मुख्यमंत्री ने बहराइच स्थित सरयू बैराज का किया निरीक्षण

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प्रधानमंत्री जी द्वारा 11 दिसम्बर, 2021 को जनपद बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना का लोकार्पण कार्यक्रम । सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना सरयू बैराज से प्रारम्भ होती है, यह परियोजना जनपद बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर,गोरखपुर तथा महराजगंज तक 09 जनपदों को जोड़ती है । सरयू नहर की योजना वर्ष 1972 में बनी, वर्ष 1978 में इस पर कार्य प्रारम्भ हुआ, वर्ष 1978 से वर्ष 2017 तक पूरी परियोजना पर मात्र 52 प्रतिशत कार्य, वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के बीच सरयू नहर परियोजना का शेष 48 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया । परियोजना के तहत 09 जनपदांे की 6,623 किलोमीटर लम्बी नहर प्रणालीविकसित, यह परियोजना नदी जोड़ो अभियान का बेहतरीन उदाहरण । सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना से प्रदेश के 09 जनपदों के 14.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई की सुविधा मिलेगी, लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित होंगे,प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के माध्यम से भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों को व्यापक रूप से धनराशि उपलब्ध कराने से सिंचाई की बेहतर सुविधा सृजित करनेमें और तेजी आयी, वर्तमान राज्य सरकार ने इसका भरपूर लाभ उठाया । प्रधानमंत्री जी का वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का संकल्प,उस संकल्प को सिद्ध करने की दृष्टि से यह परियोजना अत्यन्त महत्वपूर्ण ।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज जनपद बहराइच स्थित सरयू बैराज का निरीक्षण किया। उन्होंने मौके पर मौजूद जिलाधिकारी बहराइच, मुख्य अभियंता सरयू नहर परियोजना प्रथम अयोध्या, अधीक्षण अभियंता सिंचाई निर्माण मण्डल बहराइच से परियोजना के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की। इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह भी उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 11 दिसम्बर, 2021 को जनपद बलरामपुर में सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना के लोकार्पण का कार्यक्रम है। प्रधानमंत्री जी के लोकार्पण कार्यक्रम के क्रम में उन्होंने आज निरीक्षण किया है। सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना सरयू बैराज से प्रारम्भ होती है। यह परियोजना जनपद बहराइच, श्रावस्ती, गोण्डा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, बस्ती, संतकबीरनगर, गोरखपुर तथा महराजगंज तक 09 जनपदों को जोड़ती है। सरयू नहर की योजना वर्ष 1972 में बन गयी थी। वर्ष 1978 में इस पर कार्य प्रारम्भ हुआ। प्रारम्भिक रूप से देवीपाटन मण्डल के 02-03 जनपदों में यह कार्य किया जाना था। वर्ष 1982 में इस परियोजना का विस्तार 09 जनपदों तक कर दिया गया।


वर्ष 1978 से वर्ष 2017 तक के लगभग 40 वर्षाें में इस पूरी परियोजना पर मात्र 52 प्रतिशत कार्य सम्पन्न हो सका था। वर्ष 2017 से वर्ष 2021 के बीच सरयू नहर परियोजना का शेष 48 प्रतिशत कार्य पूर्ण किया गया। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत 09 जनपदांे की 6623 किलोमीटर लम्बी नहर प्रणाली बनायी गयी है। घाघरा नदी को सरयू नदी से, सरयू को राप्ती नदी से, राप्ती को बाणगंगा नदी से, बाणगंगा को रोहिन नदी के साथ जोड़कर पूरी नहर प्रणाली विकसित की गयी है। यह परियोजना नदी जोड़ो अभियान का बेहतरीन उदाहरण है। परियोजना से प्रदेश के 09 जनपदों के 14.5 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल को सिंचाई की सुविधा प्राप्त होगी। इससे लगभग 30 लाख किसान लाभान्वित होंगे।वर्ष 2015 के बाद प्रधानमंत्री बिपिन रावत योजना के माध्यम से भारत सरकार द्वारा राज्य सरकारों को व्यापक रूप से धनराशि उपलब्ध कराने से सिंचाई की बेहतर सुविधा सृजित करने में और तेजी आयी है। वर्तमान राज्य सरकार ने इसका भरपूर लाभ उठाया है। इसी का परिणाम है कि केन्द्र सरकार के सहयोग से सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना अब बनकर पूरी हो चुकी है। इस योजना का लाभ प्राप्त होने से इस क्षेत्र के किसानों की आमदनी में कई गुना वृद्धि होगी। उनके जीवन में खुशहाली आएगी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में प्रधानमंत्री जी ने वर्ष 2022 तक किसानों की आमदनी दोगुना करने का संकल्प लिया था। उस संकल्प को सिद्ध करने की दृष्टि से यह परियोजना अत्यन्त महत्वपूर्ण है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरा देश अपने उत्कृष्ट सैन्य अधिकारी सी0डी0एस0 जनरल बिपिन रावत जी के दुःखद निधन से आहत है। जनरल रावत के साथ देश के कुछ अन्य सैन्य अधिकारी भी थे, जिनका कुन्नूर, तमिलनाडु में हुई हेलीकाॅप्टर दुर्घटना में दुःखद निधन हुआ है। पूरा देश इन सैन्य अधिकारियों की राष्ट्र के प्रति सेवाओं को नमन करते हुए श्रद्धांजलि दे रहा है। उत्तर प्रदेश के निवासी 02 सैन्य अधिकारी भी सी0डी0एस0 जनरल बिपिन रावत के साथ थे। जनपद देवरिया निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इस हादसे में गम्भीर रूप से घायल हुए हैं। उनका उपचार चल रहा है। उन्होंने गु्रप कैप्टन वरुण सिंह के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना की। उन्होंने कहा कि जनपद आगरा निवासी विंग कमाण्डर श्री पृथ्वी सिंह चैहान इस दुर्घटना में शहीद हुए हैं। उनके शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के वरिष्ठ मंत्रिगण और कालान्तर में वह स्वयं दोनों परिवारों से मिलेंगे। उन्होंने कहा कि दोनों सैन्य अधिकारियों के जनपदों के अधिकारियों को उनके परिवारों से संवाद बनाकर हर आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं।