह घर चल पाएगा क्या?’ पीएम ने कहा कि फिर ऐसी दोहरी व्यवस्था से देश कैसे चल पाएगा। लोग हम (बीजेपी) पर आरोप लगाते हैं लेकिन सच ये है कि यही लोग मुसलमान-मुसलमान करते हैं, अगर ये उनके सही मायने में हितैषी होते तो अधिकांश मुस्लिम परिवार शिक्षा, रोजगार में पीछे नहीं रहते।

वोट बैंक की राजनीति करने वालों ने पसमांदा मुसलमानों का जीना मुश्किल कर दिया है। वे बहुत ही कष्ट में जी रहे हैं। उन्होंने इनका शोषण किया है। इसकी देश में चर्चा नहीं होती है। उन्हें आज भी अछूत माना जाता है। प्रधानमंत्री ने मुस्लिमों की पिछड़े जातियों का उल्लेख करते हुए कहा कि इनके साथ इतना भेदभाव हुआ है। इसका नुकसान कई पीढ़ियों को भुगतना पड़ा। लेकिन बीजेपी सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर काम कर रही है। 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश की कुल आबादी में 6.57 प्रतिशत मुसलमान हैं यानी राज्य में करीब 50 लाख मुस्लिम मतदाता हैं। पसमांदा (पिछडे़ और दलित) मुसलमान के अंतर्गत कुंजड़े (राईन), जुलाहे (अंसारी), धुनिया (मंसूरी), कसाई (कुरैशी), फकीर (अलवी), हज्जाम (सलमानी), मेहतर (हलालखोर), ग्वाला (घोसी), धोबी (हवारी), लोहार-बढ़ई (सैफी), मनिहार, दर्जी (इदरीसी), वन्गुज्जर, तेली, गाड़ा जातियां हैं।

तीन तलाक से लेकर पाकिस्तान तक

प्रधानमंत्री ने कहा जो भी तीन तलाक के पक्ष में बातें करते हैं। तीन तलाक की वकालत करते हैं, ये वोट बैंक के भूखे लोग मुस्लिम बेटियों के साथ बहुत बड़ा अन्याय कर रहे हैं। कुछ लोगों को लगता है कि तीन तलाक है तो सिर्फ महिलाओं की बात हो रही है। तीन तलाक से नुकसान का दायरा बड़ा है। तीन तलाक का इस्लाम से संबंध होता तो दुनिया के मुस्लिम बाहुल्य देश इसे खत्म नहीं करते। मिस्र में 90% से ज्यादा सुन्नी मुस्लिम हैं। 80-90 साल पहले वहां तीन तलाक की प्रथा समाप्त हो चुकी है। अगर तीन तलाक इस्लाम का जरूरी अंग है, तो पाकिस्तान, इंडोनेशिया, कतर, जॉर्डन, सीरिया, बांग्लादेश में क्यों नहीं है? मुस्लिम बेटियों पर तीन तलाक का फंदा लटकाकर कुछ लोग उन पर हमेशा अत्याचार करने की खुली छूट चाहते हैं। इसीलिए मेरी मुस्लिम बहनें, बेटियां बीजेपी और मोदी के साथ हैं।

मायने: मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, जम्मू कश्मीर, केरल, असम, महाराष्ट्र, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 360 सीटें हैं, जहां 12 करोड़ से अधिक मुसलमान उम्मीदवारों की हार-जीत में अहम भूमिका अदा करते हैं। साल 2011 में हुई जनगणना के अनुसार अल्पसंख्यकों की आबादी देश की कुल आबादी का लगभग 19.3 प्रतिशत है। जिसमें सबसे ज्यादा मुसलमानों की आबादी 14.2 फीसदी है जबकि मध्य प्रदेश में यह 6.57 फीसदी है।

विपक्षी एकता यानी भ्रष्टाचार की गारंटी

प्रधानमंत्री ने विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला कहा कुछ दिन पहले पटना में उनके (विपक्ष) द्वारा एक फोटो सेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। जब आप फोटो देखेंगे तो आपको एहसास होगा कि फोटो में दिख रहा हर शख्स 20 लाख करोड़ के घोटाले की गारंटी है। अकेले कांग्रेस ने लाखों करोड़ रुपए के घोटाले किए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के घोटाले अकेले ही लाखों-करोड़ों के हैं। एक लाख 86 हजार करोड़ का कोयला घोटला, 1.76 करोड़ का 2 जी घोटाला, 70 हजार करोड़ का कॉमनवेल्थ घोटाला, मनरेगा, हेलिकॉप्टर से सबमरीन तक कांग्रेस के घोटाले ही घोटाले हैं। ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जो कांग्रेस के घोटाले का शिकार न हो।आज मैं भी एक गारंटी देना चाहता हूं कि अगर उनकी घोटाले की गारंटी है, तो मोदी की भी एक गारंटी है और यह गारंटी है- हर घोटालेबाज पर कार्रवाई की गारंटी। हर चोर-लूटेरे पर कार्रवाई की गारंटी, जिसने गरीब को लूटा, देश को लूटा है उसका हिसाब तो हो कर ही रहेगा। जब जेल की सलाखें सामने दिख रही हैं तो इनकी ये जुगलबंदी हो रही है।

23 जून को 15 विपक्षी दलों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में पटना में बैठक की थी। बैठक के दौरान इन दलों ने अगला लोकसभा चुनाव बीजेपी के खिलाफ एक साथ लड़ने का निर्णय लिया था। ऐसा कहा जाता है कि विपक्ष की बैठक का लक्ष्य कम से कम 450 सीटों पर बीजेपी के खिलाफ सांझा उम्मीदवार तय करना है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के भ्रष्टाचार को मुद्दा बनाने के संकेत दिए हैं। हालांकि मप्र में इसकी शुरुआत पहले ही हो चुकी है। पिछले सप्ताह 15 महीने की कमलनाथ सरकार के भ्रष्टाचार पर केंद्रित पोस्टर लगाए गए, लेकिन बीजेपी ने कांग्रेस के आरोप को सिरे से खारिज कर दिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के फोटो वाले पोस्टर में 50% वाली सरकार करार दिया। विपक्षी गठबंधन का बीजेपी को नुकसान पहुचाना इतना आसान नहीं होगा, क्योंकि मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, गुजरात, और झारखंड में जहां बीजेपी मज़बूत है, वहां पहले से ही ज़्यादातर सीटों पर उसका कब्ज़ा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को क़रीब 38 फ़ीसदी वोट के साथ 303 सीटें मिली थीं। जबकि दूसरे नंबर पर कांग्रेस रही थी। जिसे क़रीब 20 फ़ीसदी वोट और 52 सीटें मिली थी।

गांव, गरीब और किसान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक सवाल के जवाब में बूथ कार्यकर्ताओं से कहा – 2047 में आजादी के 100 साल पूरे होने पर जब हर गांव विकसित होगा, तब देश विकसित कहलाएगा। ग्रामीण इलाकों में बूथ कमेटियों की पहचान समाज सेवा से होना चहिए। यहां संघर्ष की नहीं, बल्कि सेवा की जरुरत है। उन्होंने उज्जवला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना और जलजीवन मिशन का प्रचार तुलनात्मक तरीके से करने का मंत्र दिया। प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस की एक ही नीति थी कि पहले किसानों को संकट में पड़ने दो, फिर कर्ज माफी के नाम पर वोट की फसल काटो। लेकिन हमारी सरकार पीएम किसान सम्मान निधि की राशि सीधे खाते में ट्रांसफर कर रही है। इससे छोटे से छोटा किसान लाभान्वित हो रहा है।

उन्होंने उदारहण देते हुए कहा कि 2014 से पहले जब कांग्रेस की सरकार थी तब 1 जीबी डेटा 300 रुपए में मिलता था। उस हिसाब से 6 हजार बिल होता था। लेकिन बीजेपी सरकार ने डेटा को गरीब के लिए सस्ता कर दिया है। 20 जीबी के लिए 200-300 रुपए। 5 हजार बच रहा है। इसी तरह प्रधामंत्री जन औषधि और आयुष्मान योजना के लाभ के बारे में गांव में समझाएं। मध्य प्रदेश में किसानों की संख्या 1 करोड़ से ज्यादा है। ग्रामीण इलाकों की 176 सीटें हैं। पिछले चुनाव में कांग्रेस को 94 व बीजेपी को 82 सीटें मिली थीं। साफ है कि गांव-गरीब व किसान बीजेपी के कोर चुनावी एजेंडे का हिस्सा होंगे। भ्रष्टाचार भाजपा का चुनावी मुद्दा