मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

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मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश
मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश

मुख्य सचिव ने वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से समस्त मण्डलायुक्तों व जिलाधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर दिये आवश्यक दिशा-निर्देश।15 अगस्त के लिए भारत सरकार ने तिरंगे पर ध्यान केंद्रित किया था। इस वर्ष मातृभूमि को नमन करते हुए देश की माटी पर ध्यान केंद्रित किया जाना है। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश


लखनऊ। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से समस्त मंडलायुक्तों, जिलाधिकारियों एवं वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ साप्ताहिक समीक्षा बैठक कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये। बैठक में पशुधन, संस्कृति, श्रम, राजस्व आदि विभागों के कार्यों की समीक्षा की गई। मुख्य सचिव ने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के समापन अवसर पर शहीदों और स्वतंत्रता सेनानियों के सम्मान में ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत 9 अगस्त से 30 अगस्त तक गांव से लेकर शहरों तक विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जायें। इन कार्यक्रमों में लाखों गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और नायकों के नाम की पट्टिकाएं लगाई जाएं और उनके परिजनों को सम्मानित किया जाए। मुख्यमंत्री की सुविधानुसार आगामी 25 अथवा 26 अगस्त को सी0जी0 सिटी में राज्य स्तरीय कार्यक्रम आयोजित किया जायेगा और सी0जी0 सिटी में 7500 पौधों का रोपण भी किया जायेगा। 30 अगस्त को दिल्ली में इस अभियान का समापन कार्यक्रम होगा। इसके साथ-साथ देश के सभी गांवों से मिट्टी दिल्ली लाई जाएगी और उससे कर्तव्य पथ पर एक उद्यान बनाया जाएगा, जिसे अमृत वाटिका नाम दिया जाएगा।


        उन्होंने कहा कि ‘मेरी माटी मेरा देश’ अभियान के तहत 9 अगस्त को ग्राम पंचायत व स्थानीय निकाय स्तर पर कार्यक्रमों के लिये स्थल चयन की कार्यवाही समय से पूरी कर ली जाये। स्थल चयन में अमृत सरोवर को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की जाये। अमृत सरोवर न होने पर पंचायत भवन, विद्यालय आदि का चयन किया जाये। इस दिन कार्यक्रम स्थल पर एक शिलाफलकम (शिलापट) स्थापित किया जायेगा, जिसमें स्वतंत्रता सेनानियों, शहीदों और नायकों के नाम अंकित किये जायें। इस कार्यक्रम में सहभागिता करने वाले लोग एक-एक मुट्ठी मिट्टी लेकर एकत्रित होंगे और पंच प्रण की शपथ लेंगे।  प्रत्येक गांव में एक स्थान चिन्हित कर 75 पौधों का रोपण कर अमृत वाटिका विकसित किया जाये। 15 अगस्त को पुनः स्मारक स्थल पर एकत्रित होकर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाये और राष्ट्रीय गान किया जाये।


         उन्होंने कहा कि एकत्रित की गई मिट्टी को कलश में लेकर युवा मंगल दल, महिला मंगल दल, नेहरू युवा केन्द्र, स्काउट गाइड, एनसीसी एवं अन्य संस्थानों के युवा अपने-अपने ब्लाक पर एकत्रित होंगे। मिट्टी कलशों को सुसज्जित वाहनों के माध्यम से दिनांक 27 अगस्त को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर पहुंचाना होगा। ग्राम स्तर से ब्लाक स्तर पर मिट्टी के कलश यात्रा का रूट इस प्रकार से तय किया जाये कि वह सभी गांवों से होकर पहुंचे।


         उल्लेखनीय है कि गत वर्ष 15 अगस्त के लिए भारत सरकार ने तिरंगे पर ध्यान केंद्रित किया था। इस वर्ष मातृभूमि को नमन करते हुए देश की माटी पर ध्यान केंद्रित किया जाना है। इसी अवधारणा से हम अपनी आजादी का श्रेय उन लोगों को देंगे जिन्होंने देश की आजादी के लिए सर्वस्व न्योछावर कर दिया। हमारी मातृभूमि वह धन्य भूमि है जिसने स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान देने वाले वीरों को जन्म दिया है। इस भूमि में पैदा होने के कारण हम भी इस भूमि से जुड़े हुए हैं और देशभक्ति की भावना मिट्टी और इसके लोगों में व्याप्त हो।


अटल आवासीय विद्यालयों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि प्रत्येक विद्यालय परिसर में चयनित बच्चों व उनके अभिभावकों को बुलाकर सेंसटाईज किया जाये और वृक्षारोपण कराया जाये। उन्होंने कहा कि इन विद्यालयों का उद्घाटन मा0 प्रधानमंत्री जी द्वारा कराया जाना प्रस्तावित है। उद्घाटन से पूर्व सभी मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों द्वारा निरीक्षण कर सभी कमियों को दुरुस्त करा लिया जाये। सभी विद्यालयों में विधिवत ड्रेनेज, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, एसटीपी आदि की व्यवस्था होनी चाहिये। परिसर को जीरो वेस्ट कैम्पस बनाया जाये।


गौआश्रय स्थलों की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि गौआश्रय स्थलों के माइक्रो मैनेजमेंट की समीक्षा जिलाधिकारी स्तर पर की जाये। खण्ड विकास अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी, जिला पंचायतीराज अधिकारी सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारियों की जवाबदेही नियत की जाये। सभी गायों के लिये भूसा, चारा, पशु आहार की पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होनी चाहिये। सभी गौवंश स्वस्थ रहें, इसके लिये उनका मासिक स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाये। आवश्यकतानुसार अतिरिक्त शेड बनवाये जायें। आश्रय स्थल में जल भराव की समस्या हो तो उसे दूर कराया जाये। उन्होंने कहा कि 11 जुलाई से 25 अगस्त तक 45 दिवसीय गोचर अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान के दौरान गोचर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराकर वहों पर बहुवर्षीय हरा चारा, नैपियर ग्रास, सूबबूल आदि की बुवाई अभियान चलाकर करायी जाये। गो-पेंट मॉडल को अपनाने पर विशेष बल दिया जाये।  राजस्व विभाग की समीक्षा करते हुये उन्होंने कहा कि जनपद में स्थापित सभी कण्ट्रोल रूम को यथासंभव एक ही भवन में स्थापित किया जाये। सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में क्रियाशील पब्लिक एड्रेस सिस्टम को स्थापित कराएं। इन्हें अर्ली वार्निंग सिस्टम से जोड़ा जाए। राहत आयुक्त कार्यालय से जनपद को प्राप्त होने वाले मौसम अलर्ट को सम्बन्धित ग्राम व शहर में प्रसारित कर लोगों को अलर्ट किया जाये।


           उन्होंने कहा कि समस्त विद्यालयों, महाविद्यालयों एवं प्राइमरी स्कूल के प्रधानाचार्यों को जागरूक करने हेतु जनपद स्तरीय ‘मुख्यमंत्री आपदा सुरक्षा’ सम्मेलन का आयोजन कराया जाये। बाढ़, भूकम्प, आकाशीय बिजली इत्यादि आपदाओं के समय ‘क्या करें-क्या न करें’ के सम्बन्ध में जागरूकता को और बढ़ाया जाये। स्कूलों, महाविद्यालयों, विश्वविद्यालयों, एनसीसी, एनएसएस, महिला मण्डल, स्काउड गाइड एवं अन्य स्वयंसेवकों को आपदा राहत कार्यों के बारे में जागरूक किया जाए। हर जनपद में समस्याओं की प्रकृति व प्रकार अलग-अलग होते हैं। जनशिकायतों के प्रभावी एवं गुणवत्तापरक निस्तारण व संतुष्टी के स्तर को बढ़ाने के लिये प्राप्त शिकायतों को वर्गीकृत कर विश्लेषण किया जाये। विश्लेषण के अनुरूप ही रणनीति तैयार की जाये और जनपद में उपलब्ध मैनपावर व रिसोर्सेस का उपयोग किया जाये। जिन क्षेत्रों से ज्यादा समस्यायें प्राप्त हो रही हैं, वहां अधिकारियों द्वारा चौपाल लगाकर उनका निस्तारण कराया जाये।


   मंडलायुक्त देवीपाटन ने ‘जनसुनवाई के तहत गुणवत्तापरक निस्तारण, समस्याएं एवं सुझाव’ के विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि शिकायतों के विश्लेषण में पाया गया कि अधिकतम शिकायतें भूमि-विवाद से सम्बन्धित है। 95 प्रतिशत शिकायतें ऐसी हैं, जिनका निस्तारण विकासखण्ड, थाना, तहसील पर ही हो जाना चाहिये। जिन स्थानों से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हुई, वहां चौपाल लगाकर उनका निस्तारण कराया गया। लेखपालों की रोस्टर के अनुसार ड्यूटी लगाई गई। जनपद गोण्डा में सम्पूर्ण समाधान/थाना दिवस के दिन ऐसे अधिकारियों को जिनके विभाग से सम्बन्धित शिकायते कम प्राप्त होती हैं, उन अधिकारियों की टीम बनाकर क्षेत्र भेजकर 24 घंटे में निस्तारण कराये जाने हेतु क्षेत्र में भेजा गया। इस कार्य का सतत अनुश्रवण भी किया गया जिससे शिकायतों का गुणवत्तापरक निस्तारण में वृद्धि हुई। इस प्रक्रिया का सतत अनुश्रवण करते के उपरान्त प्रदेश में जनपद गोण्डा 64वीं रैंकिंग से घटकर 14वीं रैंकिग प्राप्त की है।


      जिलाधिकारी लखनऊ ने ‘जनसुनवाई-समाधान’ विषय पर प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने बताया कि शिकायतों के गुणवत्तापूर्ण निस्तारण व संतुष्टी स्तर को बढ़ाने के लिये जनता दर्शन, संपूर्ण समाधान दिवस, तहसील दिवस, नागरिक सुविधा दिवस में प्राप्त शिकायतों बंचिंग (वर्गीकरण) किया गया। अपर जिलाधिकारी (वित्त एवं राजस्व) के नेतृत्व में आईजीआरएस प्रकोष्ठ, मा0 मुख्यमंत्री हेल्पलाइन संदर्भों के निस्तारण हेतु एक सहायक उपजिलाधिकारी की तैनाती तथा एक प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट (पीएमयू) का गठन किया गया है, जिसमें 01 प्रबंधक व 05 कम्यूटर ऑपरेटर कार्यरत हैं। संदर्भों की संख्या के आधार पर सबसे अधिक संदर्भों वाले 03 विभागों (पुलिस विभाग, नगर निगम एवं लखनऊ विकास प्राधिकरण) में प्रत्येक विभाग के लिए एक एसीएम की नियुक्ति प्रकोष्ठ में की गई है।


          उन्होंने बताया कि अत्यधिक पुराने एवं बार-बार प्राप्त होने वाले भूमि संबंधित विवाद/गंभीर प्रकरणों का अंकन ‘भूमि विवाद रजिस्टर’ में किया जा रहा है। ऐसे सन्दर्भों, जिनमें राजस्व एवं पुलिस विभाग के समन्वय की आवश्यकता है, सम्बन्धित पक्षों को अवगत कराते हुये राजस्व विभाग व पुलिस विभा की संयुक्त टीम बनाकर सम्बन्धित स्थल पर प्रकरण के त्वरित निस्तारण हेतु भेजा जा रहा है। मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में प्रत्येक माह के अंतिम मंगलवार को नागरिक सुविधा दिवस आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि भूमि सम्बन्धी विवादों पर पूर्णतः अंकुश लगाने के लिये एक मैकेनिज्म तैयार किया जा रहा रहा है, जिससे भूमि को भूमि स्वामी के अतिरिक्त कोई बेच नहीं सकेगा। भूमि स्वामी अपनी भूमि से ज्यादा नहीं बेच पायेगा। यह मैकेनिज्म पॉलीगान व जीपीएस क्वार्डिनेट पर आधारित होगा। बैठक में अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल, अपर मुख्य सचिव राजस्व सुधीर गर्ग, अपर मुख्य सचिव पशुधन रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव श्रम अनिल कुमार, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव नियोजन आलोक कुमार सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि मौजूद थे। मुख्य सचिव ने अधिकारियों को दिए दिशा-निर्देश