
कांग्रेस प्रत्याशियों को आलाकमान ने दिया बड़ा झटका….! इस बार अपने खर्च पर प्रत्याशियों को लड़ना होगा चुनाव। कांग्रेस हाईकमान निकाय चुनाव के लिए नहीं दिया कोई बजट।
आर0के0यादव
लखनऊ। कांग्रेस हाईकमान ने प्रदेश में कांग्रेस ने चुनाव से पहले ही हाथ खड़े कर दिए है। कांग्रेस आला कमान ने निकाय चुनाव के लिए प्रदेश कांग्रेस को कोई बजट देने से इनकार कर दिया है। इससे इस बार के निकाय चुनाव में पार्टी के अधिकृत प्रत्याशियों को कोई आर्थिक मदद नहीं मिल पाएगी। इस बार पार्टी के प्रत्याशियों को स्वयं के खर्चें पर चुनाव लडऩा होगा। पार्टी प्रत्याशियों को सिर्फ प्रचार सामग्री ही उपलब्ध कराएगी। जबकि पूर्व के चुनाव में पार्टी की ओर से प्रत्याशियों को आर्थिक मदद दी जाती रही है। इसको लेकर तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। चर्चा है कि पहले पूर्व में चुनावों में चुनाव हारने के बाद भी प्रत्याशी मालामाल हो जाते रहे हैं इस बार उन्हें इस सुविधा से वंचित रहना पड़ेगा।
प्रत्याशियों को नहीं दी जाएगी आर्थिक मदद-
नगर निकाय और पंचायत चुनाव में कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशियों को आर्थिक मदद दिए जाने के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के मीडिया संयोजक एवं प्रवक्ता अशोक सिंह का कहना है कि प्रत्याशियों को किसी प्रकार की आर्थिक मदद नहीं दी जाएगी। पार्टी ने फिजूलखर्ची पर रोक लगा दी है। भाजपा पूंजीपतियों की पार्टी है कांग्रेस नीतियों से समझौता नहीं करती है।
प्रदेश में हाशिये पर चल रही प्रदेश कांग्रेस नगर निकाय चुनाव में बेहतर प्रदर्शन करने की बात तो दूर की बात हो गई है पार्टी को प्रत्याशी ढुंढ़ नहीं मिल रहे हैं। पिछले करीब तीन दशक से सत्ता के बाहर होने की वजह से कांग्रेस संगठन की आर्थिक स्थित भी दयनीय हो गई है। पिछले दिनों प्रदेश कांग्रेस पार्टी पदाधिकारियों ने आर्थिक स्थिति के बदतर हालात को देखते हुए प्रदेश कांग्रेस मुृख्यालय में वर्षो से कार्यरत कई कर्मचारियों की सेवाएं तक समाप्त कर दी। बीस से पच्चीस साल से मुृख्यालय में सेवा दे रहे इन कर्मचारियों को विरोध प्रदर्शन के बाद भी वापस नहीं बुलाया गया। इसको लेकर कर्मचारियों में खासी नाराजगी भी है।
पार्टी जानकारों का कहना है कि एक समय में देश की सबसे बड़ी माने जाने वाली पार्टी की हालत प्रदेश में बद से बदतर हो गई है। यही वजह है कि कांग्रेस हाई कमान ने निकाय चुनाव के लिए पार्टी को कोई अतिरिक्त बजट आवंटित नहीं किया है। जबकि पूर्व के लोकसभा, विधानसभा, नगर निकाय व पंचायत चुनाव में पार्टी के अधिकृत घोषित प्रत्याशियों को चुनाव लडऩे के लिए आर्थिक मदद के साथ प्रचार सामग्री तक उपलब्ध कराई जाती है। इस बार के चुनाव में प्रत्याशियों को प्रचार सामग्री तो उपलब्ध कराई जाएगी किंतु आर्थिक मदद नहीं दिए जाने की चर्चा है। बताया गया है कि पूर्व में महापौर और पार्षद प्रत्याशी मिलजुल कर प्रचार करते थे। इसके लिए उन्हें अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाता रहा है। इस बार इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। कांग्रेस ने दिया बड़ा झटका….!