मुख्यमंत्री ने अग्निशमन विभाग, सी0बी0सी0आई0डी0 और एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के कार्यों की समीक्षा कीअपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाए, जांच एजेंसियों को लंबित प्रकरणों की जांच समयबद्ध रूप से पूरी करते हुए प्रभावी अभियोजन के दिशा-निर्देश। एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन में तकनीक के अधिकाधिक प्रयोग से कार्यवाही को पारदर्शी और प्रभावी बनाए। प्रदेश में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया जाए। बिग डाटा और फाइनेंशियल डेटा एनालिसिस के लिए इकाई और मुख्यालय स्तर पर टेक्निकल यूनिट गठित की जाए। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत वर्तमान में 27 विशेष न्यायालय क्रियाशील, यह सभी केवल 05 स्थानों पर स्थापित हैं इन्हें मण्डल स्तर पर क्रियाशील किया जाए।
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अग्निशमन विभाग, सी0बी0सी0आई0डी0 और एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन के कार्यों की समीक्षा की। मुख्यमंत्री ने जांच एजेंसियों को लंबित प्रकरणों की जांच समयबद्ध रूप से पूरी करते हुए प्रभावी अभियोजन सहित विभिन्न दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अपराधियों एवं भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई तेज की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आपात परिस्थितियों में अग्निशमन विभाग का कार्य अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है। हमारे अग्निशमन दस्तों की भूमिका सराहनीय है। हमारी टीम को 24ग्7 अलर्ट मोड में रहना होगा। वर्तमान में प्रदेश के 299 तहसीलों में अग्निशमन केंद्र क्रियाशील हैं। जिन 68 तहसीलों में अग्निशमन केन्द्र नहीं हैं, वहां भूमि की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए अग्निशमन केंद्रों की स्थापना कराई जाए। निर्माणाधीन अग्निशमन केंद्रों का कार्य जल्द से जल्द पूरा करा लिया जाए। तहसीलों के बाद अगले चरण में हर थाने स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करें।
अग्निशमन विभाग में प्रशिक्षित और योग्य कार्मिकों की तैनाती की जानी चाहिए। किसी भी केंद्र पर मानव संसाधन और उपकरणों का अभाव न हो। सभी श्रेणियों के जो भी पद रिक्त हों, उन पर चयन की प्रक्रिया यथासंभव शीघ्रता से पूरी की जाए। बहुमंजिला भवनों में बेहतर राहत एवं बचाव कार्य के लिए जरूरी उपकरणों की खरीद की जाए। जीवन अमूल्य है। किसी दुर्घटना में एक भी व्यक्ति की असमय मृत्यु दुःखद है और यह समाज की क्षति है। ऐसे में हमें सुरक्षा मानकों के प्रति जीरो टॉलरेंस के साथ सतर्क रहना होगा। प्रदेश के सभी जिलों में औद्योगिक इकाइयों, स्कूलों, बहुमंजिला इमारतों, अस्पतालों, होटलों की फ़ायर ऑडिट कराई जाए। भवनों की एन0ओ0सी0 समय सीमा के भीतर परीक्षण करते हुए जारी की जाएं। मानक का कड़ाई से अनुपालन हो। मानक विहीन भवनों को कतई एन0ओ0सी0 जारी न की जाए।
सी0बी0सी0आई0डी0 एक महत्वपूर्ण जांच इकाई, इसे देश की बेहतरीन जांच एजेंसियों में स्थान दिलाने के लिए हमें आवश्यक सुधार करने होंगे। सी0बी0सी0आई0डी0 के समक्ष लंबित सभी प्रकरणों को समयबद्ध रूप से निस्तारित कराया जाए। तहसीलों के बाद अगले चरण में हर थाने स्तर पर अग्निशमन केंद्र स्थापित करने की कार्ययोजना तैयार करें। अग्निशमन विभाग में सभी श्रेणियों के जो भी पद रिक्त हों, उन पर चयन की प्रक्रिया यथासंभव शीघ्रता से पूरी की जाए। प्रदेश के सभी जिलों में औद्योगिक इकाइयों, स्कूलों, बहुमंजिला इमारतों, अस्पतालों, होटलों की फ़ायर ऑडिट कराई जाए। समय सीमा के भीतर परीक्षण करते हुए एन0ओ0सी0 जारी की जाएं। स्कूलों में बच्चों को आग लगने की परिस्थितियों में बचाव के तौर-तरीकों के बारे में बताया जाए। जिला स्तर पर भवनों के अग्निशमन उपकरणों के पुनर्परीक्षण, वैधता तिथि आदि की जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध हो। आग लगने की सूचना मिलने पर अग्निशमन दस्तों के घटनास्थल पर पहुंचने के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करने के लिए ठोस प्रयास किये जाएं।
फ़ायर सेफ्टी के लिए आमजन को जागरूक करना होगा। लोगों को अग्निशमन उपकरणों के प्रयोग के बारे में विधिवत जानकारी दी जाए। स्कूलों में बच्चों को आग लगने की परिस्थितियों में बचाव के तौर-तरीकों के बारे में बताया जाना चाहिए। स्कूली पाठ्यक्रम में इस विषय को शामिल किया जाना चाहिए। प्रदेश में सभी एन0ओ0सी0 को निवेश मित्र पोर्टल एवं फ़ायर सर्विस पोर्टल के माध्यम से प्राप्त करने की सुविधा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के संकल्प के क्रम में यह अच्छा प्रयास है। तकनीक की मदद से जिला स्तर पर हमें ऐसी व्यवस्था करनी चाहिए, जिससे हर भवन के अग्निशमन उपकरणों के पुनर्परीक्षण, वैधता तिथि आदि की जानकारी भी ऑनलाइन उपलब्ध हो सके। आग लगने की सूचना मिलने पर अग्निशमन दस्तों के घटनास्थल पर पहुंचने के रिस्पॉन्स टाइम को और कम करने के लिए ठोस प्रयास किये जाएं। बदलते समय के साथ एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन की कार्यप्रणाली में व्यापक सुधार आवश्यक है। तकनीक के अधिकाधिक प्रयोग से कार्यवाही को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के प्रयास हों। इसे डायल-112 से इंटीग्रेट किया जाना जरूरी है। जांच एवं विवेचना के अभिलेखों व प्रक्रियाओं का डिजिटाइजेशन कराया जाए। स्तरीय प्रोफेशनल एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बनाने के लिए ऑर्गनाइजेशन के कार्मिकों की ट्रेनिंग कराई जानी चाहिए। सी0बी0आई0 और अन्य एजेंसियों से बेहतर समन्वय बनाये रखें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एण्टी करप्शन ऑर्गनाइजेशन की जांच और विवेचना की प्रक्रिया को और प्रभावी बनाया जाना चाहिए। अभियोजन की कार्यवाही को और बेहतर बनाने की जरूरत है। इस दिशा में नियोजित प्रयास किया जाए। भ्रष्टाचार से सम्बंधित लंबित प्रकरणों की विभागीय स्तर पर समीक्षा की जाए। न्यायालयों में विचाराधीन मामलों की भी गहन समीक्षा की जाए। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम अन्तर्गत वर्तमान में 27 विशेष न्यायालय क्रियाशील हैं। यह सभी केवल 05 स्थानों पर स्थापित होने के कारण विवेचना के दौरान माल अभियुक्त पैरवी आदि के कार्यों में अत्यधिक समय लगता है। इन 27 न्यायालयों को मण्डल स्तर पर क्रियाशील किया जाना उचित होगा। इस सम्बन्ध में आवश्यक प्रस्ताव तैयार किया जाए। आर्थिक अपराध के बढ़ते प्रकरणों को दृष्टिगत रखते हुए प्रदेश में फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट का गठन किया जाना आवश्यक है। हर इकाई में एस0पी0ओ0 की नियुक्ति होनी चाहिए। इस सम्बन्ध में विस्तृत प्रस्ताव तैयार कर यथाशीघ्र प्रस्तुत करें। बिग डाटा और फाइनेंशियल डेटा एनालिसिस के लिए इकाई और मुख्यालय स्तर पर टेक्निकल यूनिट गठित की जानी चाहिए। कार्मिकों की पदोन्नति के लिए उनकी कार्यकुशलता को आधार बनाएं। हर एक कार्मिक की रेटिंग की जाए। उनकी दक्षता और कुशलता का परीक्षण किया जाना चाहिए। सी0बी0सी0आई0डी0 एक महत्वपूर्ण जांच इकाई है। इसे देश की बेहतरीन जांच एजेंसियों में स्थान दिलाने के लिए हमें आवश्यक सुधार करने होंगे। सांगठनिक बदलाव हों या तकनीकी अपग्रेडेशन हर क्षेत्र में व्यापक सुधार की कार्ययोजना तैयार करें। सी0बी0सी0आई0डी0 के पास योग्य और दक्ष अधिकारी एवं कर्मचारी हैं। ऐसे में इस इकाई की उपयोगिता को बढ़ाने के प्रयास हों। मेरिट के आधार पर अधिकाधिक प्रकरण सी0बी0डी0आई0डी0 को दिए जाने चाहिए। सी0बी0सी0आई0डी0 के समक्ष लंबित सभी प्रकरणों को समयबद्ध रूप से निस्तारित कराया जाए तथा इसे सी0सी0टी0एन0एस0 से जोड़ने पर विचार करें।