अपर्णा का इस पद को लेकर कहना है कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक कद के सामने यह पद छोटा है। इस वजह से 6 दिन बीत जाने के बाद भी उन्होंने अब तक पदभार ग्रहण नहीं किया है। उन्होंने अपनी नाराजगी बीजेपी आलाकमान के सामने जाहिर कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स का कहना है कि गृह मंत्री शाह ने अपर्णा से बात की हैं। उन्हें आश्वाशन दिया गया है कि भविष्य में पार्टी कई अहम जिम्मेदारियां सौंपेगी।
अपर्णा को लेकर बीजेपी का प्लान
अपर्णा यादव भले ही बीजेपी में आ गईं लेकिन पार्टी उन्हें अब तक नजरअंदाज कर रही थी। इधर अपर्णा ने भी परिवार के बारे में कभी कुछ गलत बयान नहीं दिया। शिवपाल यादव के करीब बनी रही। अखिलेश-डिंपल या परिवार के किसी अन्य सदस्य पर भी कुछ नहीं कहा। कहा जाने लगा कि भाजपा में अपनी उपेक्षा को देखते हुए अपर्णा फिर से घर वापसी करने के बारे में सोच रही थीं। यही कारण है कि बीजेपी ने उन्हें महिला आयोग का उपाध्यक्ष बनाया। यूपी उपचुनाव में बीजेपी अपर्णा को करहल में भुनाना चाहती है।