अनुप्रिया निज स्वार्थ में भाजपा के साथ

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अनुप्रिया निज स्वार्थ में भाजपा के साथ
अनुप्रिया निज स्वार्थ में भाजपा के साथ

अनुप्रिया का जन स्वाभिमान सम्मेलन पिता की गतात्मा का अपमान। जिस भाजपा ने सोनेलाल जी की हड्डियाँ तुड़वा दिया,अनुप्रिया निज स्वार्थ में उसी की गोंद में बैठी। अनुप्रिया निज स्वार्थ में भाजपा के साथ

लौटन राम निषाद

लखनऊ। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने अपना दल (एस) की प्रमुख अनुप्रिया पटेल द्वारा इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में सोने लाल पटेल जी की जयन्ती अमित शाह और योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में जन स्वाभिमान सम्मेलन के रूप में मनाने को सोने लाल पटेल जी का अपमान बताया है।उन्होंने कहा कि 23 अगस्त 1999 में इलाहाबाद के पी.डी.टंडन पार्क में डॉ.सोनेलाल पटेल जी की पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्वक पिटाई कराकर हड्डी हड्डी तुड़वाने वाली भाजपा के हाथ की अनुप्रिया पटेल कठपुतली बनकर मदारी की बंदरिया की तरह नाच रही हैं।सोनेलाल पटेल जी और अपना दल कार्यकर्ताओं हुई बर्बर पुलिसिया लाठी चार्ज के दौरान एक फोटो जर्नलिस्ट ने ही डॉ.सोनेलाल पटेल की जान बचाई थी। उन्होंने कहा कि अनुप्रिया पटेल निज स्वार्थ में उसी भाजपा की गोंद में बैठकर सौदेबाजी की दुकान चलाने में जुटी हैं जिसने उनके पिता को बुरी तरह पिटवा कर मरणासन्न अवस्था में पहुँचा दिया था।अनुप्रिया पटेल के कारनामों से सोने लाल पटेल जी की गतात्मा भी अनुप्रिया को धिक्कार रही होगी।उन्होंने कहा है कि अनुप्रिया पटेल में तनिक भी शर्म बची हो तो अपनी पार्टी के नाम से सोनेलाल जी का नाम हटा लें।


निषाद ने बताया कि डॉ. सोनेलाल पटेल ने फूलपुर लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के बाद इलाहाबाद के पीडी टंडन पार्क में शांतिपूर्वक जनसभा का आयोजन किया। इस जनसभा में काफी तादाद में किसानों, कमेरों, मजदूर अपने नेता के भाषण को सुनने पहुंचे। अचानक जनसभा में पुलिस ने भीड़ पर हमला कर दिया। भगदड़ मच गई, चारों ओर चीख-पुकार की आवाजें आने लगीं। पुलिस ने गोलियां भी चलाई। पुलिस की बर्बर लाठीचार्ज से अपना दल के सैकड़ों कार्यकर्ता बुरी तरह से जख्मी हुए। इसी दौरान पुलिस ने डॉ.सोनेलाल पटेल पर बुरी तरह से हमला कर दिया।डॉ. पटेल के दोनों हाथ व पैर तोड़ दिए गए। पार्टी के पुराने पदाधिकारियों का कहना है कि बर्बर लाठी चार्ज की वजह से डॉ.पटेल मरणासन्न की स्थित में आ गए, लेकिन पुलिस का लाठी चार्ज जारी रहा। इसी दौरान एक फोटो पत्रकार ने डॉ.पटेल को मारते हुए पुलिस वालों की फोटो खींच ली। पुलिस वालों ने पत्रकार का पीछा किया, लेकिन तब तक वह पत्रकार अपनी गाड़ी लेकर भाग निकला। डॉ.सोनेलाल पटेल की जान कैमरे में कैद हो गई। अब पुलिस वाले डर गए कि मुर्दा डॉ.सोनेलाल पटेल जिंदा डॉ.सोनेलाल पटेल से ज्यादा खतरनाक होगा। और सारे पुलिस वाले जेल की सलाखों में चले जाएंगे और इस तरह एक पत्रकार द्वारा खींचा गया फोटो उनके जीवन के लिए वरदान साबित हुआ।


निषाद ने इस घटना को दूसरा जालियावाला बाग हत्याकांड कहते हैं। क्योंकि इसी दिन किसानों, कमेरों, वंचितों के लिए आवाज उठाने वाले और बुद्ध के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने वाले डॉ.सोनेलाल पटेल और उनके सैकड़ों कार्यकर्ताओं को बुरी तरह से पिटा गया।पुलिस की निर्मम पिटाई से सोने लाल पटेल जी की हड्डियाँ चूर चूर हो गयी।भाजपा ने उनकी जिंदगी को बर्बाद कर दिया,उन्हीं के नाम पर राजनीति करने वाली उन्हीं की बेटी ज़मीर को बेचकर निज स्वार्थ में स्वाभिमानी पिता के प्रतिकूल आचरण करते भाजपा के हाथ की कठपुतली बन गई है। अनुप्रिया निज स्वार्थ में भाजपा के साथ